सुबह सुबह ले शिव का नाम - अर्थ सहित


सुबह सुबह ले शिव का नाम

सुबह सुबह ले शिव का नाम,
कर ले बन्दे यह शुभ काम।
सुबह सुबह ले शिव का नाम,
शिव आयेंगे तेरे काम॥

ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय


खुद को राख लपेटे फिरते,
औरों को देते धन धाम।
देवो के हित विष पी डाला,
नील कंठ को कोटि प्रणाम॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम…


शिव के चरणों में मिलते,
सारे तीरथ चारो धाम।
करनी का सुख तेरे हाथों,
शिव के हाथों में परिणाम॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम….


शिव के रहते कैसी चिंता,
साथ रहे प्रभु आठों याम।
शिव को भजले सुख पायेगा,
मन को आएगा आराम॥

सुबह सुबह ले शिव का नाम….
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय


सुबह सुबह ले शिव का नाम,
कर ले बन्दे यह शुभ काम।
सुबह सुबह ले शिव का नाम,
शिव आयेंगे तेरे काम॥
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय


Subah Subah Le Shiv Ka Naam


Shiv Bhajan



सुबह सुबह ले शिव का नाम भजन का आध्यात्मिक महत्व

सुबह सुबह ले शिव का नाम भजन आध्यात्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण भजन है।

यह भजन हमें बताता है कि सुबह उठकर क्यों सबसे पहले भगवान शिव का नाम लेना चाहिए और उससे हमें क्या-क्या आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ मिलते है।

इस भजन की पंक्तियों से हमें कई महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संदेश मिलते हैं। ये सन्देश हमें जीवन जीने और दूसरों के साथ व्यवहार करने के तरीके में मदद कर सकते हैं।

इन संदेशों के अलावा, भजन हमें भगवान् शिव की दया और करुणा के बारे में भी बताता है।


सुबह उठकर सबसे पहले क्या करना चाहिए?

सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे यह शुभ काम।

शिव भगवान् को हिंदू धर्म में देवों का देव माना जाता है। इसलिए सुबह उठकर सबसे पहले भगवान शिव का नाम लेना चाहिए।

सुबह सुबह ईश्वर का स्मरण करने से हमें दिन भर के लिए सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति मिल जाती है और साथ ही साथ भगवान् का आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाता है, जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

इसलिए हमें अपने दिन की शुरुआत भगवान शिव के नाम का जाप करके करनी चाहिए और सकारात्मक और धार्मिक कार्यों में संलग्न होना चाहिए।


सभी चिंताओं और दु:खों से छुटकारा कैसे पा सकते है?

शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम।

यदि भगवान हमारे साथ हैं, तो हमें किसी चीज़ की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

इसलिए यदि हम सच्चे दिल से ईश्वर भक्ति करते है, तो भगवान हमेशा हमारे साथ होते हैं, चाहे दिन हो या रात, और वे हमें हर कदम पर मदद करते हैं।

यदि हमारे मन में हर समय ईश्वर का स्मरण है, जीवन में शिव हैं, तो हमें कोई चिंता नहीं करनी चाहिए।

यह इसलिए है क्योंकि शिव अपने भक्तों के रक्षक हैं। वह दिन-रात हमारे साथ रहते हैं और हमें हर समय मदद करते हैं।

शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम

भगवान की भक्ति हमें सुख और शांति प्रदान करती है।

ईश्वर की भक्ति से हमारा मन निर्मल होता है और हम जीवन में सही राह पर चल पाते हैं।

जब हम भगवान की भक्ति करते हैं, तो हम उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता हैं, जो हमें जीवन में खुशी और शांति प्रदान करता हैं। अर्थात ईश्वर भक्ति से व्यक्ति को आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है।

यह इसलिए है क्योंकि शिव सभी भलाई और करुणा के स्रोत हैं। जब हम उनकी भक्ति के माध्यम से उनसे जुड़ते हैं, तो हम उनकी दिव्य ऊर्जा तक पहुंच सकते हैं और अपने जीवन को बदल सकते हैं।


दूसरों की हमेशा मदद करे

खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम

भगवान शिव नि:स्वार्थ हैं। वे दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, भले ही वे खुद कठिनाइयों का सामना कर रहे हों।

इसलिए हमें भी दूसरों की मदद करने के लिए प्रयास करना चाहिए।

भजन की यह पंक्ति बताती है की शिवजी खुद राख लपटे फिरते है, लेकिन उदारतापूर्वक दूसरों को धन और समृद्धि प्रदान करते हैं।

इसी प्रकार हमें भी अपने धन और समृद्धि को दूसरों के साथ हमेशा साझा करते रहना चाहिए और विनम्र बने रहना चाहिए।

देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम॥

जब देवताओं और दैत्यों ने समुद्र मंथन किया, तो एक घातक विष निकला। कोई भी विष पीने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन शिवजी ने उसे पी लिया ताकि देवताओं को बचाया जा सके।

इसी प्रकार हमें भी दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

भगवान की भक्ति हमें दूसरों के प्रति दयालु और करुणावान बनने में मदद करती है।


भगवान शिव के चरणों की शरण लेने से क्या लाभ मिलता है?

शिव के चरणों में मिलते, सारे तीरथ चारो धाम।

भगवान शिव के चरणों में सभी तीर्थ और चारों धाम मिल जाते हैं। यानी की भोलेनाथ के चरणों की शरण लेने से सभी पवित्र स्थानों और तीर्थों के दर्शन के बराबर आध्यात्मिक सार और लाभ प्राप्त होता है।

इसका मतलब है कि शिव की भक्ति से हमें मोक्ष प्राप्त होता है और हम इस संसार के बंधनों से मुक्त हो जाते हैं।


कर्म और उसके परिणाम का सिद्धांत कैसा है?

करनी का सुख तेरे हाथों, शिव के हाथों में परिणाम

कर्म करना हमारे हाथ में है, यानी की हम जो करना चाहते हैं, वह करना हमारे हाथ में है। लेकिन, उसके परिणाम शिव के हाथ में हैं।

इसका मतलब है कि हम जो भी करते हैं, वह शिव की इच्छा के अनुसार होना चाहिए।

अगर हम शिव की इच्छा के अनुसार करते हैं,
जैसे की निस्वार्थ सेवा, दूसरों की मदद, बिना घमंड और अहंकार से किये गए कर्म, तो हमें उसके अच्छे परिणाम मिलेंगे।

लेकिन, अगर हम शिव की इच्छा के विरुद्ध करते हैं,
जैसे की स्वार्थ की भावना से मदद, अहंकार और घमंड के साथ कर्म यानी की मै कर रहा हूँ, इस भाव से कर्म, तो हमें उसके बुरे परिणाम मिलेंगे।


शिव का नाम लेने का आध्यात्मिक अर्थ क्या है?

शिव का नाम लेने का अर्थ है उनके गुणों और विशेषताओं को अपने जीवन में उतारना। शिव अत्यंत दयालु, करुणामय और न्यायप्रिय हैं। उनके नाम लेने से हम भी इन गुणों को अपने जीवन में विकसित कर सकते हैं।

शिव का नाम लेने का अर्थ है उनसे जुड़ना। जब हम उनके नाम का जाप करते हैं, तो हम उनके साथ एक आध्यात्मिक संबंध स्थापित करते हैं। इससे हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।

शिव का नाम लेने का अर्थ है अपने मन और आत्मा को शुद्ध करना। शिव का नाम एक शक्तिशाली मंत्र है जो हमारे मन और आत्मा को शुद्ध करने में मदद करता है।


भगवान् शिव किस प्रकार सहायता करते है?

सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम।

भजन की यह दूसरी पंक्ति है जो बताती है की क्यों सुबह-सुबह शिव का नाम लेने से हमारे सभी काम सफल होते हैं।

भगवान् शिव एक शक्तिशाली देवता हैं, लेकिन साथ ही साथ एक दयालु और परोपकारी भगवान हैं। वे हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करने और उनकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। हमारी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

इसलिए, सुबह-सुबह शिव का नाम लेने से हमें अपने जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।


Summary

इस प्रकार, भजन की पंक्तियों में हमें यह बताया गया है कि सुबह-सुबह शिव का नाम लेना एक बहुत ही शुभ काम है। इससे हमें शिव की कृपा प्राप्त होती है, हमारे सभी काम सफल होते हैं, हमें मोक्ष मिलता है और हम शिव की इच्छा के अनुसार कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं।


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