सच्चे भक्त के लक्षण – सब प्राणियों पर दया करना, सबका हित साधन करने में लगे रहना, किसी के गुणों में दोष ना देखना, सदा सत्य भाषण करना, सब के प्रति विनीत और कोमल बने रहना, इंद्रियों को वश में रखना, धर्म का आचरण और अधर्म का त्याग करना, ईश्वर की भक्ति और ध्यान करना, यदि असावधानी के कारण किसी के मन के विपरीत कोई व्यवहार हो जाए तो उसे अच्छी प्रकार दान से संतुष्ट करके प्रसन्न करना, मैं सबका स्वामी हूं ऐसे अहंकार को कभी पास ना आने देना।
सब दानों में अन्न दान उत्तम माना गया है। वह सब को प्रसन्न करने वाला पुण्य जनक तथा बल और पुष्टि को बढ़ाने वाला है। तीनों लोकों में अन्न दान के समान दूसरा कोई दान नहीं है। अन्न से ही प्राणी उत्पन्न होते और अन्न का अभाव होने पर मर जाते हैं। इसलिए अन्न दान सर्वश्रेष्ठ दान है।