Jai Ganesh Jai Ganesh Deva – Ganesh Aarti – Lyrics in Hindi


श्री गणेश आरती – जय गणेश जय गणेश देवा

श्री गणेश आरती – जय गणेश जय गणेश देवा लिरिक्स के इस पेज में पहले आरती के हिंदी लिरिक्स दिए गए है।

बाद में इस आरती का आध्यात्मिक महत्व दिया गया है और इसकी पंक्तियों से हमें कौन कौन सी बातें सिखने को मिलती है यह बताया गया है।

जैसे की यह आरती हमें बताती है की गणेशजी अपने भक्तों को हमेशा सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं। यदि कोई व्यक्ति गणेशजी के प्रति सच्ची भक्ति और श्रद्धा रखता है, उनकी शरण में आता है, उसे जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं होता है।

इसलिए, हमें गणेशजी की पूजा करके, उनके आशीर्वाद से अपने जीवन से सभी तरह के विघ्नों को दूर करने का और जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।


Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

[जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥]


एक दन्त दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे, मुसे की सवारी॥

पान चढ़े फुल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लडुवन का भोग लगे, संत करे सेवा॥
[जय गणेश, जय गणेश….]


अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

सुर श्याम शरण आये, सफल किजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
[जय गणेश, जय गणेश….]
(Or
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥)
[जय गणेश, जय गणेश….]


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


Shlok:
व्रकतुंड महाकाय, सूर्यकोटी समप्रभाः।
निर्वघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा॥
ॐ गं गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः।
अष्टविनायक नमो नमः, गणपति बाप्पा मोरया॥


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Jai Ganesh Jai Ganesh Deva – Ganesh Aarti

सुरेश वाडकर (Suresh Wadkar)


Ganesh Bhajan



जय गणेश जय गणेश देवा आरती का आध्यात्मिक महत्व

जय गणेश जय गणेश देवा आरती की पंक्तियों में भगवान गणेश के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का वर्णन किया गया है। इनकी कृपा से हमारा जीवन सुखमय और सफल होता है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, सुखकर्ता और वरदायक के रूप में जाना जाता है। इनकी कृपा से हमारे कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं और हमारे सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

भगवान गणेश दयालु और करुणामय हैं। ये सभी प्रकार के कष्टों से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करते हैं।

भगवान गणेश की पूजा और आराधना से हमारे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

आरती की इन पंक्तियों में बताया गया है की किस प्रकार गणेशजी भक्तों के दुःख दूर करते है, और उनके कुछ चमत्कारों का वर्णन किया गया है। जैसे भगवान गणेश अंधे को आंख, कोढ़ी को काया, बांझ को पुत्र और निर्धन को माया प्रदान करते हैं। वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनकी सेवा सफल करते हैं।

भगवान गणेश दयालु और करुणामयी हैं। वे सभी प्राणियों की रक्षा करते हैं और उनकी मदद करते हैं। वे सभी भक्तों पर समान दया करते हैं, चाहे वे अमीर हो या गरीब, स्वस्थ हों या बीमार, सुंदर हों या कुरूप।


कुछ विशेष बातें, जो हम आरती की पंक्तियों से सीख सकते हैं –

हमारे जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं का सामना करने के लिए हमें भगवान गणेश की शरण लेनी चाहिए।

हमारे सभी मनोरथों की पूर्ति के लिए हमें भगवान गणेश की पूजा और आराधना करनी चाहिए।

हमारे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त करने के लिए हमें भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करनी चाहिए।


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

देवता और मनुष्य जिनको अपना प्रधान पूज्य समझते हैं, जो सबके वंदनीय हैं, विघ्न के काल है, विघ्न को हरने वाले हैं, जो शिवजी और माता पार्वतीजी के पुत्र है, उन गणेश जी का मैं रिद्धि और सिद्धि के साथ आवाहन करता हूं, उनको प्रणाम करता हूँ, उनका ध्यान करता हूँ।

एक दन्त दयावंत, चार भुजा धारी

एक दन्त दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे, मुसे की सवारी॥

जो रत्न के सिंहासन पर बैठे हैं, जिनके हाथों में पाश, अंकुश और कमल के फूल है, जो अभय दान और वरदान देने वाले हैं, जो देवताओं के गण के राजा है, लाल कमल के समान जिनके देह की आभा है, रिद्धि – सिद्धि के दाता श्री गणेशजी की मै सदैव उपासना करता हूँ।


अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जो विघ्नरूप अंधकार का नाश करते है और भक्तों को अनेक प्रकार के फल देते हैं, उन करुणा रूप जलराशि से तरंगित नेत्रों वाले, सुखकर्ता, दुखहर्ता गणेशजी का मै ध्यान करता हूँ, वे हम लोगोका का कल्याण करे।


सुर श्याम शरण आये, सफल किजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जिनको वेदांती लोग ब्रह्मा कहते हैं, और दूसरे लोग परम प्रधान पुरुष अथवा संसार की सृष्टि के कारण या ईश्वर कहते हैं, उन विघ्न विनाशक गणेश जी को नमस्कार है।


Ganesh Bhajan



Jai Ganesh Jai Ganesh Deva – Ganesh Aarti – Lyrics in English


Jai Ganesh Jai Ganesh Deva – Ganesh Aarti

Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva.
Mata jaki Parvati, pita Mahadeva.


Ek dant dayaavant, chaar bhuja dhaari.
Maathe par tilak sohe, moose ki savaari.
Paan chadhe phool chadhe, aur chadhe meva.
Laduvan ka bhog lage, sant kare seva.


Andhan ko aankh det, kodhin ko kaaya.
Baanjhan ko putra det, nirdhan ko maaya.
Sur shyaam sharan aaye, saphal kije seva.
Mata jaki Parvati, pita Mahadeva.

(or –
deenan ki laaj rakho, shambhu sutkaari.
kaamana ko poorn karo jaoon balihaari.)


Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva.
Mata jaki Parvati, pita Mahadeva.


Shlok
Vrakatund Mahaakaay,
Suryakoti Samaprabhaah.
Nirvaghnam Kuru me Dev,
Sarvakaaryeshu Sarvada.


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Jai Ganesh Jai Ganesh Deva – Ganesh Aarti

सुरेश वाडकर (Suresh Wadkar)


Ganesh Bhajan



Jai Ambe Gauri – Ambe Maa Ki Aarti- Lyrics in Hindi


जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी – अम्बे माँ की आरती

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी।

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी

तुमको निशिदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिव री॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


मांग सिंदूर बिराजत,
टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै।
रक्त-पुष्प गल माला,
कंठन पर साजै॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर मुनि-जन सेवत,
तिनके दुःखहारी॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
राजत सम ज्योति॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


शुम्भ निशुम्भ बिदारे,
महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना,
निशिदिन मदमाती॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


चण्ड मुण्ड संहारे,
शोणितबीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


ब्रम्हाणी रुद्राणी,
तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


चौंसठ योगिनि गावत,
नृत्य करत भैरूं।
बाजत ताल मृदंगा,
औ बाजत डमरू॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


तुम ही जगकी माता,
तुम ही हो भरता।
भक्तनकी दुःख हरता,
सुख सम्पति करता॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


भुजा चार अति शोभित,
खड्ग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती।
(श्री) मालकेतुमें राजत,
कोटिरतन ज्योति॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


(श्री) अम्बेजी की आरती,
जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख सम्पत्ति पावै॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिव री॥
॥मैया जय अम्बे गौरी॥


Jai Ambe Gauri – Ambe Maa Ki Aarti

Anuradha Paudwal


Durga Bhajan



Jai Ambe Gauri – Ambe Maa Ki Aarti – Lyrics in English


Jai Ambe Gauri – Ambe Maa Ki Aarti

Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri
Tumako nishdin dhyavat, Hari Brahma Shivari
Maiya Jai Ambe Gauri

Mang sindur virajat, tiko mrigamad ko
Ujjwal se dou naina, chandravadan niko
Maiya Jai Ambe Gauri

Kanak saman kalevar, raktambar raje
Raktpushp gal mala, kanthan par saje
Maiya Jai Ambe Gauri

Kehari vahan rajat, khadag khappar dhari
Sur-nar-munijan sevat, tinake dukhahari
Maiya Jai Ambe Gauri

Kaanan kundal shobhit, nasagre moti
Kotik chandra divakar, rajat sam jyoti
Maiya Jai Ambe Gauri

Shumbh-nishumbh bidare, Mahishasur ghati
Dhumra vilochan naina, nishadin madamati
Maiya Jai Ambe Gauri

Chand-mund sanhare, shonit bij hare
Madhu kaitabh dou mare, sur bhayahin kare
Maiya Jai Ambe Gauri

Bramhani, rudrani, tum kamala rani
Agam nigam bakhani, tum shiv patarani
Maiya Jai Ambe Gauri

Chausath yogini mangal gavat, nritya karat bhairu
Bajat tal mridanga, aru baajat damaru
Maiya Jai Ambe Gauri

Tum hi jag ki mata, tum hi ho bharataa
Bhaktan ki dukh hartaa, sukh sampati kartaa
Maiya Jai Ambe Gauri

Bhuja char ati shobhi,
vara mudra dhari (Or khadag khappar dhari)
Manvanchhit fal pavat, sevat nar nari
Maiya Jai Ambe Gauri

Kanchan thal virajat, agar kapur bati
Shrimalaketu mein rajat, koti ratan jyoti
Maiya Jai Ambe Gauri

Shri Ambeji ki arati, jo koi nar gave
Kahat Shivanand swami, sukh sampatti pave
Maiya Jai Ambe Gauri

Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri
Tumako nishadin dhyavat, hari brahma shivari
Maiya Jai Ambe Gauri


Jai Ambe Gauri – Ambe Maa Ki Aarti

Anuradha Paudwal


Durga Bhajan



Jag Janani Jai Jai Maa – Meaning in Hindi


जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय – अर्थसहित


जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥

  • जगजननी – समस्त संसारकी माता
  • जय जय माँ – सदा सर्वदा आपकी जय हो
  • जगजननी जय जय – समस्त संसारकी माता! सदा आपकी जय हो।
  • भयहारिणी – संसारके समस्त भयको (कष्टोंको) हरनेवाली (दूर करनेवाली),
  • भवतारिणी – संसारका उद्धार करनेवाली एवं
  • भवभामिनि – संसारको सुशोभित करनेवाली सर्वसुंदरी,
  • जय जय – जगत् माता! आपकी जय हो॥

तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा।
सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥
  • तू ही सत्-चित्-सुखमय – आप सच्चिदानंद हैं,
  • शुद्ध ब्रह्मरूपा – आप ब्रह्मस्वरूपा हैं।
  • सत्य सनातन, सुन्दर – आप सत्य, सनातन, सुंदर,
  • पर-शिव – कल्याणकारिणी और
  • सुर-भूपा – देवरूप हैं॥

आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी।
अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥
  • आदि – आप आदि (प्रारंभ),
  • अनादि – नित्य,
  • अनामय – निरोग, रोग से रहित, दोष रहित
  • अविचल – स्थिर,
  • अविनाशी – अक्षय (जिसका नाश नहीं होता है)।
  • अमल – पवित्र,
  • अनन्त – शाश्‍वत, जिसका अंत न हो,
  • अगोचर – इंद्रियातीत, इंद्रियोंसे परे,
  • अज आनन्दराशी – अज (सतत) आनंदराशि हैं॥

अविकारी, अघहारी, सकल कलाधारी।
कर्ता विधि भर्ता हरि हर संहारकारी॥
  • अविकारी – आप नित्य विकाररहित (अर्थात विकारों से मुक्त) हैं
  • अघहारी – आप ही समस्त पापोंको दूर करनेवाली अघहारी हैं
  • सकल कलाधारी – आप समस्त कलाओंको धारण करनेवाली एवं कलामुक्त हैं।
  • कर्ता विधि – आप ही इस सृष्टिकी रचना करनेवाली ब्रह्मा हैं,
  • भर्ता – भरण-पोषण करनेवाली विष्णुरूप तथा
  • हरि हर संहारकारी – संहार करनेवाली साक्षात शिवरूप हैं॥

तू विधिवधू, रमा, तू उमा महामाया।
मूल प्रकृति, विद्या तू, तू जननी जाया॥
  • तू विधिवधू – हे जगत-जननी। आप ही ब्राह्मी,
  • रमा – लक्ष्मी,
  • तू उमा महामाया – पार्वती और महामाया हैं।
  • मूल प्रकृति – आप मूल कृति हैं,
  • विद्या तू – आप विद्याको जन्म देने तथा
  • तू जननी जाया – विद्याको विकसित करनेवाली हैं॥

राम, कृष्ण, तू सीता, ब्रजरानी राधा।
तू वाँछा कल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा॥
  • राम, कृष्ण, तू – आपकी ही छवि राम, कृष्ण रूपमें विद्यमान हैं।
  • सीता, ब्रजरानी राधा – आपकी ही छवि सीता एवं राधाके रूपमें विद्यमान हैं।
  • तू वाँछा कल्पद्रुम – समस्त कामनाओंको पूर्ण करनेवाली कल्पवृक्ष हैं तथा
  • हारिणि सब बाधा – विभिन्न (सर्व) बाधाओंको नष्ट करनेवाली हैं॥

दश विद्या, नव दुर्गा, नाना शस्त्रकरा।
अष्टमातृका, योगिनि, नव-नव रूप धरा॥
  • दश विद्या, नव दुर्गा – आप ही दसों विद्या युक्त नवदुर्गारूप हैं।
  • नाना शस्त्रकरा – नाना शस्त्र हाथोंमें धरे दुर्गारूप हैं।
  • अष्टमातृका, योगिनि – आप अष्टमातृका रूप और योगिनी रूप तो हैं ही,
  • नव-नव रूप धरा – साथ ही नित्य नए-नए रूपोंको धारण करनेवाली हैं॥

तू परधाम निवासिनि, महा-विलासिनि तू।
तू ही शमशान विहारिणि, ताण्डव लासिनि तू॥
  • तू परधाम निवासिनि – आप ही परम् धाम हैं
  • महा-विलासिनि तू – आप परमशक्तिमयी भी हैं।
  • तू ही शमशान विहारिणि – आप ही श्मशानमें विहार करनेवाली एवं
  • ताण्डव लासिनि तू – ताण्डव मचा देनेवाली हैं॥

सुर-मुनि मोहिनि सौम्या, तू शोभाधारा।
विवसन विकट सरुपा, प्रलयमयी धारा॥
  • सुर-मुनि मोहिनि सौम्या – देवताओं और मुनियोंको मोहनेवाली
  • तू शोभाधारा – हे माता! आप दिव्य कांतिमय दुर्गा हैं।

(हे माता ! आप अपने दिव्य कांतिमय दुर्गा रूपमें जहां एक ओर देवताओं और मुनियोंको मोहनेवाली हैं, वहीं)

  • विवसन विकट सरुपा, प्रलयमयी धारा – अपने विकराल स्वरूपमें साक्षात् प्रलयकारी धारा भी हैं॥

तू ही स्नेहसुधामयी, तू अति गरलमना।
रत्नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि तना॥
  • तू ही स्नेहसुधामयी – हे माता! आप अपने भक्तोंके लिए प्रेमकी अमृतमयी धारा एवं सरलचित्त हैं,
  • तू अति गरलमना – तो दुष्टजनोंके लिए विषमय भी हैं।
  • रत्नविभूषित तू ही – आप रत्नोंसे विभूषित,
  • तू ही अस्थि तना – तो दूसरी ओर अस्थियोंका अलंकार भी आपने ही धारण किया है॥

मूलाधार निवासिनि, इहपर सिद्धिप्रदे।
कालातीता काली, कमला तू वर दे॥
  • मूलाधार निवासिनि – आप ही संसारकी मूलाधार हैं।
  • इहपर सिद्धिप्रदे – आप ही इहलोक (संसार) एवं परलोक (स्वर्ग) दोनोंमें ही सिद्धि दायिनी हैं।
  • कालातीता काली – आप ही कालबंधनसे मुक्त काली हैं,
  • कमला – आप ही लक्ष्मी हैं,
  • तू वर दे – हे देवी! आप मुझे वरदान दें॥

शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी।
भेद प्रदर्शिनि वाणी विमले वेदत्रयी॥
  • शक्ति – आप ही शक्ति (ऊर्जा का स्रोत) एवं
  • शक्तिधर तू ही – आप ही विभिन्न शक्तियोंको धारण करनेवाली
  • नित्य अभेदमयी – शाश्‍वत देवी हैं।
  • भेद प्रदर्शिनि – आप ही अनेक भेदोंको (रहस्योंको) प्रकट करनेवालीं
  • वाणी विमले – विमल वाणी (सरस्वती) हैं।
  • वेदत्रयी – आप ही त्रिवेद (तीनों वेद) हैं॥

हम अति दीन दुखी माँ, विपट जाल घेरे।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे॥
  • हम अति दीन दुखी माँ – हम सब दीन दुःखी एवं
  • विपट जाल घेरे – विपत्ति ग्रस्त आपके बालक हैं।
  • हैं कपूत अति कपटी – हम भले ही कपूत हों, कपटी हों;
  • पर बालक तेरे – परंतु आपके बालक हैं॥

निज स्वभाववश जननी, दयादृष्टि कीजै।
करुणा कर करुणामयी, चरण शरण दीजै॥
  • निज स्वभाववश जननी – आपका ही अनुपम ताप सर्व व्याप्त है। अपने मातृरूपकी रक्षा कीजिए,
  • दयादृष्टि कीजै – अपनी दयादृष्टि रखिए।
  • करुणा कर करुणामयी – करुणामयी होनेके कारण हम सब बालकोंपर दया कीजिये और
  • चरण शरण दीजै – अपने श्रीचरणोंमें आश्रय दीजिए॥

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Durga Bhajan List

Jag Janani Jai Jai Maa – Meaning in Hindi

Anup Jalota

Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai – Lyrics in English


Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Tu hi sat-chit-sukhamay,
shuddh brahmarupaa.
Satya sanaatan, sundar,
par-shiv sur-bhoopa.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Aadi anaadi, anaamay,
avichal, avinaashi.
Amal, anant, agochar,
aj aanandaraashi.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Avikaari, aghahaari,
sakal kalaadhaari.
Karta vidhi bharta
hari har sanhaarakaari.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Tu vidhi-vadhoo, rama,
tu Uma Mahamaya.
Mool prakriti, vidya tu,
tu janani jaaya.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Raam, Krishna, tu Sita,
Brajaraani raadha.
Tu Vanchha-kalpadrum,
haarini sab baadha.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Dash vidya, Nav Durga,
naana shastrakara.
Ashtamaatrka, yogini,
nav-nav roop dhara.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Tu paradhaam nivaasini,
maha vilaasini tu.
Tu hi shmashaan vihaarini,
taandava laasini too.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Sur-muni mohini saumya,
tu shobhaa-dhaara.
Vivasan vikat sarupa,
pralayamayi dhaara.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Tu hi sneha-sudhaamayi,
tu ati garalamana.
Ratna-vibhooshit tu hi,
tu hi asthi tana.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Moolaadhaar nivaasini,
ih-par siddhiprade.
Kaalatita kaali,
kamala tu varade.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Shakti shaktidhar tu hi,
nitya abhedamayi.
Bhed pradarshini wani
vimale Vedatrayi.

Jag Janani jay jay Maa,
Jag Janani jay jay.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jay jay.


Ham ati din dukhi maa,
vipat jaal ghere.
Hain kapoot ati kapati,
par baalak tere.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-haarini, bhava-taarini,
bhava-bhaamini jai jai.


Nij svabhaava-vash janani,
dayaadrshti kijai.
Karuna kar karunaamayi
charan sharan dijai.

Jag Janani jai jai Maa,
Jag Janani jai jai.
Bhaya-harini, bhava-tarini,
bhava-bhamini jai jai.


Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai

Anup Jalota


Durga Bhajan



Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai – Lyrics in Hindi


जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥

तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा।
सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी।
अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


अविकारी, अघहारी, सकल कलाधारी।
कर्ता विधि भर्ता हरि हर संहारकारी॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


तू विधिवधू, रमा, तू उमा महामाया।
मूल प्रकृति, विद्या तू, तू जननी जाया॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


राम, कृष्ण, तू सीता, ब्रजरानी राधा।
तू वाँछा कल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


दश विद्या, नव दुर्गा, नाना शस्त्रकरा।
अष्टमातृका, योगिनि, नव-नव रूप धरा॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


तू परधाम निवासिनि, महा-विलासिनि तू।
तू ही शमशान विहारिणि, ताण्डव लासिनि तू॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


सुर-मुनि मोहिनि सौम्या, तू शोभाधारा।
विवसन विकट सरुपा, प्रलयमयी धारा॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


तू ही स्नेहसुधामयी, तू अति गरलमना।
रत्नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि तना॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


मूलाधार निवासिनि, इहपर सिद्धिप्रदे।
कालातीता काली, कमला तू वर दे॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी।
भेद प्रदर्शिनि वाणी विमले वेदत्रयी॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


हम अति दीन दुखी माँ, विपट जाल घेरे।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


निज स्वभाववश जननी, दयादृष्टि कीजै।
करुणा कर करुणामयी, चरण शरण दीजै॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥


Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai

Anup Jalota


Durga Bhajan



Jai Girijapati Deen Dayala – Shiv Chalisa – Lyrics in English


Jai Girijapati Deen Dayala – Shiv Chalisa

Doha:
Shri Ganesh girija suvan,
Mangal mool sujaan
Kahat ayodhyadas tum,
Dehu abhay varadaan

Jai Girija pati din dayaala
Sada karat santan pratipaala
Bhaal chandrama sohat nike
Kaanan kundal naagaphani ke

Ang gaur shir gang bahaaye
Mundamaal tan chhaar lagaaye
Vastra khaal baaghambar sohe
Chhavi ko dekh naag muni mohe

Maina maatu ki hvai dulaari
Baam ang sohat chhavi nyaari
Kar trishool sohat chhavi bhaari
Karat sada shatrun kshayakaari

Nandi Ganesh sohait hain kaise
Saagar madhya kamal hain jaise
Kaartik shyaam aur ganaraoo
Ya chhavi ko kahi jaat na kaoo

Devan jabahin jaay pukaara
Tab hi dukh prabhu aap nivaara
Kiya upadrav taarak bhaari
Devan sab mili tumahin juhaari

Turat shadaanan aap pathaayu
Lavanimesh mahan maari giraayu
Aap jalandhar asur sanhaara
Suyash tumhaar vidit sansaara

Tripuraasur sang yuddh machai
Sabahi kripa kar lin bachai
Kiya tapahi Bhaagirath bhaari
Purab pratigya tasu puraari

Daanin mahan tum sam kou naahin
Sevak stuti karat sadaahin
Ved naam mahima tav gai
Akath anaadi bhed nahi pai

Pragat udadhi manthan mein jwala
Jare suraasur bhaye vihaala
Kinh daya tahan kari sahai
Nilakanth tab naam kahai

Poojan Ramachandra jab kinha
Jit ke lank Vibhishan dinha
Sahas kamal mein ho rahe dhaari
Kinh pariksha tabahin puraari

Ek kamal prabhu raakheu joi
Kamal nayan poojan chahan soi
Kathin bhakti dekhi prabhu Shankar
Bhaye prasann diye ichchhit var

Jai jai jai anant avinaashi
Karat kripa sab ke ghat waasi
Dusht sakal nit mohi sataavai
Bhramat rahe mohi chain na aavai

Traahi traahi main naath pukaaro
Yahi avasar mohi aan ubaaro
Lai trishool shatrun ko maaro
Sankat se mohi aan ubaaro

Maatu pita bhraata sab koi
Sankat mein puchhat nahi koi
Swami ek hai aas tumhaari
Aay harahu ab sankat bhaari

Dhan nirdhan ko det sadaahi
Jo koi jaanche vo phal paahin
Stuti kehi vidhi karaun tumhaari
Kshamahu naath ab chook hamaari

Shankar ho sankat ke naashan
Mangal kaaran vighna vinaashan
Yogi yati muni dhyaan lagaavain
Naarad Shaarad shish navaavain

Namo namo jai namo Shivaay
Sur Brahmaadik paar na paay
Jo yah paath kare man lai
Ta paar hot hai shambhu sahai

Riniya jo koi ho adhikaari
Paath kare so paavan haari
Putra hin kar ichchha koi
Nishchay Shiv prasaad tehi hoi

Pandit Trayodashi ko laave
Dhyaan poorak hom karaave
Trayodashi brat kare hamesha
Tan naahi taake rahe kalesha

Dhoop deep naivedya chadhaave
Shankar sammukh paath sunaave
Janm Janm Ke Paap Nasaavein,
Antawaas Shivpur Mein Paavein.

Kahe ayodhya aas tumhaari
Jaani sakal dukh harahu hamaari
Nitt nem kar praatah hi,
Paath karaun chalisa

Tum meri manokaamana,
Poorn karo Jagdish
Magasar chhathi hemant ritu,
Sanvat chausath jaan

Stuti Chalisa Shivahi,
Purna kinh kalyaan

Om Namah Shivay,
Om Namah Shivay,
Om Namah Shivay

Jai Girija pati din dayaala
Sada karat santan pratipaala
Bhaal chandrama sohat nike
Kaanan kundal naagaphani ke


Jai Girijapati Deen Dayala – Shiv Chalisa


Shiv Bhajan



Jai Girijapati Deen Dayala – Shiv Chalisa – Lyrics in Hindi


जय गिरिजा पति दीन दयाला – शिव चालीसा

श्री गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देख नाग मुनि मोहे॥


मैना मातु की ह्वै दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दि गणेश सोहैत हैं कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥


देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महं मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥


त्रिपुरासुर संग युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥


प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला।
जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥


एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जय जय जय अनंत अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥


त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट से मोहि आन उबारो॥

मातु पिता भ्राता सब कोई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु अब संकट भारी॥


धन निर्धन को देत सदाहीं।
जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
स्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
नारद शारद शीश नवावैं॥


नमो नमो जय नमो शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पार होत है शम्भु सहाई॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥


पंडित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा।
तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जनम जनम के पाप नसावे।
अंतवास शिवपुर में पावैं॥


कहे अयोध्या आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा।

तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान।

स्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन्ह कल्याण॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥


Jai Girijapati Deen Dayala – Shiv Chalisa


Shiv Bhajan



Jago He Jagdambe, Jago He Jwala – Lyrics in English


Jago He Jagdambe, Jago He Jwala

Jago he Jagdambe, jago he Jwala
Jago he Durge maa, jago pritpaala.

Bhakt jano ne tere dar pe dera daala
Jago, Maa jago, Maa jago.

Jago he Jagdambe, jago he Jwala
Jago he Durge Maa, jago Pritpaala.
Bhakt jano ne tere dar pe dera daala
Jago, Maa jago, Maa jago.


Jaago tumhaare bhakt tumko jagaaye
Aao maan laal tumhe ro ro bulaaye.

Jwala hai naam tera, tej hai niraala
Jago, Maa jago, Maa jago.

Jago hey Jagdambe, jago hey Jwala
Jago he Durge Maa, jago Pritpaala.
Bhakt jano ne tere dar pe dera daala
Jago, Maa jago, Maa jago.


Jaago dilon ke andhkaar ko mita do
Bhatake hue ko Maa raushani dikha do.

Apni hi jyoti ka kar ke ujaala
Jago, Maa jago, Maa jago.

Jago he Jagdambe, jago he Jwala
Jago he Durge Maa, jaago Pritpaala.
Bhakt jano ne tere dar pe dera daala
Jago, Maa jago, Maa jago.


Saara jamaana hua jyot ka deewana,
Maiya hum charano mein maange thikana.

Jis pe teri nazar maiya uska bolbaala
Jago, Maa jago, Maa jago.

Jago he Jagadambe, jago he Jwaala
Jago he Durge Maa, jaago Pritpaala.
Bhakt jano ne tere dar pe dera daala
Jago, Maa jago, Maa jago.


Sher pe savaar Maa, asht bhuja waali
Dushton ki kaal, maiya bhakton ki rakhwali.

Nayano mein tej, tere gale mundmala
Jago, Maa jago, Maa jago.

Jago he Jagdambe, jago he Jwala
Jago he Durge Maa, jago Pritpaala.
Bhakt jano ne tere dar pe dera daala
Jago, Maa jago, Maa jago.


Jago He Jagdambe, Jago He Jwala

Narendra Chanchal


Durga Bhajan