Shyam Rang Me Rangi Chunariya – Lyrics in Hindi


श्याम रंग में रंगी चुनरिया

श्याम रंग में रंगी चुनरिया,
अब रंग दूजो भावे ना।

श्याम रंग में रंगी चुनरिया,
अब रंग दूजो भावे ना।
इन नैनन में श्यामा समायो,
और दुसरो आवे ना॥


बंसी वारे मोहन प्यारे,
छोड़ गए क्यों यमुना किनारे।
भक्त तुम्हारे बाट निहारे,
नैनन झरते असुवन धारे॥

लाग रही मन में दर्शन की,
और लगन यह जावे ना।
इन नैनन में श्यामा समायो,
और दुसरो आवे ना॥

श्याम रंग में रंगी चुनरिया,
अब रंग दूजो भावे ना।
इन नैनन में श्यामा समायो,
और दुसरो आवे ना॥


बोझा भारी रैन अँधियारी,
सूझत नाही, राह किनारी।
नाथ हमारे ओ त्रिपुरारी,
तारो या डारो मझधारी॥

तुम ही राह बता दो मोहन,
और कोई बतलावे ना।
इन नैनन में श्यामा समायो,
और दुसरो आवे ना॥

श्याम रंग में रंगी चुनरिया,
अब रंग दूजो भावे ना।
इन नैनन में श्यामा समायो,
और दुसरो आवे ना॥

श्याम रंग में रंगी चुनरिया,
अब रंग दूजो भावे ना।


Shyam Rang Me Rangi Chunariya

Seema Mishra


Krishna Bhajan



श्याम रंग में रंगी चुनरिया भजन का आध्यात्मिक महत्व

श्याम रंग में रंगी चुनरिया भजन एक व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास की यात्रा का वर्णन करता है। जब कोई व्यक्ति कृष्ण के प्रेम में पड़ता है, तो वह सांसारिक आकर्षणों से दूर हो जाता है। वह कृष्ण में अपना सर्वस्व खो देता है और केवल कृष्ण में आनंद पाता है।

श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना

भजन की पंक्तियों में बताया गया है भक्त जब कृष्ण के प्रेम में डूब जाता है तो उसे किसी और चीज के प्रति आकर्षण नहीं होता है। वह कहता है कि उसकी चुनरी कृष्ण के रंग में रंगी हुई है, इसलिए वह अब किसी और रंग को पसंद नहीं करेगा। वह अपनी आंखों में कृष्ण को समाए हुए है, इसलिए वह किसी और को देखने के लिए इच्छुक नहीं है।

श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना अर्थात भक्त की चुनरी कृष्ण के प्रेम के रंग में रंग गई है। यह प्रेम इतना गहरा है कि भक्त किसी और रंग को पसंद नहीं करेगा। वह कृष्ण के रंग में इतना डूब गया है कि वह सांसारिक आकर्षणों को नहीं देख सकता है।

भक्त की चुनरी, या दुपट्टा, उसके शरीर और मन का प्रतीक है। जब वह कहता है कि यह कृष्ण के रंग में रंग गया है, अर्थात कृष्ण के प्रति उसके प्रेम ने उसका शरीर और मन पूरी तरह से बदल दिया है। उसे अब दुनिया की किसी भी चीज़ में कोई दिलचस्पी नहीं है।

इन नैनन में श्यामा समायो, और दुसरो आवे ना – भक्त की आंखों में कृष्ण समा गए हैं। यह प्रेम इतना शक्तिशाली है कि भक्त किसी और को देखने के लिए इच्छुक नहीं है। वह अपनी आंखों में केवल कृष्ण को देखता है।

इन नैनन में श्यामा समायो, और दुसरो आवे ना

भक्त की आंखें उसकी आंतरिक दृष्टि का प्रतीक हैं। जब वह कहता है कि कृष्ण उसकी आँखों में बस गए हैं, यानी कि अब वह जहाँ भी देखता है, कृष्ण को ही देखता है। उसे अब दुनिया में और कुछ भी देखने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

भक्त कृष्ण के प्रेम में इतना डूब गया है कि वह किसी और चीज के बारे में सोचना नहीं चाहता है। वह केवल कृष्ण को देखना, सुनना, और महसूस करना चाहता है। वह कृष्ण के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता।

इस भजन का संदेश यह है कि कृष्ण से प्रेम आध्यात्मिक विकास की यात्रा में आगे बढ़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वो हमें सांसारिक आकर्षणों से दूर कर सकता है। यह भजन एक आदर्श भक्त की स्थिति का वर्णन करता है। यह भक्त की आध्यात्मिक परिपक्वता और उसके कृष्ण-प्रेम की गहराई को दर्शाता है।


Krishna Bhajan



Bata Mere Yaar Sudama Re – Lyrics in Hindi


बता मेरे यार सुदामा रे – भाई घणे दीना में आया

बता मेरे यार सुदामा रे, भाई घणे दीना में आया॥


बालक था रे जब आया करता,
रोज खेल के जाया करता।
हुई के तकरार सुदामा रे,
भाई घणे दीना में आया॥
बता मेरे यार सुदामा रे….


म्हणे सुणा दे कुटुंब कहाणी,
क्यों कर पड़ गई ठोकर खाणी।
टोटे की मार सुदामा रे,
भाई घणे दीना में आया॥
बता मेरे यार सूदामा रे….


सब बच्चो का हाल सुणा दे,
मिसरानी की बात बता दे।
रे क्यों गया हार सुदामा रे,
भाई घणे दीना में आया,
बता मेरे यार सूदामा रे….


चहिये था रे तने पहल मे आणा,
इतना दुःख नही पड़ता ठाणा (उठाणा)।
क्यों भुला प्यार सुदामा रे,
भाई घणे दीना में आया॥
बता मेरे यार सूदामा रे….


इब भी आ गया ठीक बखत पे,
आजा बैठ जा मेरे तखत पे।
ओ जिगरी यार सुदामा रे,
भाई घणे दीना में आया॥
बता मेरे यार सुदामा रे….


आजा भगत छाती के लालयू,
इब बता तने कणे बिठालयू
करूँ साहूकार सुदामा रे,
भाई घणे दीना में आया॥
बता मेरे यार सुदामा रे….


बता मेरे यार सुदामा रे, भाई घणे दीना में आया॥
बता मेरे यार सुदामा रे, भाई घणे दीना में आया॥

Bata Mere Yaar Sudama Re

Vidhi Deshwal


Krishna Bhajan



Hare Krishna Mantra (Dhun)


Krishna Bhajan

हरे कृष्ण मंत्र (धुन) – हरे राम, हरे कृष्ण


हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।


हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम
राम राम, हरे हरे॥

हरे राम हरे कृष्ण – हरे राम हरे कृष्ण

हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा, हरे रामा
रामा रामा , हरे हरे॥


हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम
राम राम, हरे हरे॥


हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा, हरे रामा
रामा रामा , हरे हरे॥

Hare Krishna Mantra (Dhun) - Hare Rama Hare Krishna
Hare Krishna Mantra – Hare Rama Hare Krishna (Dhun)

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम
राम राम, हरे हरे॥

Krishna Bhajans

Hare Krishna Mantra (Dhun) – Hare Rama Hare Krishna

Shankar Mahadevan

Hare Krishna Mantra (Dhun) – Hare Rama Hare Krishna


Hare Krishna, Hare Krishna,
Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama,
Rama Rama, Hare Hare

Hare Krishnaa, Hare Krishnaa,
Krishnaa Krishnaa, Hare Hare
Hare Raamaa, Hare Raamaa,
Raamaa Ramaa, Hare Hare

Hare Krishna, Hare Krishna,
Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama,
Rama Rama, Hare Hare

Hare Krishnaa, Hare Krishnaa,
Krishnaa Krishnaa, Hare Hare
Hare Raamaa, Hare Raamaa,
Raamaa Ramaa, Hare Hare

Hare Krishna Mantra (Dhun)
Hare Krishna Mantra (Dhun)

Hare Krishna, Hare Krishna,
Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama,
Rama Rama, Hare Hare

Krishna Bhajans

Om Namo Bhagavate Vasudevaya Mantra


Krishna Bhajan

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
3. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
4. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


5. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
6. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
7. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
8. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


9. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
10. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
11. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
12. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


13. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
14. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
15. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
16. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


17. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
18. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
19. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
20. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


21. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
22. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
23. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
24. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


25. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
26. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
27. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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29. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
30. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
31. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
32. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


33. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
34. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
35. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
36. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


37. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
38. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
39. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
40. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


41. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
42. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
43. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
44. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


45. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
46. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
47. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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101. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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106. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
107. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

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Krishna Bhajans

Om Namo Bhagavate Vasudevaya Mantra

Shankar Mahadevan

Om Namo Bhagavate Vasudevaya Mantra


1. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
2. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
3. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
4. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


5. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
6. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
7. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
8. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


9. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
10. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
11. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
12. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


13. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
14. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
15. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
16. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


17. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
18. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
19. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
20. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


21. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
22. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
23. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
24. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


25. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
26. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
27. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
28. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


29. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
30. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
31. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
32. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


33. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
34. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
35. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
36. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


37. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
38. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
39. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
40. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


41. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
42. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
43. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
44. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


45. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
46. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
47. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
48. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


49. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
50. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
51. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
52. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


53. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
54. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
55. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
56. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


57. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
58. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
59. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
60. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


61. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
62. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
63. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
64. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


65. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
66. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
67. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
68. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


69. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
70. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
71. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
72. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


73. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
74. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
75. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
76. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


77. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
78. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
79. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
80. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


81. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
82. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
83. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
84. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


85. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
86. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
87. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
88. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


89. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
90. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
91. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
92. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


93. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
94. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
95. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
96. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


97. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
98. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
99. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
100. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


101. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
102. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
103. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
104. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


105. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
106. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
107. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
108. Om Namo Bhagavate Vasudevaya

Krishna Bhajans

Kali Kamli Wala Mera Yaar Hai – Lyrics in Hindi


काली कमली वाला, मेरा यार है

काली कमली वाला, मेरा यार है भजन के इस पेज में पहले इस कृष्ण भजन के हिंदी लिरिक्स दिए गए हैं।

बाद में “काली कमली वाला, मेरा यार है” भजन का आध्यात्मिक महत्व दिया गया है और हमें इस भजन से कौन कौन सी आध्यात्मिक बातें सिखने को मिलती है, यह बताया गया है।


ओ गिरिधर, ओ कान्हा, गोपाला, नंदलाला,
मेरे मोहन, मेरे कान्हा, तू आ ना, तरसा ना।


काली कमली वाला, मेरा यार है,
मेरे मन का मोहन, तू दिलदार है।

[काली कमली वाला, मेरा यार है,
मेरे मन का मोहन, तू दिलदार है।]
तू मेरा यार है, मेरा दिलदार है॥


मन मोहन मैं तेरा दीवाना,
गाउँ बस अब यही तराना।
श्याम सलोने तू मेरा रिझवार है,
मेरे मन का मोहन, तू दिलदार है॥
[काली कमली वाला….]


तू मेरा, मै तेरा प्यारे,
ये जीवन अब तेरे सहारे।
तेरे हाथ इस जीवन की पतवार है,
मेरे मन का मोहन, तू दिलदार है॥
[काली कमली वाला….]


पागल प्रीत की एक ही आशा,
दर्दे दिल दर्शन का प्यासा।
तेरे हर वादे पे मुझे ऐतबार है,
मेरे मन का मोहन तू दिलदार है॥
[काली कमली वाला….]


तुझको अपना मान लिया है,
यह जीवन तेरे नाम किया है।
मुझको तो बस तुमसे ही प्यार है,
मेरे मन का मोहन तू दिलदार है॥
[काली कमली वाला….]


काली कमली वाला, मेरा यार है,
मेरे मन का मोहन, तू दिलदार है।
तू मेरा यार है, मेरा दिलदार है॥
तू मेरा यार है, मेरा दिलदार है॥


Kali Kamli Wala Mera Yaar Hai

Chitra Vichitra Ji Maharaj


Krishna Bhajan



काली कमली वाला, मेरा यार है भजन का आध्यात्मिक महत्व

काली कमली वाला, मेरा यार है भजन की पंक्तियों से हमें कई आध्यात्मिक सन्देश मिलते हैं।

भजन की पंक्तियों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें भगवान के चरणों में पूर्ण रूप से समर्पित होना चाहिए, उन्हें प्रेम करना चाहिए और उन पर अपना पूर्ण विश्वास रखना चाहिए।

हमें चाहिए कि हम अपने जीवन को भगवान के लिए समर्पित करें और केवल उनकी आराधना करें। हम भगवान के प्रति तीव्र प्रेम और अनुराग रखें और उनसे केवल उनके दर्शन की आशा करें।

हम भगवान के हर वादे पर भरोसा करें और उनका आभार व्यक्त करें।

भजन की पंक्तियों से कई आध्यात्मिक बाते हम सीख सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

भक्ति का महत्व

काली कमली वाला, मेरा यार है, मेरे मन का मोहन, तू दिलदार है।

भजन की इस पहली पंक्ति में भक्त भगवान कृष्ण को अपना यार कहता है, दिलदार कहता है। यह उसके मन में भगवान के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। वह भगवान को अपना सबसे अच्छा दोस्त और साथी मानता है।

यह सिखाता है कि आध्यात्मिक जीवन में भगवान के प्रति प्रेम और आदर का बहुत महत्व होता है।


भगवान में विश्वास

मन मोहन मैं तेरा दीवाना, गाउँ बस अब यही तराना।

भक्त कहता है कि वह भगवान का दीवाना है, जो भगवान के प्रति तीव्र प्रेम और अनुराग को दर्शाता है। वह भगवान से इतना प्रेम करता है कि उनके बिना रह नहीं सकता।

इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि आध्यात्मिक भक्ति में समर्पण और सेवा का भाव कितना जरूरी होता है।


भगवान में भरोसा और समर्पण

श्याम सलोने तू मेरा रिझवार है॥ तू मेरा, मै तेरा प्यारे, ये जीवन अब तेरे सहारे। तेरे हाथ इस जीवन की पतवार है॥

भक्त कहता है कि उसका जीवन भगवान के सहारे है और वह सिर्फ भगवान पर भरोसा करता है। यह बातें भक्तके मन में भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण, पूर्ण विश्वास और भरोसे को दर्शाती है।

उसका मानना है कि केवल भगवान ही उसका जीवन सफल बना सकते हैं। और भगवान हमेशा उसके साथ हैं और उसे कभी नहीं छोड़ेंगे।

यह हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन को भगवान के साथ साझा करना चाहिए और हमें सभी परिस्थितियों में उनका सहारा लेना चाहिए।


भगवान में भक्ति

पागल प्रीत की एक ही आशा, दर्दे दिल दर्शन का प्यासा।

भक्त भगवान से केवल दर्शन की आशा करता है। यह उसके मन में भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम को दर्शाता है। उसका मानना है कि केवल भगवान का दर्शन ही उसे पूर्ण कर सकता है।


भगवान में विश्वास

तेरे हर वादे पे मुझे ऐतबार है॥

भक्त को भगवान के हर वादे पर भरोसा होता है। और साथ ही साथ यह भी मानता है की कि भगवान हमेशा अपने वादों को पूरा करते हैं। यह मानना यह बताता है की उसके मन में में भगवान के प्रति पूर्ण विश्वास और भरोसा है।


भगवान में समर्पण

तुझको अपना मान लिया है, यह जीवन तेरे नाम किया है।

भक्त अपना जीवन भगवान को समर्पित कर देता है। क्योंकि वह यह मानता है की है कि केवल भगवान ही उसका जीवन सफल बना सकते हैं।

यह पंक्ति यह भी बताती है की भक्त ने कैसे अपनी आत्मा को भगवान के साथ जोड़ लिया है और अपने जीवन को भगवान के नाम में बसा दिया है।


Summary

इस प्रकार भजन की पंक्तियों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें भगवान में विश्वास करना चाहिए, उनसे प्रेम करना चाहिए और उन पर अपना भरोसा रखना चाहिए।

भक्त भगवान को अपना यार, दिलदार और रिझवार कहता है, जो उसके मन में भगवान के प्रति गहरी आस्था और भक्ति को दर्शाता है।

जब भक्त कहता है की वह भगवान का दीवाना है और केवल भगवान के गीत गाता है, तो यह भक्त के मन में भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाता है।

इस भजन के माध्यम से, हमें ईश्वर के प्रति प्रेम, समर्पण, आत्मा का साक्षात्कार, आशा, और उम्मीद के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक सिद्धांतों का संदेश मिलता है, जो हमारे आध्यात्मिक जीवन में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

भक्त भगवान पर पूर्ण विश्वास और भरोसा व्यक्त करता है। वह भगवान के हर वादे पर विश्वास करता है और उसे अपना मान लेता है, जो भक्त के मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और आस्था को दर्शाता है।


Krishna Bhajan



Meri Vinti Yahi Hai Radha Rani – Lyrics in Hindi


मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना

मेरी विनती यही है राधा रानी,
कृपा बरसाए रखना

हे महारानी, कृपा बरसाए रखना
हे राधा रानी, कृपा बरसाए रखना

मेरी विनती यही है राधा रानी,
कृपा बरसाए रखना


मुझे तेरा ही सहारा महारानी,
तेरा ही सहारा महारानी,
चरणों से लिपटाए रखना
कृपा बरसाए रखना


छोड दुनिया के झूठे नाते सारे,
किशोरी तेरे दर पे आ गया

हे महारानी, किशोरी तेरे दर पे आ गया
हे राधा रानी, किशोरी तेरे दर पे आ गया

छोड दुनिया के झूठे नाते सारे,
किशोरी तेरे दर पे आ गया

मैंने तुमको पुकारा ब्रज रानी,
तुमको पुकारा ब्रज रानी,
के जग से बचाए रखना,
कृपा बरसाए रखना

हे महारानी, कृपा बरसाए रखना
हे राधा रानी, कृपा बरसाए रखना

श्री राधा…., श्री राधा….
श्री राधा…., श्री राधा….


इन स्वांसो की माला पे मैं,
सदा ही तेरा नाम सिमरूं

हे राधा रानी, सदा ही तेरा नाम सिमरूं
हे महारानी, सदा ही तेरा नाम सिमरूं

इन स्वांसो की माला पे मैं,
सदा ही तेरा नाम सिमरूं

लागी राधा, श्री राधा नामावली,
राधा, श्री राधा नामावली,
लगन यह लगाए रखना
कृपा बरसाए रखना

हे महारानी, कृपा बरसाए रखना
हे राधा रानी, कृपा बरसाए रखना

श्री राधा…., श्री राधा….
श्री राधा…., श्री राधा….


तेरे नाम के रंग में रंग के
मैं डोलूं ब्रज गलियन में

श्री राधा रानी, मैं डोलूं ब्रज गलियन में
हे महारानी, मैं डोलूं ब्रज गलियन में

तेरे नाम के रंग में रंग के
मैं डोलूं ब्रज गलियन में

कहे भक्त श्यामा प्यारी
वृन्दावन बसाए रखना
कृपा बरसाए रखना

हे महारानी, कृपा बरसाए रखना
हे राधा रानी, कृपा बरसाए रखना

श्री राधा…., श्री राधा….
श्री राधा…., श्री राधा….


मेरी विनती यही है राधा रानी,
कृपा बरसाए रखना

मेरी विनती यही है राधा रानी,
कृपा बरसाए रखना


Meri Vinti Yahi Hai Radha Rani Kripa Barsaye Rakhna

Chitra Vichitra


Krishna Bhajan



Jari Ki Pagdi Bandhe Sundar Aankhon Wala – Lyrics in Hindi


ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला

ज़री की पगड़ी बाँधे,
सुंदर आँखों वाला।
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा॥

ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा॥


कानों में कुण्डल साजे,
सिर मोर मुकुट विराजे,
सखियाँ पगली होती,
जब-जब होठों पे बंशी बाजे।

हैं चंदा यह सांवरा,
तारे हैं ग्वाल बाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा॥

ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा॥


लट घुँघरे बाल,
तेरे कारे कारे बाल,
सुन्दर श्याम सलोना,
तेरी टेडी मेडी चाल।

हवा में सर-सर करता,
तेरा पीताम्बर मतवाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा॥

ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा॥


मुख पे माखन मलता,
तू बल घुटने के चलता,
देख यशोदा भाग्य को,
देवों का भी मन जलता।

माथे पे तिलक सोहे,
आँखों में काज़ल डाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा॥

ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा॥


तू जब बंसी बजाए,
तब मोर भी नाच दिखाए,
यमुना में लहरें उठती और
कोयल भी कू-कू गाए।

हाथ में कँगन पहने और
गल वैजयंती माला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा॥

ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा॥


ज़री की पगड़ी बाँधे,
सुंदर आँखों वाला।
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा॥


Jari Ki Pagdi Bandhe Sundar Aankhon Wala

Mridul Krishna Shastri


Krishna Bhajan



Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do – Lyrics in Hindi


अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो

(देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल
कृष्ण के दर पे विश्वास लेके आया हूँ
मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम
यही सोच कर मै आस करके आया हूँ)


अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो,
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है

भटकते भटकते न जाने कहां से
तुम्हारे महल के करीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है


न सर पे है पगड़ी, न तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा

एक बार मोहन से जा कर के कह दो
के मिलने सखा बद-नसीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है


सुनते ही दौड़े चले आये मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन

हुआ रुकमणी को बहुत ही अचंभा
यह मेहमान कैसा अजीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है


बराबर में अपने सुदामा बिठाए,
चरण आंसुओं से श्याम ने धुलाए

ना घबराओ प्यारे जरा तुम सुदामा,
ख़ुशी का समां तेरे करीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है


Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do

Lakha


Krishna Bhajan



Phoolon Me Saj Rahe Hai – Lyrics in Hindi


Phoolon Me Saj Rahe Hai, Shri Vrindavan Bihari Lyrics

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं, वृषभानु की दुलारी॥


फूलों में सज रहे है, श्री वृंदावन बिहारी एक लोकप्रिय कृष्ण भजन है जिसमें भगवान कृष्ण और राधा, जो फूलों से सजे हुए हैं, की सुंदरता और कृपा का वर्णन किया गया है ।

इस भजन को प्रसिद्ध भजन गायक श्री विनोद अग्रवाल जी ने गाया है। मधुर धुन और श्री विनोदजी की वाणी हृदय को भक्ति से भर देती है, और माहौल भक्तिमय बन जाता है।


फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं, वृषभानु की दुलारी॥


टेढ़ा सा मुकुट सर पर, रखा है किस अदा से।
करुणा बरस रही है, करुणा भरी निगाह से।
बिन मोल बिक गयी हूँ, जब से छवि निहारी

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।


बैंयां गले में डाले, जब दोनों मुस्कराते।
सबको ही प्यारे लगते, सबके ही मन को भाते।
इन दोनों पे मैं सदके, इन दोनों पे मैं वारी॥

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।


श्रृंगार तेरा प्यारे, शोभा कहूँ क्या उसकी।
श्रृंगार तेरा प्यारे, शोभा कहूँ क्या उसकी।
इतपे गुलाबी पटका, उतपे गुलाबी साड़ी॥

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।


नीलम से सोहे मोहन, स्वर्णिम सी सोहे राधा
नीलम से सोहे मोहन, स्वर्णिम सी सोहे राधा।
इत नन्द का है छोरा, उत भानु की दुलारी॥

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।


चुन चुन के कलियाँ जिसने, बंगला तेरा बनाया।
दिव्य आभूषणों से, जिसने तुझे सजाया।
उन हाथों पे मैं सदके, उन हाथों पे मैं वारी॥

फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।


फूलो सें सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।
और साथ सज रही हैं, वृषभानु की दुलारी॥


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Phoolon Mein Saj Rahe Hai Piano Notes

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Phoolon Mein Saj Rahe Hai Harmonium Notes


Phoolon Me Saj Rahe Hai – Shri Vrindavan Bihari

Vinod Agarwal


Krishna Bhajan



फूलो सें सज रहे हैं भजन

फूलों में सज रहे है, भगवान कृष्ण को समर्पित एक लोकप्रिय भजन है, जिन्हे वृन्दावन बिहारी, बांके बिहारी भी कहा जाता है।

भगवान् कृष्ण का रूप और मंदिर का वातावरण

भजन में भगवान कृष्ण की दिव्य सुंदरता और कृष्ण मंदिर के मोहक वातावरण को दर्शाया गया है, जहां फूल और दिव्य प्रेम, भक्त के अस्तित्व के हर पहलू को सुशोभित करते हैं।

भजन अक्सर सत्संग में और भक्ति सभाओं के दौरान गाया जाता है, खासकर भगवान कृष्ण के मंदिरों में।

यह वृंदावन में भगवान कृष्ण के दिव्य लीलाओं के सार को दर्शाता है और साथ ही साथ भक्तों के दिव्य प्रेम और भक्ति को भी उजागर करता है।

फूलों में सज रहे है, श्री वृन्दावन बिहारी के बोल फूलों से भगवान कृष्ण की दिव्य सजावट का वर्णन करते हैं।

फूलों से सुशोभित भगवान् कृष्ण

इसमें भगवान कृष्ण के विभिन्न सुंदर फूलों से सुशोभित होने के दृश्य को दर्शाया गया है, जो उनके भक्तों के प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।

यह भजन, कृष्णा की दिव्य उपस्थिति और कृष्ण मंदिर में खुशी के माहौल का जश्न मनाता है, जहां भक्त अपने हार्दिक प्रेम की पेशकश करते हैं और भगवान कृष्ण को फूलों से सजाते हैं।

भजन की मधुर धुन और विनोदजी की आवाज से माहौल भक्तिमय बन जाता है।

इसे अक्सर हारमोनियम और तबला जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भक्ति और उत्साह के साथ गाया जाता है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाता है।

यह भजन क्यों इतना पसंद किया जाता है?

यह भजन कृष्ण भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण के साथ दिव्य प्रेम और संबंध की भावना पैदा करता है।

यह भजन भगवान कृष्ण और उनके भक्तों के बीच भक्ति से भरे रिश्ते की याद दिलाता है।

कुल मिलाकर, फूलों में सज रहे है एक प्रिय भजन है जो भगवान कृष्ण की दिव्य उपस्थिति और उनके भक्तों की आराधना का जश्न मनाता है।

यह वृंदावन के दिव्य क्षेत्र के साथ उनके संबंध को मजबूत करते हुए भक्तों के बीच प्रेम, भक्ति और दिव्य आनंद की भावना को बहुत खूबसूरती से बयान करता है।


कृष्ण चरणों में श्रद्धा के फूल

हंस हंस झूलते घनश्याम, राधा संग जोड़ी प्यारी।
युगल छवि सोहती अनुपम, राधा कृष्णा श्याम बलिहारी॥
गुलाबी पटका, गले कण्ठी, रतन हीरा जड़े कंकन।
अधर लाली मुकुट कुण्डल, हाथमें फूल गुलजारी॥

कान्ति मुख चन्द्रकी देखे, सूर्यका भान होता हैं।
कमल नेत्रोंमें मन मोह, रूपकी झांकी है न्यारी॥
कृष्ण है संसारके मालिक, न शोभा उनकी वरणी जाएं।
धरूं मैं ध्यान राधाकृष्ण का, जगतमें जो है हितकारी॥

हिंडोला पुष्पका सुन्दर, नरम रेशमकी रस्सी है।
युगल छवि लूटते आनंद, बृज के धन्य नर नारी॥
युगल-जोडीको स्मरण कर, भक्त कहता कर जोड़ी।
लगाओ प्रेमकी डोरी, विपत्ती दूर हो जाए सारी॥


तुझे फूलों में देखूं, बहारों में देखूं, तुझे चाँद में देखूं, सितारों में देखूं
कण कण में बसा नाम तेरा, जहां देखूं प्रभु तेरा काम देखूं


Krishna Bhajan



Dena ho to Dijiye Janam Janam ka Saath – Lyrics in Hindi with Meanings


देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ

देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी, मेरे सर पर रख गिरधारी,
अपने दोनों ये हाथ॥

देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।
अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ


देने वाले श्याम प्रभु से, धन और दौलत क्या मांगे।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर, नाम और इज्ज़त क्या मांगे।
मेरे जीवन में अब कर दे, तू कृपा की बरसात॥
देना हो तो दीजिए….


श्याम तेरे चरणों की धूलि, धन दौलत से महंगी है।
एक नज़र कृपा की बाबा, नाम इज्ज़त से महंगी है।
मेरे दिल की तमन्ना यही है, करूँ सेवा तेरी दिन रात॥
देना हो तो दीजिए….


झुलस रहें है गम की धुप में, प्यार की छाया कर दे तू।
बिन मांझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तू।
मेरा रस्ता रौशन कर दे, छाई अंधियारी रात॥
देना हो तो दीजिए….


सुना है हमने शरणागत को, अपने गले लगाते हो।
ऐसा हमने क्या माँगा, जो देने से घबराते हो।
चाहे जैसे रख बनवारी, बस होती रहे मुलाक़ात॥
देना हो तो दीजिए….


देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी, मेरे सर पर रख गिरधारी,
अपने दोनों ये हाथ॥

देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।


Dena ho to Dijiye Janam Janam ka Saath

Ramesh Bhai Oza


Krishna Bhajan



देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ भजन का आध्यात्मिक अर्थ

देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ भजन एक बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण गीत है जो भगवान कृष्ण के प्रति भक्त की भक्ति और समर्पण को व्यक्त करता है।

भक्त भगवान से उसके सिर पर हाथ रखने और समय और अस्तित्व की सीमाओं को पार करते हुए जीवन भर का साथ देने की प्रार्थना करता है।

साथ ही साथ भक्त भगवान की कृपा, शक्ति और प्रेम की भी प्रशंसा करता है, और अपनी जीवन यात्रा में उनका मार्गदर्शन, सुरक्षा और आशीर्वाद चाहता है।

भजन की पंक्तियाँ भगवान के प्रति समर्पण, भक्ति और ईश्वर प्रेम जैसी बातों को बहुत ही सरल और स्पष्ट तरीके से वर्णन करती हैं।

भजन का आध्यात्मिक अर्थ इस प्रकार है –

देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।

अगर कुछ देना ही चाहते हो तो जन्मों-जन्मों तक अपना साथ दो।

इस पंक्ति का आध्यात्मिक महत्व जन्मों से परे परमात्मा के साथ स्थायी संबंध की गहरी लालसा है।

यह परमात्मा के साथ गहन और शाश्वत साहचर्य की इच्छा को दर्शाता है, यह मानते हुए कि भौतिक संपत्ति इसकी तुलना में क्षणिक है।

मेरे सर पर रख बनवारी, मेरे सर पर रख गिरधारी,
अपने दोनों ये हाथ॥

मेरे सिर पर अपना हाथ रखो, हे बनवारी (कृष्ण), हे गिरधारी (कृष्ण)।

ये पंक्तियाँ परमात्मा का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करने का आध्यात्मिक महत्व रखती हैं।

किसी के सिर पर परमात्मा का हाथ रखना समर्पण और सुरक्षा की मांग का प्रतीक है।

यह भक्त की दैवीय इच्छा द्वारा निर्देशित होने और दैवीय देखभाल के अधीन रहने की इच्छा को दर्शाता है।

देने वाले श्याम प्रभु से, धन और दौलत क्या मांगे।

भगवान श्याम (कृष्ण) से मांगते समय धन-दौलत क्यों मांगें?

यह पंक्ति आध्यात्मिक संदेश देती है कि परमात्मा से मांगने पर भौतिक संपदा और संपत्ति महत्वहीन हो जाती है।

यह इस समझ का प्रतीक है कि सच्चा आध्यात्मिक आशीर्वाद भौतिक धन से परे है और परमात्मा के साथ संबंध पूर्ति का अंतिम स्रोत है।

श्याम प्रभु से मांगे तो फिर, नाम और इज्ज़त क्या मांगे।

यदि आप भगवान श्याम (कृष्ण) से मांगे, तो आप उनके नाम और आशीर्वाद के अलावा और कुछ ना मांगे। क्यों? –

ये पंक्तियाँ इस बात पर जोर देती हैं कि जब भगवान श्याम (कृष्ण) से उनका दिव्य नाम (आध्यात्मिक ज्ञान) और उनका आशीर्वाद (दिव्य अनुग्रह) माँगना अन्य सभी इच्छाओं से बढ़कर होता है।

अस्थायी और सांसारिक बातों से ज्यादा, शाश्वत और आध्यात्मिक बातों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।

मेरे जीवन में अब कर दे, तू कृपा की बरसात॥

अब मेरे जीवन में अपनी कृपा की प्रचुरता से वर्षा करें।

यह पंक्ति किसी के जीवन में दैवीय कृपा और आशीर्वाद की प्रचुरता की आध्यात्मिक लालसा को व्यक्त करती है।

यह दैवीय मार्गदर्शन, सुरक्षा और परिवर्तनकारी प्रभाव की आवश्यकता की पहचान का प्रतीक है।

“बरसात” या अनुग्रह की वर्षा एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अनुभव का प्रतिनिधित्व करती है।

श्याम तेरे चरणों की धूलि, धन दौलत से महंगी है।

हे श्याम (कृष्ण), आपके चरणों की धूल धन-संपत्ति से भी अधिक मूल्यवान है।

यह पंक्ति गहन आध्यात्मिक समझ बताती है कि भगवान श्याम (कृष्ण) के चरणों की धूल दुनिया की सभी संपत्ति और धन से अधिक मूल्यवान है।

यह इस मान्यता का प्रतीक है कि आध्यात्मिक खजाने, जैसे कि दिव्य आशीर्वाद और संबंध, भौतिक संपत्ति से कहीं अधिक कीमती हैं।

एक नज़र कृपा की बाबा, नाम इज्ज़त से महंगी है।

आपकी दया की एक नज़र, हे बाबा (पिता), प्रसिद्धि और सम्मान से भी अधिक कीमती है।

यह पंक्ति आध्यात्मिक सत्य पर जोर देती है कि दैवीय दया की एक नज़र किसी भी सांसारिक मान्यता या सम्मान से अधिक मूल्यवान है।

यह इस अहसास का प्रतीक है कि सामाजिक स्वीकृति या सम्मान से बढ़कर, परमात्मा की स्वीकृति और कृपा सर्वोच्च महत्व की है।

मेरे दिल की तमन्ना यही है, करूँ सेवा तेरी दिन रात॥

मेरे हृदय की इच्छा है कि मैं दिन-रात आपकी सेवा करूँ।

ये पंक्तियाँ ईश्वर की निरंतर सेवा करने की आध्यात्मिक लालसा को दर्शाती हैं।

यह किसी के कार्यों, विचारों और भावनाओं को ईश्वर के प्रति निस्वार्थ सेवा के साथ करने की इच्छा को दर्शाता है, जो एक गहरी आध्यात्मिक प्रतिबद्धता और भक्ति का प्रतीक है।

झुलस रहें है गम की धुप में, प्यार की छाया कर दे तू।

यह पंक्ति चुनौतीपूर्ण समय के दौरान दैवीय सुरक्षा और मार्गदर्शन प्राप्त करने की आध्यात्मिक अवधारणा को दर्शाती है।

जिस प्रकार छाया चिलचिलाती धूप से राहत देती है, उसी प्रकार भक्त जीवन की कठिनाइयों से निपटने के लिए ईश्वर के प्रेम और आश्रय की तलाश करता है।

बिन मांझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तू।

ये पंक्तियाँ प्रतीकात्मक रूप से बताती हैं कि कुशल नाविक के बिना नाव सुचारू रूप से नहीं चल सकती।

नाविक परमात्मा का प्रतिनिधित्व करता है, और नाव भक्त की जीवन यात्रा का प्रतीक है।

जीवन की चुनौतियों और अनिश्चितताओं से निपटने के लिए ईश्वरीय मार्गदर्शन प्राप्त करने में ही महत्व निहित है।

मेरा रस्ता रौशन कर दे, छाई अंधियारी रात॥

यह पंक्ति भ्रम और अंधकार के समय के बीच दिव्य रोशनी और स्पष्टता प्राप्त करने की आध्यात्मिक आकांक्षा को व्यक्त करती है।

आध्यात्मिक महत्व अज्ञानता और चुनौतियों के रूपक अंधेरे के माध्यम से अपने मार्ग का मार्गदर्शन करने के लिए दिव्य प्रकाश की तलाश में निहित है।

सुना है हमने शरणागत को, अपने गले लगाते हो।

ये पंक्तियाँ आध्यात्मिक समझ को व्यक्त करती हैं कि जब कोई साधक पूर्ण विश्वास के साथ परमात्मा के प्रति समर्पण करता है, तो परमात्मा उसे प्रेमपूर्ण आलिंगन में घेर लेते हैं।

यह अहंकार और नियंत्रण को परमात्मा को समर्पित करने की अवधारणा का प्रतीक है, जिससे भक्त एक गहरे आध्यात्मिक संबंध की ओर अग्रसर होता है।

ऐसा हमने क्या माँगा, जो देने से घबराते हो।

यह पंक्ति इस अहसास को व्यक्त करती है कि परमात्मा से मांगते समय डरने या झिझकने की कोई बात नहीं है। क्योंकि परमात्मा के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

यह आध्यात्मिक सत्य का प्रतीक है कि परमात्मा हमेशा दयालु और देने वाला है, बिना किसी हिचकिचाहट के भक्त की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।

चाहे जैसे रख बनवारी, बस होती रहे मुलाक़ात॥

ये पंक्तियाँ परमात्मा के साथ अटूट और घनिष्ठ संबंध की आध्यात्मिक लालसा का प्रतीक हैं।

यह परमात्मा के साथ निरंतर और सार्थक रिश्ते की चाहत को दर्शाता है, जो भक्त की निरंतर एकता में रहने की आकांक्षा को दर्शाता है।

अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ

यह पंक्ति जीवन भर दैवीय कृपा और आशीर्वाद के लिए गंभीर प्रार्थना व्यक्त करती है। यह दैवीय मार्गदर्शन और सुरक्षा के साथ निरंतर आध्यात्मिक यात्रा की आध्यात्मिक लालसा को दर्शाता है।

देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।

ये पंक्तियाँ परमात्मा के साथ जीवन भर चलने वाले स्थायी साहचर्य की इच्छा पर जोर देती हैं।

यह इस मान्यता का प्रतीक है कि परमात्मा की उपस्थिति की तलाश ही अंतिम आकांक्षा है, जो किसी भी भौतिक लाभ या सांसारिक इच्छाओं से कहीं परे है।

इस प्रकार भजन की ये पंक्तियाँ गहरा आध्यात्मिक अर्थ रखती हैं, और समर्पण, विश्वास और परमात्मा के साथ स्थायी संबंध की तलाश के विषयों को रेखांकित करती हैं।

भजन की पंक्तियाँ परमात्मा के साथ संबंध के लिए गहरी आध्यात्मिक लालसा, आध्यात्मिक आशीर्वाद की तुलना में भौतिक संपत्ति की महत्वहीनता और किसी की जीवन यात्रा को रोशन करने के लिए परमात्मा की कृपा और मार्गदर्शन की लालसा को भी दर्शाती हैं।

वे इस समझ को व्यक्त करती हैं कि दैवीय आशीर्वाद स्वतंत्र रूप से दिया जाता है और सांसारिक चिंताओं से परे, साधक की आध्यात्मिक यात्रा में ईश्वर की निरंतर उपस्थिति रहती है।


ईश्वर से प्रार्थना

मुझको दो वरदान कन्हैया, सदा तुम्हारा नाम पुकारुं।
करूं सदा वंदना तुम्हारी, अपना अगला जन्म सुधारुं॥
चाह नहीं है फूल बनूं मैं, और तुम्हारे शीश चढू मैं।
मुझको तो बस नीर बना दो, सदा तुम्हारे चरण पखारुं॥


चाह नहीं चंदन बनने की, माथे पर लगते रहने की।
मुझको तो बस दीप बना दो, सुबह शाम आरती उतारू॥
प्रभु दया की भीख मांगता, द्वार तुम्हारे शीश झुकाता।
मुझको तो बस दिव्य दृष्टि दो, सदा तुम्हारा रूप निहारु॥


Krishna Bhajan