Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108


Ram Bhajan

श्री राम, जय राम, जय जय राम मंत्र


राम मंत्र की महिमा

राम नाम मनीदीप धरु,
जीह देहरी द्वार।
तुलसी भीतर बाहरेहुँ,
जौं चाहसि उजियार॥ – तुलसीदास


अर्थ:

  • राम नाम मनीदीप धरु – तुलसीदासजी कहते है की रामनामरूपी मणिदीप
    • मनीदीप – ऐसा दीपक जो हवाके झोंके अथवा तेलकी कमीसे कभी न बुझनेवाला और नित्य प्रकाशमय है
  • जीह देहरी द्वार – मुखरूपी दरवाजेकी देहलीज पर रख दो (अर्थात जिव्हा से – जीभ से – सतत राम नाम का जाप करते रहो)
  • तुलसी भीतर बाहरेहुँ – यदि तू भीतर ( अर्थात मन में) और बाहर दोनों ओर
  • जौं चाहसि उजियारप्रकाश चाहता है तो
  • अर्थात लौकिक एवं पारमार्थिक ज्ञान के लिए जीभके द्वारा अखंडरूपसे श्रीराम नामका जाप करते रहो।

श्री राम, जय राम, जय जय राम मंत्र – 108 बार

1. श्री राम, जय राम, जय जय राम
2. श्री राम, जय राम, जय जय राम
3. श्री राम, जय राम, जय जय राम
4. श्री राम, जय राम, जय जय राम


5. श्री राम, जय राम, जय जय राम
6. श्री राम, जय राम, जय जय राम
7. श्री राम, जय राम, जय जय राम
8. श्री राम, जय राम, जय जय राम


9. श्री राम, जय राम, जय जय राम
10. श्री राम, जय राम, जय जय राम
11. श्री राम, जय राम, जय जय राम
12. श्री राम, जय राम, जय जय राम


13. श्री राम, जय राम, जय जय राम
14. श्री राम, जय राम, जय जय राम
15. श्री राम, जय राम, जय जय राम
16. श्री राम, जय राम, जय जय राम


17. श्री राम, जय राम, जय जय राम
18. श्री राम, जय राम, जय जय राम
19. श्री राम, जय राम, जय जय राम
20. श्री राम, जय राम, जय जय राम


21. श्री राम, जय राम, जय जय राम
22. श्री राम, जय राम, जय जय राम
23. श्री राम, जय राम, जय जय राम
24. श्री राम, जय राम, जय जय राम


25. श्री राम, जय राम, जय जय राम
26. श्री राम, जय राम, जय जय राम
27. श्री राम, जय राम, जय जय राम
28. श्री राम, जय राम, जय जय राम


29. श्री राम, जय राम, जय जय राम
30. श्री राम, जय राम, जय जय राम
31. श्री राम, जय राम, जय जय राम
32. श्री राम, जय राम, जय जय राम


33. श्री राम, जय राम, जय जय राम
34. श्री राम, जय राम, जय जय राम
35. श्री राम, जय राम, जय जय राम
36. श्री राम, जय राम, जय जय राम


37. श्री राम, जय राम, जय जय राम
38. श्री राम, जय राम, जय जय राम
39. श्री राम, जय राम, जय जय राम
40. श्री राम, जय राम, जय जय राम


41. श्री राम, जय राम, जय जय राम
42. श्री राम, जय राम, जय जय राम
43. श्री राम, जय राम, जय जय राम
44. श्री राम, जय राम, जय जय राम


45. श्री राम, जय राम, जय जय राम
46. श्री राम, जय राम, जय जय राम
47. श्री राम, जय राम, जय जय राम
48. श्री राम, जय राम, जय जय राम


49. श्री राम, जय राम, जय जय राम
50. श्री राम, जय राम, जय जय राम
51. श्री राम, जय राम, जय जय राम
52. श्री राम, जय राम, जय जय राम


53. श्री राम, जय राम, जय जय राम
54. श्री राम, जय राम, जय जय राम
55. श्री राम, जय राम, जय जय राम
56. श्री राम, जय राम, जय जय राम


57. श्री राम, जय राम, जय जय राम
58. श्री राम, जय राम, जय जय राम
59. श्री राम, जय राम, जय जय राम
60. श्री राम, जय राम, जय जय राम


61. श्री राम, जय राम, जय जय राम
62. श्री राम, जय राम, जय जय राम
63. श्री राम, जय राम, जय जय राम
64. श्री राम, जय राम, जय जय राम


65. श्री राम, जय राम, जय जय राम
66. श्री राम, जय राम, जय जय राम
67. श्री राम, जय राम, जय जय राम
68. श्री राम, जय राम, जय जय राम


69. श्री राम, जय राम, जय जय राम
70. श्री राम, जय राम, जय जय राम
71. श्री राम, जय राम, जय जय राम
72. श्री राम, जय राम, जय जय राम


73. श्री राम, जय राम, जय जय राम
74. श्री राम, जय राम, जय जय राम
75. श्री राम, जय राम, जय जय राम
76. श्री राम, जय राम, जय जय राम


77. श्री राम, जय राम, जय जय राम
78. श्री राम, जय राम, जय जय राम
79. श्री राम, जय राम, जय जय राम
80. श्री राम, जय राम, जय जय राम


81. श्री राम, जय राम, जय जय राम
82. श्री राम, जय राम, जय जय राम
83. श्री राम, जय राम, जय जय राम
84. श्री राम, जय राम, जय जय राम


85. श्री राम, जय राम, जय जय राम
86. श्री राम, जय राम, जय जय राम
87. श्री राम, जय राम, जय जय राम
88. श्री राम, जय राम, जय जय राम


89. श्री राम, जय राम, जय जय राम
90. श्री राम, जय राम, जय जय राम
91. श्री राम, जय राम, जय जय राम
92. श्री राम, जय राम, जय जय राम


93. श्री राम, जय राम, जय जय राम
94. श्री राम, जय राम, जय जय राम
95. श्री राम, जय राम, जय जय राम
96. श्री राम, जय राम, जय जय राम


97. श्री राम, जय राम, जय जय राम
98. श्री राम, जय राम, जय जय राम
99. श्री राम, जय राम, जय जय राम
100. श्री राम, जय राम, जय जय राम


101. श्री राम, जय राम, जय जय राम
102. श्री राम, जय राम, जय जय राम
103. श्री राम, जय राम, जय जय राम
104. श्री राम, जय राम, जय जय राम


105. श्री राम, जय राम, जय जय राम
106. श्री राम, जय राम, जय जय राम
107. श्री राम, जय राम, जय जय राम
108. श्री राम, जय राम, जय जय राम

Ram Bhajans

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108


1. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
2. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
3. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
4. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


5. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
6. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
7. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
8. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


9. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
10. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
11. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
12. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


13. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
14. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
15. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
16. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


17. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
18. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
19. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
20. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


21. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
22. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
23. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
24. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


25. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
26. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
27. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
28. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


29. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
30. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
31. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
32. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


33. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
34. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
35. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
36. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


37. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
38. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
39. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
40. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


41. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
42. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
43. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
44. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


45. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
46. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
47. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
48. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


49. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
50. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
51. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
52. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


53. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
54. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
55. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
56. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


57. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
58. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
59. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
60. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


61. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
62. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
63. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
64. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


65. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
66. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
67. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
68. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


69. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
70. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
71. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
72. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


73. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
74. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
75. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
76. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


77. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
78. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
79. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
80. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


81. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
82. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
83. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
84. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


85. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
86. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
87. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
88. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


89. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
90. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
91. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
92. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


93. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
94. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
95. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
96. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


97. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
98. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
99. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
100. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


101. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
102. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
103. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
104. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


105. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
106. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
107. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
108. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108
Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108

Ram Bhajans


Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning


Ram Bhajan

जय जय सुरनायक, जन सुखदायक – अर्थसहित


देवताओं द्वारा प्रभु श्री राम के अवतार के लिए प्रार्थना (अवतार हेतु निवेदन)


जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥
  • जय जय – आपकी जय हो! जय हो!!
  • सुरनायक – हे देवताओंके स्वामी,
  • जन सुखदायक – सेवकोंको सुख देनेवाले,
  • प्रनतपाल भगवंता – शरणागतकी रक्षा करनेवाले भगवान्!
  • गो द्विज हितकारी – हे गोब्राह्मणोंका हित करनेवाले,
  • जय असुरारी – असुरोंका विनाश करनेवाले,
  • सिधुंसुता प्रिय कंता – समुद्रकी कन्या ( श्रीलक्ष्मीजी) के प्रिय स्वामी!
    आपकी जय हो ।

हे देवताओंके स्वामी, सेवकोंको सुख देनेवाले, शरणागतकी रक्षा करनेवाले भगवान्! आपकी जय हो! जय हो!!
हे गोब्राह्मणोंका हित करनेवाले, असुरोंका विनाश करनेवाले, श्रीलक्ष्मीजी के प्रिय स्वामी! आपकी जय हो।

पालन सुर धरनी, अद्भुत करनी,
मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला, दीनदयाला,
करउ अनुग्रह सोई॥
  • पालन सुर धरनी – हे देवता और पृथ्वीका पालन करनेवाले!
  • अद्भुत करनी – आपकी लीला अद्भुत है,
  • मरम न जानइ कोई – उसका (आपकी लीला का) भेद कोई नहीं जानता।
  • जो सहज कृपाला – ऐसे जो स्वभावसे ही कृपालु और
  • दीनदयाला – दीनदयालु हैं
  • करउ अनुग्रह सोई – वे ही हमपर कृपा करें।

हे देवता और पृथ्वीका पालन करनेवाले! आपकी लीला अद्भुत है, उसका भेद कोई नहीं जानता ।
ऐसे जो स्वभावसे ही कृपालु और दीनदयालु हैं, वे ही हमपर कृपा करें।

जय जय अबिनासी, सब घट बासी
ब्यापक परमानंदा।
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं,
मायारहित मुकुंदा॥
  • जय जय – आपकी जय हो! जय हो!!
  • अबिनासी – हे अविनाशी,
  • सब घट बासी – सबके हृदयमें निवास करनेवाले ( अन्तर्यामी),
  • ब्यापक – सर्वव्यापक,
  • परमानंदा – परम आनन्दस्वरूप
  • अबिगत गोतीतं – अज्ञेय, इन्द्रियोंसे परे,
  • चरित पुनीतं – पवित्र चरित्र
  • मायारहित – मायासे रहित
  • मुकुंदा – मुकुन्द (मोक्षदाता)

हे अविनाशी, सबके हृदयमें निवास करनेवाले (अन्तर्यामी), सर्वव्यापक, परम आनन्दस्वरूप,
अज्ञेय, इन्द्रियोंसे परे, पवित्रचरित्र, मायासे रहित मुकुन्द (मोक्षदाता)! आपकी जय हो! जय हो!!

जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी
बिगतमोह मुनिबृंदा।
निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं,
जयति सच्चिदानंदा॥
  • जेहि लागि बिरागी – इस लोक और परलोकके सब भोगोंसे विरक्त मुनि
  • अति अनुरागी – अत्यन्त अनुरागी (प्रेमी) बनकर तथा
  • बिगतमोह मुनिबृंदा – मोहसे सर्वथा छूटे हुए ज्ञानी (मुनिवृन्द) भी
  • निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं – जिनका रातदिन ध्यान करते हैं और जिनके गुणोंके समूहका गान करते हैं,
  • जयति सच्चिदानंदा – उन सच्चिदानन्दकी जय हो।

(इस लोक और परलोकके सब भोगोंसे) विरक्त तथा मोहसे सर्वथा छूटे हुए (ज्ञानी) मुनिवृन्द भी अत्यन्त अनुरागी (प्रेमी) बनकर जिनका रातदिन ध्यान करते हैं और
जिनके गुणोंके समूहका गान करते हैं, उन सच्चिदानन्दकी जय हो ।

जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई,
संग सहाय न दूजा।
सो करउ अघारी चिंत हमारी,
जानिअ भगति न पूजा॥
  • जेहिं सृष्टि उपाई – जिन्होंने सृष्टि उत्पत्र की,
  • त्रिबिध बनाई – स्वयं अपनेको त्रिगुणरूप (ब्रह्मा, विष्णु शिवरूप) बनाकर
  • संग सहाय न दूजा – बिना किसी दूसरे संगी अथवा सहायताके
  • सो करउ अघारी – वे पापोंका नाश करनेवाले भगवान्
  • चिंत हमारी – हमारी सुधि लें
  • जानिअ भगति न पूजा – हम न भक्ति जानते हैं, न पूजा

जिन्होंने बिना किसी दूसरे संगी अथवा सहायकके अकेले ही बनाकर( या स्वयं अपनेको त्रिगुणरूप – ब्रह्मा, विष्णु शिवरूप में प्रगट कर), अथवा बिना किसी उपादानकारणके अर्थात् स्वयं ही सृष्टिका कारण बनकर तीन प्रकारकी सृष्टि उत्पत्र की, वे पापोंका नाश करनेवाले भगवान् हमारी सुधि लें। क्योंकि हम न भक्ति जानते हैं, न पूजा।

जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन,
गंजन बिपति बरूथा।
मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी,
सरन सकल सुर जूथा॥
  • जो भव भय भंजन – जो संसारके (जन्ममृत्युके) भयका नाश करनेवाले,
  • मुनि मन रंजन – मुनियोंके मनको आनन्द देनेवाले और
  • गंजन बिपति बरूथा – विपत्तियोंके समूहको नष्ट करनेवाले हैं,
  • मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी – हम सब देवताओंके समूह मन, वचन और कर्मसे चतुराई करनेकी बान छोड्‌कर
  • सरन सकल सुर जूथा – उन भगवान् की शरण आये हैं

जो संसारके (जन्ममृत्युके) भयका नाश करनेवाले, मुनियोंके मनको आनन्द देनेवाले और विपत्तियोंके समूहको नष्ट करनेवाले हैं, हम सब देवताओंके समूह मन, वचन और कर्मसे चतुराई करनेकी बान छोड्‌कर उन ( भगवान्) की शरण आये हैं।

सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा,
जा कहुँ कोउ नहि जाना।
जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे
द्रवउ सो श्रीभगवाना॥
  • सारद श्रुति सेषा – सरस्वती, वेद, शेषजी और
  • रिषय असेषा – सम्पूर्ण ऋषि
  • जा कहुँ कोउ नहि जाना – कोई भी जिनको नहीं जानते,
  • जेहि दीन पिआरे – जिन्हें दीन प्रिय हैं,
  • बेद पुकारे – ऐसा वेद पुकारकर कहते हैं,
  • द्रवउ सो श्रीभगवाना – वे ही श्रीभगवान् हमपर दया करें।

सरस्वती, वेद, शेषजी और सम्पूर्ण ऋषि कोई भी जिनको नहीं जानते,
जिन्हें दीन प्रिय हैं, ऐसा वेद पुकारकर कहते हैं, वे ही श्रीभगवान् हमपर दया करें।

भव बारिधि मंदर, सब बिधि सुंदर,
गुनमंदिर सुखपुंजा।
मुनि सिद्ध सकल, सुर परम भयातुर,
नमत नाथ पद कंजा॥
  • भव बारिधि मंदर – हे संसाररूपी समुद्रके (मथनेके) लिये मन्दराचलरूप,
  • सब बिधि सुंदर – सब प्रकारसे सुन्दर,
  • गुनमंदिर – गुणोंके धाम और
  • सुखपुंजा – सुखोंकी राशि
  • मुनि सिद्ध सकल, सुर परम भयातुर – नाथ! आपके चरणकमलोंमें मुनि, सिद्ध और
  • नमत नाथ पद कंजा – सारे देवता भयसे अत्यन्त व्याकुल होकर नमस्कार करते हैं ।

हे संसाररूपी समुद्रके (मथनेके) लिये मन्दराचलरूप, सब प्रकारसे सुन्दर, गुणोंके धाम और सुखोंकी राशि नाथ! आपके चरणकमलोंमें मुनि, सिद्ध और सारे देवता भयसे अत्यन्त व्याकुल होकर नमस्कार करते हैं ।

दोहा:
जानि सभय सुर भूमि
सुनि बचन समेत सनेह।
गगनगिरा गंभीर भइ
हरनि सोक संदेह॥
 

जनि डरपहु मुनि सिद्ध सुरेसा।
तुम्हहि लागि धरिहउँ नर बेसा॥
अंसन्ह सहित मनुज अवतारा।
लेहउँ दिनकर बस उदारा॥

  • जानि सभय सुरभूमि – देवता और पृथ्वीको भयभीत जानकर और
  • सुनि बचन समेत सनेह – उनके सेहयुत्ह वचन सुनकर
  • गगनगिरा गंभीर भइ, हरनि सोक संदेह – शोक और सन्देहको हरनेवाली गम्भीर आकाशवाणी हुई
  • जनि डरपहु मुनि सिद्ध सुरेसा – हे मुनि, सिद्ध और देवताओंके स्वामियो! डरो मत।
  • तुम्हहि लागि धरिहउँ नर बेसा – तुम्हारे लिये मैं मनुष्यका रूप धारण करूँगा और
  • अंसन्ह सहित मनुज अवतारा, लेहउँ दिनकर बस उदारा – उदार (पवित्र) सूर्यवंशमें अंशोसहित मनुष्यका अवतार लूँगा। [

देवता और पृथ्वीको भयभीत जानकर और उनके सेहयुत्ह वचन सुनकर शोक और सन्देहको हरनेवाली गम्भीर आकाशवाणी हुई – हे मुनि, सिद्ध और देवताओंके स्वामियो! डरो मत । तुम्हारे लिये मैं मनुष्यका रूप धारण करूँगा और उदार (पवित्र) सूर्यवंशमें अंशोसहित मनुष्यका अवतार लूँगा।
(श्रीरामचरितमानस )


Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning
Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning

Ram Bhajans

Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak

Sharma Bandhu

Prembhushan ji Maharaj

Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning


जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥

॥जय जय सुरनायक॥


पालन सुर धरनी, अद्भुत करनी,
मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला, दीनदयाला,
करउ अनुग्रह सोई॥

जय जय अबिनासी, सब घट बासी
ब्यापक परमानंदा।
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं,
मायारहित मुकुंदा॥

॥जय जय सुरनायक॥

(नारायण नारायण नारायण।
भजमन नारायण नारायण।)


जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी
बिगतमोह मुनिबृंदा।
निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं,
जयति सच्चिदानंदा॥

जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई,
संग सहाय न दूजा।
सो करउ अघारी चिंत हमारी,
जानिअ भगति न पूजा॥

॥जय जय सुरनायक॥

(नारायण नारायण नारायण।
भजमन नारायण नारायण नारायण॥)


जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन,
गंजन बिपति बरूथा।
मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी,
सरन सकल सुर जूथा॥

सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा,
जा कहुँ कोउ नहि जाना।
जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्
रवउ सो श्रीभगवाना॥

॥जय जय सुरनायक॥

(नारायण नारायण नारायण।
भजमन नारायण नारायण नारायण॥)


भव बारिधि मंदर, सब बिधि सुंदर,
गुनमंदिर सुखपुंजा।
मुनि सिद्ध सकल, सुर परम भयातुर,
नमत नाथ पद कंजा॥

जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥

॥जय जय सुरनायक॥

नारायण नारायण नारायण….।
श्रीमन, नारायण नारायण नारायण॥
भजमन, नारायण नारायण नारायण।
लक्ष्मी नारायण नारायण नारायण॥


दोहा:
जानि सभय सुरभूमि
सुनि बचन समेत सनेह।
गगनगिरा गंभीर भइ
हरनि सोक संदेह।

Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak
Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak

जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥

Ram Bhajans