अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा


अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा

अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा
भूत प्रेत नित करे चाकरी, सबका यहाँ गुज़ारा
अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा….


बाघ बैल को हरदम एक जगह पर राखे,
कभी ना एक दूजे को बुरी नज़र से ताके

कही और नही देखा हमने ऐसा गजब नज़ारा
अजब है भोलेनाथ, ये दरबार तुम्हारा….


गणपति राखे चूहा, कभी सर्प नही छुआ,
भोले सर्प लटकाए, कार्तिक मोर नचाए

आज का कानून नही है तेरा, अनुशाशित है सारे
अजब है भोलेनाथ, ये दरबार तुम्हारा….


अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा
भूत प्रेत नित करे चाकरी, सबका यहाँ गुज़ारा…


Ajab Hai Bholenath Ye Darbar Tumhara


Shiv Bhajan