हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ - अर्थ सहित


हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ

शिव नाम से है जगत में उजाला।
हरी भक्तो के है, मन में शिवाला॥

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनों लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन, मेरा मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ॥

हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।


जग का स्वामी है तू, अन्तर्यामी है तू,
मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू।
तेरी शक्ति अपार, तेरा पावन है द्वार,
तेरी पूजा ही मेरा जीवन आधार।

धुल तेरे चरणों की ले कर,
जीवन को साकार किया॥
हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ….


मन में है कामना, कुछ मैं और जानू ना,
ज़िन्दगी भर करू तेरी आराधना।
सुख की पहचान दे, तू मुझे ज्ञान दे,
प्रेम सब से करूँ ऐसा वरदान दे।

तुने दिया बल निर्बल को,
अज्ञानी को ज्ञान दिया॥
हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ….


हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनों लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन, मेरा मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ॥

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनों लोक में तू ही तू।


Hey Shambhu Baba Mere Bhole Nath


Shiv Bhajan



हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ भजन का आध्यात्मिक अर्थ

शिव नाम से है जगत में उजाला।
हरी भक्तो के है, मन में शिवाला॥

यह पंक्ति भगवान शिव के नाम और उपस्थिति के महत्व पर प्रकाश डालती है। इसमें कहा गया है कि भगवान शिव का नाम दुनिया को रोशन करता है (जगत में उजाला)। इसके अलावा, यह इस बात पर जोर देता है कि भगवान के भक्तों का दिल (मन में) भगवान शिव के प्रति भक्ति से भरा हुआ है।

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ, तीनों लोक में तू ही तू
यह पंक्ति भगवान शिव को शंभू बाबा और भोले नाथ कहकर संबोधित करती है। यह स्वीकार करता है कि भगवान शिव तीनों लोकों (भौतिक, सूक्ष्म और कारण) में मौजूद हैं, जो उनकी सर्वव्यापकता को दर्शाता है।

श्रद्धा सुमन, मेरा मन बेलपत्री, जीवन भी अर्पण कर दूँ
यह पंक्ति भगवान शिव के प्रति भक्त की भक्ति और समर्पण को व्यक्त करती है। भक्त अपनी हार्दिक श्रद्धा (श्रद्धा सुमन) अर्पित करते हैं और अपने मन (मनुष्य) की तुलना बेल-पत्री से करते हैं, जो भगवान शिव को चढ़ाया जाने वाला एक पवित्र पत्ता है। भक्त अपना पूरा जीवन भगवान की सेवा में समर्पित करने की इच्छा व्यक्त करते हैं।

जग का स्वामी है तू, अन्तर्यामी है तू,
मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू।

यह पंक्ति भगवान शिव को ब्रह्मांड के स्वामी (जग का स्वामी) और सभी प्राणियों के आंतरिक नियंत्रक (अंतर्यामी) के रूप में स्वीकार करती है। इसमें कहा गया है कि भगवान भक्त के जीवन का सार या अंतर्निहित कहानी (कहानी) हैं।

तेरी शक्ति अपार, तेरा पावन है द्वार,
तेरी पूजा ही मेरा जीवन आधार।

यह पंक्ति भगवान शिव की अतुलनीय शक्ति का वर्णन करती है और इस बात पर जोर देती है कि उनका दिव्य निवास (द्वार) शुद्ध और पवित्र है। इसमें कहा गया है कि भक्त का जीवन भगवान शिव की पूजा (पूजा) में अपनी नींव और समर्थन (आधार) पाता है।

धुल तेरे चरणों की ले कर, जीवन को साकार किया॥
यह पंक्ति भगवान शिव के चरणों से धूल लेने को समर्पण के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में दर्शाती है। यह दर्शाता है कि ऐसा करके, भक्त ने अपने जीवन को एक मूर्त रूप (साकार) दिया है, जो भक्ति के माध्यम से उनके अस्तित्व के परिवर्तन और पवित्रीकरण का संकेत देता है।

मन में है कामना, कुछ मैं और जानू ना,
ज़िन्दगी भर करू तेरी आराधना।

यह पंक्ति भक्त की जीवन भर भगवान शिव की निरंतर पूजा (आराधना) करने की इच्छा को दर्शाती है। भक्त भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति के माध्यम से इन इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।

सुख की पहचान दे, तू मुझे ज्ञान दे,
प्रेम सब से करूँ ऐसा वरदान दे।

इस पंक्ति में भक्त भगवान शिव से आशीर्वाद मांगता है। भक्त सच्ची खुशी (सुख की पहचान) को पहचानने, बुद्धि (ज्ञान) प्रदान करने और सभी को बिना शर्त प्यार करने में सक्षम होने (प्रेम सब से करूं) की मांग करता है। भक्त भगवान शिव से एक आशीर्वाद चाहते हैं जो उन्हें इन गुणों को धारण करने में सक्षम बनाए।

तुने दिया बल निर्बल को, अज्ञानी को ज्ञान दिया॥
यह पंक्ति भगवान शिव की परिवर्तनकारी शक्ति को स्वीकार करती है। इसमें कहा गया है कि भगवान शिव ने निर्बल (निर्बल) को शक्ति (बल) दी है और अज्ञानी (अज्ञानी) को ज्ञान (ज्ञान) प्रदान किया है।

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ, तीनो लोक में तू ही तू।

ये भजन गहरी भक्ति, समर्पण और भगवान शिव से आध्यात्मिक विकास और आशीर्वाद की इच्छा व्यक्त करता हैं। भक्त भगवान शिव की सर्वव्यापकता, परिवर्तनकारी शक्ति और उनके जीवन को रोशन और समृद्ध करने में उनके नाम के महत्व को पहचानते हैं। भक्त अपना संपूर्ण अस्तित्व अर्पित करना चाहता है और भगवान के साथ अपने संबंध के माध्यम से आध्यात्मिक संतुष्टि पाना चाहता है।


Shiv Bhajan