Jago Jago Sherawali Savera Ho Gaya – Lyrics in Hindi


जागो शेरोवाली, सवेरा हो गया है

जागो जागो शेरोवाली, जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है।

तर्ज – मिलो ना तुम तो हम घबराये,

जागो जागो शेरोवाली, जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है।

फुट रही सूरज की लाली,
जागो ज्योतावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

जागो जागो शेरोवाली, जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

चहचहा रही चिड़ियों ने,
छोड़ा अपना बसेरा है।

किरणे सुनहरी चमकी,
कोयल ने दिल का तार छेड़ा है।

पुष्प हार लाये वनमाली,
जागो पहाड़ोवाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है।

जागो जागो शेरावाली जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

गाते है गीत झरने,
नदियों ने छेड़े माँ तराने है।

ठंडी पवन के झोंके,
मन को तो लगते माँ सुहाने है।

ओस में डूबी है हरियाली,
रात गई मतवाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

जागो जागो शेरावाली, जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

आचमन कराती गंगा,
मुख धो रहे है सिंधु सातो माँ।

पूजन को आया भक्त,
जागो जागो जागो शेरावाली माँ।

सजी आरती की है थाली,
जागो भवनोंवाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है।

जागो जागो शेरावाली जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

जागो जागो शेरोवाली, जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है।

फुट रही सूरज की लाली,
जागो ज्योतावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है॥

जागो जागो शेरोवाली, जागो मेहरावाली,
सवेरा हो गया है, सवेरा हो गया है।


Jago Jago Sherawali Savera Ho Gaya

Lakhbir Singh Lakkha


Durga Bhajan



Mano To Main Ganga Maa Hoon – Lyrics in Hindi


मानो तो मै गंगा माँ हूँ

मानो तो मै गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी।
जो स्वर्ग ने दी धरती को,
में हू प्यार की वही निशानी॥

मानो तो मै गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी॥


युग युग से मै बहती आई,
नील गगन के नीचे।
सदियो से ये मेरी धारा,
प्यार की धरती सींचे।
मेरी लहर लहर पे लिखी है
इस देश की अमर कहानी॥

मानो तो मै गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी॥
हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ


कोई वजब करे मेरे जल से,
कोई मूरत को नहलाए।
कही मोची चमड़े धोए,
कही पंडित प्यास बुझाए।
ये जात धरम के झगड़े,
इंसान की है नादानी॥

मानो तो मै गंगा मा हूँ,
ना मानो तो बहता पानी॥
हर हर गंगे, हर हर गंगे।


गौतम अशोक अकबर ने,
यहा प्यार के फूल खिलाए।
तुलसी ग़ालिब मीरा ने,
यहा ज्ञान के दिप जलाए।
मेरे तट पे आज भी गूँजे,
नानक कबीर की वाणी॥

मानो तो मै गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी॥


मानो तो मै गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी,
जो स्वर्ग ने दी धरती को,
मै हू प्यार की वही निशानी,


Mano To Main Ganga Maa Hoon

Tripty Shakya


Durga Bhajan



Laxmi Chalisa – 1


Durga Bhajan

श्री लक्ष्मी चालीसा – 1


॥दोहा॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा
करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्ध करि
पुरवहु मेरी आस॥

यही मोर अरदास,
हाथ जोड़ विनती करूँ।
सब विधि करौ सुवास,
जय जननि जगदंबिका॥

ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः


॥ चौपाई॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही।
ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोहि॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी।
सब विधि पुरबहु आस हमारी॥

जय जय जय जननि जगदम्बा।
सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥

तुम ही हो सब घट घट की वासी।
विनती यही हमारी खासी॥


जग जननी जय सिन्धु कुमारी।
दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी।
कृपा करौ जग जननि भवानी॥

केहि विधि स्तुति करौं तिहारी।
सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

कृपा दृष्टि चितवो मम ओरी।
जगजननी विनती सुन मोरी॥


ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता।
संकट हरो हमारी माता॥

क्षीर सिंधु जब विष्णु मथायो।
चौदह रत्न सिंधु में पायो॥

चौदह रत्न में तुम सुखरासी।
सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

जब जब जन्म प्रभु जहां लीन्हा।
रूप बदल तहं सेवा कीन्हा॥


स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा।
लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रकट जनकपुर माहीं।
सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥

अपनाया तोहि अन्तर्यामी।
विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

तुम सब प्रबल शक्ति नहिं आनी।
कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥


मन क्रम वचन करै सेवकाई।
मन- इच्छित वांछित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई।
पूजहिं विविध भांति मन लाई॥

और हाल मैं कहौं बुझाई।
जो यह पाठ करे मन लाई॥

ताको कोई कष्ट न होई।
मन इच्छित पावै फल सोई॥


त्राहि- त्राहि जय दुःख निवारिणी।
त्रिविध ताप भव बंधन हारिणि॥

जो यह पढ़े और पढ़ावे।
ध्यान लगाकर सुने सुनावै॥

ताको कोई न रोग सतावै।
पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

पुत्रहीन अरु सम्पति हीना।
अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥


विप्र बोलाय कै पाठ करावै।
शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा।
ता पर कृपा करैं गौरीशा॥

सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै।
कमी नहीं काहू की आवै॥

बारह मास करै जो पूजा।
तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥


प्रतिदिन पाठ करै मन माही।
उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई।
लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥

करि विश्वास करै व्रत नेमा।
होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी।
सब में व्यापित हो गुण खानी ॥


तुम्हारो तेज प्रबल जग माहीं।
तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै।
संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥

भूल चूक करि क्षमा हमारी।
दर्शन दीजै दशा निहारी॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी।
तुमहि अक्षत दुःख सहते भारी॥


नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में।
सब जानत हो अपने मन में॥

रुप चतुर्भुज करके धारण।
कष्ट मोर अब करहु निवारण॥

केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई।
ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई ॥


॥दोहा॥
त्राहि त्राहि दुःख हारिणी
हरो बेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी
करो दुश्मन का नाश॥

रामदास धरि ध्यान नित
विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर
करहु दया की कोर॥

Laxmi Chalisa - 1
Laxmi Chalisa – 1

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोही॥

Durga Bhajans

Laxmi Chalisa – 1

Laxmi Chalisa – 1


Doha:
Matu lakshmi kari kripa,
karo hridaya me vaas.
Manokamana siddh kari
purvahu meri aas.

Yahi mor ardaas
hath jor vinati karun.
Sab vidhi karo suvaas,
jai janani jagadambika.

Om shree mahalaxmyei namah

Chaupai
Sindhu suta main sumiraun tohi,
gyan buddhi vidya do mohi.

Tum samaan nahi koi upkari,
sab vidhi purbahu aas hamari.

Jai jai jai janani jagadamba,
sabki tum hi ho avalamba.

Tum hi ho sab ghat ghat ki vasi,
vinati yahi hamari khasi.

Jag janani jai sindhu kumari,
dinan ki tum ho hitakari.

Vinavaun nitya tumahin maharani,
kripa karau jag janani bhavani.

Kehi vidhi stuti karaun tihari,
sudhi lijai aparadh bisari.

Kripa drishti chitavo mam ori,
jag janani vinati sun mori.

Gyan buddhi jai sukh ki data,
sankat haro hamari mata.

Kshira sindhu jab vishnu mathayo,
chaudah ratna sindhu mein payo.

Chaudaha ratna mein tum sukharasi,
seva kiyo prabhu ban dasi.

Jab jab janma prabhu jahan linha,
roop badal tahan seva kinha.

Swayam vishnu jab nara tanu dhara,
leenheu avadhapuri avatara.

Tab tum prakat janakapur mahin,
seva kiyo hridaya pulakahin.

Apanaya tohi antaryami,
vishva vidit tribhuvan ki svami.

Tum sab prabal shakti nahin aani,
kahan lau mahima kahaun bakhani.

Man kram vachan karai sevakai,
man-ichchhita vanchhit phal pai.

Taji chhala kapat aur chaturai,
poojahin vividh bhanti man lai.

Aur hal main kahaun bujhai,
jo yah path kare man lai.

Tako koi kasht na hoi,
man ichchhita pavai phala soi.

Trahi trahi jai duhkh nivarini,
trividh taap bhav bandhan harini.

Jo yah padhe aur padhave,
dhyan lagakar sune sunavai.

Tako koi na rog satavai,
putra adi dhan sampatti pavai.

Putrahin aru sampati hina,
andha badhir kodhi ati dina.

Vipra bolaya kai path karavai,
shanka dil men kabhi na lavai.

Path karavai din chalisa,
ta par kripa karain gaurisha.

Sukh sampatti bahut si pavai,
kami nahin kahoo ki avai.

Barah mas karai jo puja,
tehi sam dhanya aur nahin duja.

Pratidin path karai man mahin,
un sam koi jag men kahu nahin.

Bahu vidhi kya main karaun badai,
leya pariksha dhyana lagai.

Kari vishvas karai vrat nema,
hoye siddha upajai ura prema.

Jai jai jai lakshmi bhavani,
sab men vyapita ho guna khani.

Tumharo tej prabal jag mahi,
tum sam kou dayalu kahun nahi.

Mohi anath ki sudhi ab lijai,
sankat kati bhakti mohi dije .

Bhool chook kari kshama hamari,
darshana dijai dasha nihari.

Bin darshan vyakul adhikari,
tumahin akshat dukh sahate bhari.

Nahin mohin gyan buddhi hai tan mein,
sab janat ho apne man mein .

Roop chaturbhuj karake dharan,
kasht mor ab karahu nivaran.

Kehi prakar main karaun badai,
gyan buddhi mohin nahin adhikai.

Doha:
Trahi trahi dhukh harini,
haro begi sab tras.

Jaiti jaiti jai laxmi,
karo dushman ka nash.

Ramdas dhari dhyan nit,
vinay karat kar jor.

Matu laxmi das par,
karhu daya ki kor.

Laxmi Chalisa - 1
Laxmi Chalisa – 1

Sindhu suta main sumirau tohi.
Gyaan buddhi vidya do mohi.

Durga Bhajans

Maiya Teri Jai Jaikaar – Teri God Mein Sar Hai Maiya – Lyrics in Hindi


मैया तेरी जय जयकार – तेरी गोद में सर है मैया

तेरी गोद में सर है मैया।
अब मुझको क्या डर है मैया॥

तेरी गोद में सर है मैया।
अब मुझको क्या डर है मैया॥

दुनियाँ नज़रें फेरे तो फेरे।
मुझपे तेरी नज़र है मैया॥


तेरी गोद में सर है मैया।
अब मुझको क्या डर है मैया॥

मैया तेरी जय जयकार
मैया तेरी जय जयकार


तेरा दरस यहाँ भी है।
तेरा दरस वहाँ भी है॥

हर दुःख से लड़ने को मैया।
तेरा एक जयकारा काफी है,
काफी है॥

मैया तेरी जय जयकार,
मैया तेरी जय जयकार,
दिल में लगा तेरा दरबार,
मैया तेरी जय जयकार॥


मैं सन्तान तू माता।
तू मेरी जीवन दाता॥

जग में सबसे गहरा मैया।
तेरा और मेरा है नाता,
है नाता॥

तेरी गोद में सर है मैया।
अब मुझको क्या डर है मैया॥

मैया तेरी जय जयकार
मैया तेरी जय जयकार


दुनियाँ नज़रें फेरे तो फेरे।
मुझपे तेरी नज़र है मैया॥

तेरी गोद में सर है मैया।
अब मुझको क्या डर है मैया॥

मैया तेरी जय जयकार
मैया तेरी जय जयकार


Maiya Teri Jai Jaikaar – Teri God Mein Sar Hai Maiya

Arijit Singh


Durga Bhajan



Ab Meri Bhi Suno, Hey Maat Bhawani – Lyrics in Hindi


अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी

ब्रह्मा जी को आन छुड़ाया,
मधुकैटब के बल से
माँ ने रूप धर शिव को बचाया,
भस्मासुर के छल से

सब देवो पर हुई सहाई,
माँ दुष्टों के दल से
और भक्तो की है प्यास बुझाई
चरण गंगा के जल से


अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी
अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी

मै तेरा ही बालक हूँ, जगत महारानी
अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी


सिंह सवारी करने वाली,
तेरी शान निराली है
तू है शारदा, तू ही लक्ष्मी,
तू ही तो महाकाली है

शुंभ-निशुम्भ पापी तूने संघारे,
महिषासुर के जैसे तुमने ही मारे

भक्तो के सारे संकट तुमने ही टारे,
मै भी हूँ आया मैया तेरे द्वारे

तेरा यश है उज्वल निर्मल,
ज्यू गंगा का पानी

अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी
मै तेरा ही बालक हूँ, जगत महारानी
अब मेरी भी सुनो


ब्रह्मा विष्णु शंकर ने भी
आद्यशक्ति को माना है
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे
वेद पुराण बखाना है

शक्ति से ही सेवा होती,
शक्ति से ही मान है
शक्ति से ही विजयी होता
हर इंसान है

शक्ति से ही भक्ति होती,
भक्ति मे कल्याण माँ
दे दो मुझे भी भक्ति,
गाऊं गुणगान माँ
कैसे मै गुणगान करूँ माँ,
मै तो हूँ अज्ञानी

अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी
मै तेरा ही बालक हूँ, जगत महारानी
अब मेरी भी सुनो


कण कण मे है देखी
सबने कैसे ज्योत समायी है
भीड़ पड़े जब भक्तो पे,
माँ दोडी दोडी आई है

मेरी पुकार सुन लो,
दर्श दिखा दो
कर दो दया की दृष्टि,
गले से लगा लो

भक्तो का मैया तुमने भाग सवारा
आया शरण मे भक्त एक दुखियारा
कर दे भक्त पे ओ मैया मेहरबानी

अब मेरी भी सुनो, हे मात भवानी
मै तेरा ही बालक हूँ, जगत महारानी
अब मेरी भी सुनो


Ab Meri Bhi Suno, Hey Maat Bhawani


Durga Bhajan



Aisa Pyar Baha De Maiya – Lyrics in Hindi


ऐसा प्यार बहा दे मैया

या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

दुर्गा दुर्गति दूर कर, मंगल कर सब काज।
मन मन्दिर उज्वल करो, कृपा करके आज॥


ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊं मैं।

ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊं मैं।

सब अंधकार मिटा दे मैया,
दरस तेरा कर पाऊं मैं॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया


जग मैं आकर जग को मैया,
अब तक ना पहचान सका।
क्यों आया हूँ, कहाँ है जाना,
यह भी ना मै जान सका।

तू है अगम अगोचर मैया,
कहो कैसे लख पाऊं मैं॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊँ मैं
ऐसा प्यार बहा दे मैया


कर कृपा जगदम्बा भवानी,
मैं बालक नादान हूँ।
नहीं आराधन, जप तप जानूं,
मैं अवगुण की खान हूँ।

दे ऐसा वरदान हे मैया,
सुमिरन तेरा ग़ाऊँ मैं॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊँ मैं
ऐसा प्यार बहा दे मैया


मै बालक तू मैया मेरी,
निष दिन तेरी ओट है
तेरी कृपासे ही मिटेगी,
भीतर जो भी खोट है।

शरण लगा लो मुझ को मैया,
तुझ पर बलि बलि जाऊं मैं॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊं मैं
ऐसा प्यार बहा दे मैया


ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊं मैं।
सब अंधकार मिटा दे मैया,
दरस तेरा कर पाऊं मैं॥



Durga Bhajan



समता और भक्ति

जो मन को वश में रखने वाला पुरुष दोष के समस्त हेतुओंको त्याग देता है, उसके धर्म,अर्थ और काम की थोड़ी सी भी हानि नहीं होती।

जो विद्या विनय संपन्न, सदाचारी पुरुष पापी के प्रति पापमय व्यवहार नहीं करता, कटु वचन बोलने वाले के प्रति भी प्रिय भाषण करता है तथा जिसका अंत:करण मैत्रीसे द्रवी भूत रहता है, मुक्ति उसकी मुट्ठी में रहती है।

जो वितराग महापुरुष कभी काम, क्रोध और लोभ आदि के वशीभूत नहीं होते तथा सर्वदा सदाचार में स्थित रहते हैं, उन्ही लोगों की भक्ति सच्ची भक्ति है।


Durga Bhajan



Bhavani Ashtakam – Meaning in Hindi


भवानी अष्टकम – अर्थ सहित


आदि शंकराचार्य रचित भवानी अष्टकम – हिंदी अर्थ सहित

न तातो न माता न बन्धुर्न दाता
न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता।
न जाया न विद्या न वृत्तिर्ममैव
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥१॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • न तातो, न माता – न पिता, न माता
  • न बन्धुर्न दाता – ना सम्बन्धी, न भाई बहन, न दाता
  • न पुत्रो, न पुत्री – न पुत्र, न पुत्री
  • न भृत्यो, न भर्ता – ना सेवक, न पति
  • न जाया, न विद्या – न पत्नी, न ज्ञान
  • न वृत्तिर्ममैव – और ना व्यापार ही मेरे हैं
  • गतिस्त्वं – एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो (तुम्हीं मेरा सहारा हो)
  • गतिस्त्वं – तुम्हीं मेरी गति हो (मैं केवल तुम्हारी शरण हूँ)
  • त्वमेका भवानि – हे भवानी

भावार्थ:

हे भवानी! पिता, माता, भाई बहन, दाता, पुत्र, पुत्री, सेवक, स्वामी, पत्नी, विद्या और व्यापार – इनमें से कोई भी मेरा नहीं है, हे भवानी माँ! एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो, मैं केवल आपकी शरण हूँ।


भवाब्धावपारे महादुःखभीरुः
पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः।
कुसंसार-पाश-प्रबद्धः सदाहं
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥२॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • भवाब्धावपारे – मैं अपार भवसागर में पड़ा हुआ हूँ,
  • महादुःखभीरु – महान् दु:खों से भयभीत हूँ;
  • पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः – कामी, लोभी, मतवाला तथा
  • कुसंसारपाश-प्रबद्धः सदाहं – कुसंसारके (घृणायोग्य संसारके) बन्धनों में बँधा हुआ हूँ
  • गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि – हे भवानी! अब एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो। मैं केवल तुम्हारी शरण हूँ।

भावार्थ:

हे भवानी माँ, मैं जन्म-मरण के इस अपार भवसागर में पड़ा हुआ हूँ, भवसागर के महान् दु:खों से भयभीत हूँ। मैं पाप, लोभ और कामनाओ से भरा हुआ हूँ तथा घृणायोग्य संसारके (कुसंसारके) बन्धनों में बँधा हुआ हूँ। हे भवानी! मैं केवल तुम्हारी शरण हूँ, अब एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो।


न जानामि दानं न च ध्यानयोगं
न जानामि तंत्रं न च स्तोत्र-मन्त्रम्।
न जानामि पूजां न च न्यासयोगम्
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥३॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • न जानामि दानं – मैं न तो दान देना जानता हूँ और
  • न च ध्यानयोगं – न ध्यान-योग का ही मुझे पता है,
  • न जानामि तंत्रं – तन्त्र का मुझे ज्ञान नहीं है और
  • न च स्तोत्र-मन्त्रम् – स्तोत्र-मन्त्रों का भी मुझे ज्ञान नहीं है
  • न जानामि पूजां – न मैं पूजा जानता हूँ
  • न च न्यासयोगम् – ना ही न्यास योग आदि क्रियाओं का मुझे ज्ञान है
  • गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि – हे देवि! हे भवानी! अब एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो

भावार्थ:

हे भवानी! मैं न तो दान देना जानता हूँ और न ध्यानयोग मार्ग का ही मुझे पता है। तंत्र, मंत्र और स्तोत्र का भी मुझे ज्ञान नहीं है। पूजा तथा न्यास योग आदि की क्रियाओं को भी मै नहीं जानता हूँ। हे देवि! हे माँ भवानी! अब एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो, मुझे केवल तुम्हारा ही आश्रय है।


न जानामि पुण्यं न जानामि तीर्थं
न जानामि मुक्तिं लयं वा कदाचित्।
न जानामि भक्तिं व्रतं वापि मात-
र्गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥४॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • न जानामि पुण्यं – न मै पुण्य जानता हूँ
  • न जानामि तीर्थं – न ही तीर्थों को जानता हूँ,
  • न जानामि मुक्तिं – न मुक्ति का ज्ञान है
  • लयं वा कदाचित् – न लय का (ईश्वर के साथ एक होने का ज्ञान)
  • न जानामि भक्तिं – मुझे भक्ति का ज्ञान नहीं है और
  • व्रतं वापि मात – हे माता! व्रत भी मुझे ज्ञात नहीं है
  • र्गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि – हे भवानी! अब केवल तुम्हीं मेरा सहारा हो, तुम्हीं मेरी गति हो।

भावार्थ:

हे भवानी माता! मै न पुण्य जानता हूँ, ना ही तीर्थों को, न मुक्ति का पता है न लय का। हे मा भवानी! भक्ति और व्रत भी मुझे ज्ञान नहीं है। हे भवानी! एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो, अब केवल तुम्हीं मेरा सहारा हो।


कुकर्मी कुसङ्गी कुबुद्धिः कुदासः
कुलाचारहीनः कदाचारलीनः।
कुदृष्टिः कुवाक्यप्रबन्धः सदाहम्
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥५॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • कुकर्मी कुसङ्गी – मैं कुकर्मी, बुरी संगति में रहने वाला (कुसंगी)
  • कुबुद्धिः कुदासः – दुर्बुद्धि, दुष्टदास
  • कुलाचारहीनः कदाचारलीनः – कुलोचित सदाचार से हीन, दुराचारपरायण (नीच कार्यो में ही प्रवत्त रहता हूँ),
  • कुदृष्टिः – कुदृष्टि (कुत्सित दृष्टि) रखने वाला और
  • कुवाक्यप्रबन्धः सदाहम् – सदा दुर्वचन बोलने वाला हूँ
  • गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि – हे भवानी! मुझ अधम की एकमात्र तुम्हीं गति हो

भावार्थ:

मैं कुकर्मी, कुसंगी (बुरी संगति में रहने वाला), कुबुद्धि (दुर्बुद्धि), कुदास(दुष्टदास) और नीच कार्यो में ही प्रवत्त रहता हूँ (सदाचार से हीन कार्य), दुराचारपरायण, कुत्सित दृष्टि (कुदृष्टि) रखने वाला और सदा दुर्वचन बोलने वाला हूँ। हे भवानी! मुझ अधम की एकमात्र तुम्हीं गति हो, मुझे केवल तुम्हारा ही आश्रय है।


प्रजेशं रमेशं महेशं सुरेशं
दिनेशं निशीथेश्वरं वा कदाचित्।
न जानामि चान्यत् सदाहं शरण्ये
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥६॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • प्रजेशं रमेशं महेशं सुरेशं – मैं ब्रह्मा, विष्णु, शिव, इन्द्र को नहीं जानता
  • दिनेशं निशीथेश्वरं वा कदाचित् – न मैं सूर्य को और न चन्द्रमा को जानता हूँ,
  • न जानामि चान्यत् – अन्य किसी भी देवता को नहीं जानता
  • सदाहं शरण्ये – हे शरण देनेवाली माता!
  • गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि – हे भवानी! एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो

भावार्थ:

हे माँ भवानी! मैं ब्रह्मा, विष्णु, शिव, इन्द्र को नहीं जानता हूँ। सूर्य, चन्द्रमा,तथा अन्य किसी भी देवता को भी नहीं जानता हूँ। हे शरण देनेवाली माँ भवानी! तुम्हीं मेरा सहारा हो, मैं केवल तुम्हारी शरण हूँ, एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो।


विवादे विषादे प्रमादे प्रवासे
जले चानले पर्वते शत्रुमध्ये।
अरण्ये शरण्ये सदा मां प्रपाहि
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥७॥

भावार्थ:

  • हे भवानी! तुम विवाद, विषाद में, प्रमाद, प्रवास में, जल, अनल में (अग्नि में), पर्वतो में, शत्रुओ के मध्य में और वन (अरण्य) में सदा ही मेरी रक्षा करो, हे भवानी माँ! मुझे केवल तुम्हारा ही आश्रय है, एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो।

अनाथो दरिद्रो जरा-रोगयुक्तो
महाक्षीणदीनः सदा जाड्यवक्त्रः।
विपत्तौ प्रविष्टः प्रणष्टः सदाहम्
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥८॥

भावार्थ:

  • हे माता! मैं सदा से ही अनाथ, दरिद्र, जरा-जीर्ण, रोगी हूँ। मै अत्यन्त दुर्बल, दीन, गूँगा, विपद्ग्रस्त (विपत्तिओं से घिरा रहने वाला) और नष्ट हूँ। अत: हे भवानी माँ! अब तुम्हीं एकमात्र मेरी गति हो, मैं केवल आपकी ही शरण हूँ, तूम्हीं मेरा सहारा हो।

॥इति श्रीमच्छड़्कराचार्यकृतं भवान्यष्टकं सम्पूर्णम्॥

Durga Bhajan List

Bhavani Ashtakam – Meaning in Hindi

Shankar Sahney


Aaj Tera Jagrata Mata Aaj Tera Jagrata – Lyrics in Hindi


आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता

जय अम्बे, जय जगदम्बे
सबके संकट हरने वाली माता, तेरी सदा ही जय
सबकी झोलिय भरने वाली माता, तेरी सदा ही जय

जो जयकारा बुलायेगा, निहाल हो जायेगा
बोल सांचे दरबार की जय

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
जगमग करती पावन ज्योति, हर कोई शीश झुकाता
माता माता माता माता…

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज जगराता है, माँ का जगराता है


माथे टीका, हाथों में चूड़ा,
सर पे सोहे मुकुट सुनहरा

नैनो में है प्यार का अमृत,
दिल ममता का सागर गहरा

भक्त जनो से अम्बे तेरा
बड़ा ही निर्मल नाता
माता माता माता माता…

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता


वैष्णो देवो को प्रणाम करूँ मैं, सौ सौ बार
चिंतपूर्णी को प्रणाम करूँ मैं, सौ सौ बार

ज्वाला माई को प्रणाम करूँ मैं, सौ सौ बार
सौ सौ बार, सौ सौ बार, सौ सौ बार

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज जगराता है, माँ का जगराता है


महिषासुर को मारने वाली,
रक्तबीज संघारने वाली

तू चामुंडा, तू रुद्रानी,
खडग खप्पर धारने वाली

काली तेरे रूप से तो
काली तेरे रूप से तो, काल भी घबराता
माता माता माता माता…

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता


नैना देवी को प्रणाम करूँ मैं, सौ सौ बार
अम्बा रानी को प्रणाम करूँ मैं, सौ सौ बार

मनसा देवी को प्रणाम करूँ मैं, सौ सौ बार
सौ सौ बार, सौ सौ बार, सौ सौ बार

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज जगराता है, माँ का जगराता है


जिनके सर पे हाथ तुम्हारा
तूफानों में पाए किनारा

वो ना बहके वो ना भटके
तू दे जिनको आप सहारा

जहाँ पे तेरा हो जगराता
जहाँ पे तेरा हो जगराता, कष्ट वहां ना आता
माता माता माता माता…

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता


तेरे चोले को प्रणाम भवानी, सौ सौ बार
तेरी पिण्डीओं को प्रणाम भवानी, सौ सौ बार

तेरे भक्तों को प्रणाम भवानी, सौ सौ बार
तेरी कंजकों को प्रणाम भवानी, सौ सौ बार
सौ सौ बार, सौ सौ बार, सौ सौ बार

आज तेरा जगराता माता, आज तेरा जगराता
आज जगराता है, माँ का जगराता है


शेरा वाली माता तेरी सदा ही जय
ज्योत वाली माता तेरी सदा ही जय

संकट हरनी माता तेरी सदा ही जय
मंगल करनी माता तेरी सदा ही जय

सारे बोलो, जय माता दी
प्रेम से बोलो, जय माता दी
ऊँचे बोलो, जय माता दी
जोर से बोलो, जय माता दी

मिल के बोलो, जय माता दी
भक्तो बोलो, जय माता दी
संतो बोलो, जय माता दी
जय माता दी, जय माता दी

जयकारा ज्योति वाली दा,
बोल सांचे दरबार की जय

जय हो, जय हो
जय हो, जय हो


Aaj Tera Jagrata Mata Aaj Tera Jagrata

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)

अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal)


Durga Bhajan



Bhavani Ashtakam – Bhavanyashtakam – Lyrics in Hindi


भवानी अष्टकम

आदि शंकराचार्य रचित भवानी अष्टकम

न तातो न माता, न बन्धुर्न दाता
न पुत्रो न पुत्री, न भृत्यो न भर्ता।
न जाया न विद्या, न वृत्तिर्ममैव
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥१॥

भवाब्धावपारे महादुःखभीरुः
पपात प्रकामी, प्रलोभी प्रमत्तः।
कुसंसार-पाश-प्रबद्धः सदाहं
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥२॥

न जानामि दानं, न च ध्यानयोगं
न जानामि तंत्रं, न च स्तोत्र-मन्त्रम्।
न जानामि पूजां, न च न्यासयोगम्
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥३॥

न जानामि पुण्यं, न जानामि तीर्थं
न जानामि मुक्तिं, लयं वा कदाचित्।
न जानामि भक्तिं, व्रतं वापि मात-
र्गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥४॥

कुकर्मी कुसङ्गी, कुबुद्धिः कुदासः
कुलाचारहीनः कदाचारलीनः।
कुदृष्टिः कुवाक्यप्रबन्धः सदाहम्
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥५॥

प्रजेशं रमेशं महेशं सुरेशं
दिनेशं निशीथेश्वरं वा कदाचित्।
न जानामि चान्यत् सदाहं शरण्ये
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥६॥

विवादे विषादे प्रमादे प्रवासे
जले चानले पर्वते शत्रुमध्ये।
अरण्ये शरण्ये सदा मां प्रपाहि
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥७॥

अनाथो दरिद्रो जरा-रोगयुक्तो
महाक्षीणदीनः सदा जाड्यवक्त्रः।
विपत्तौ प्रविष्टः प्रणष्टः सदाहम्
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥८॥

॥इति श्रीमच्छड़्कराचार्यकृतं भवान्यष्टकं सम्पूर्णम्॥


Bhavani Ashtakam – Bhavanyashtakam

Shankar Sahney


Durga Bhajan



Bolo Maa Ke Jaikare, Mit Jaye Sankat Sare – Lyrics in Hindi


बोलो माँ के जयकारे, मिट जाये संकट सारे

बोलो माँ के जयकारे, मिट जाये संकट सारे
मिट जाये संकट सारे, भर देगी माँ भंडारे

भर देगी माँ भंडारे, कर देगी वारे न्यारे
कर देगी वारे न्यारे, तुम बोलो रे जयकारे


तुम बोलो रे जयकारे, पहुचेंगे माँ के द्वारे
पहुचेंगे माँ के द्वारे, माँ बैठी राह निहारे

माँ बैठी राह निहारे, बैठी है खोल भंडारे
जो बोलेगा जयकारे, माँ उसके भाग सँवारे


ऊँचे पहाड़ो डेरा माँ का,
पथरीली और कठिन चढाई
मंजिल कट जायेगी यूँही.
मिल कर जयकारे बोलो रे भाई
मिल कर जयकारे बोलो रे भाई


जिसने गाया उसने पाया
जिसने नाम की धुनी लगाई
उसके सब संकट हरती है
पल भर में वैष्णो महामाई
पल भर में वैष्णो महामाई


जरा प्रेम से बोलो, जय माता दी
जरा जोर से बोलो, जय माता दी
अरे मिल के बोलो, जय माता दी
भाई दिल से बोलो, जय माता दी

माँ पार उतारे, जय माता दी
माँ कष्ट निवारे, जय माता दी


मोल ना लगता, जय माता दी
होठो पर सजता, जय माता दी
अरे ताली बजा के, जय माता दी
जरा शीश झुका के, जय माता दी

आते जाते, जय माता दी
तुम करो न बाते, जय माता दी
अरे बोल रे भक्ता, जय माता दी
तेरा कुछ नहीं घटता, जय माता दी

अरे आगे वालो, जय माता दी
पीछे वालो, जय माता दी


माँ शेरा वाली, जय माता दी
माँ मेहरा वाली, जय माता दी
माँ अष्टभुजी है, जय माता दी
क्या खूब सजी है, जय माता दी

माँ आदि भवानी, जय माता दी
माँ जग कल्याणी, जय माता दी
है शेर सवारी, जय माता दी
लगती बड़ी प्यारी, जय माता दी


माँ चक्र धरनी, जय माता दी
कष्ट हारिनी, जय माता दी
सबकी रखवाली, जय माता दी

माँ भोली भली, जय माता दी
माँ वैष्णव रानी, जय माता दी
अम्बे महारानी, जय माता दी

मा देके दर्शन, जय माता दी
कर देगी पावन, जय माता दी


बोलो माँ के जयकारे, मिट जाये संकट सरे
मिट जाये संकट सारे, भर देगी माँ भंडारे

भर देगी माँ भंडारे, कर देगी वारे न्यारे
कर देगी वारे न्यारे, तुम बोलो रे जयकारे


अरे बोलो जय जयकारे, पहुचेंगे माँ के द्वारे
पहुचेंगे माँ के द्वारे, माँ बैठी राह निहारे

माँ बैठी राह निहारे, बैठी है खोल भंडारे
जो बोलेगा जयकारे, माँ उसके भाग सँवारे


ये हाथी मत्था, जय माता दी
भक्तो का जत्था, जय माता दी
लो भवन आ गया, जय माता दी
अब कमी रही क्या, जय माता दी

यहाँ खुल्ले दर्शन, जय माता दी
करते है सब जन, जय माता दी
तुम दर्शन कर लो, जय माता दी
झोली भर लो, जय माता दी


इस गुफा के अन्दर, जय माता दी
बड़ा सोना मंदिर, जय माता दी
है अजब नज़ारा, जय माता दी
है स्वर्ग से प्यारा, जय माता दी

ये तीन पिंडिया, जय माता दी
है तीन शक्तिया, जय माता दी
फिर अंतिम दर्शन, जय माता दी
नयनो का वंदन, जय माता दी


देखो माँ का पवन धाम,
की बनते सब के बिगड़े काम
देखो माँ का पवन धाम,
हां बनते सब के बिगड़े काम
देखो माँ का पवन धाम

बोलो माँ के जयकारे, मिट जाये संकट सारे
मिट जाये संकट सारे, भर देगी माँ भंडारे


Bolo Maa Ke Jaikare, Mit Jaye Sankat Sare

Kumar Vishu


Durga Bhajan