श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होली


श्याम से श्यामा बोली,. चलो खेलेंगे होली

श्याम से श्यामा बोली,
चलो खेलेंगे होली।
श्याम से श्यामा बोली,
चलो खेलेंगे होली॥

बाग़ है यह अलबेला,
लगा कुंजो में मेला।
हर कोई नाचे गाये,
रहे कोई ना अकेला।

झूम कर सब ये बोलो,
हर बरस आये यह होली॥

चलो खेलेंगे होली,
चलो खेलेंगे होली।
श्याम से श्यामा बोली,
चलो खेलेंगे होली॥

कभी वृन्दावन खेले,
कभी बरसाने खेले।
कभी गोकुल में खेले,
कभी बरसाने खेले।

रंगी नंदगाव की गलीयाँ,
रंगी भानु की हवेली॥

चलो खेलेंगे होली,
चलो खेलेंगे होली।
श्याम से श्यामा बोली,
चलो खेलेंगे होली॥

ग्वाल तुम संग में लाना,
मेरे संग सखीयाँ होंगी।
उन्हें तुम रंग लगाना,
चाह वो करती होंगी।

तुम्हे मैं दूंगी गारी,
काहे खेलत हो होरी॥

चलो खेलेंगे होली,
चलो खेलेंगे होली।
श्याम से श्यामा बोली,
चलो खेलेंगे होली॥

कभी गुलाल उडाए,
कभी मारे पिचकारी।
कभी रंग जाए राधा,
कभी रंग जाए बिहारी ।

है कैसा मस्त महिना,
है कैसी सुन्दर जोड़ी॥

चलो खेलेंगे होली,
चलो खेलेंगे होली।
श्याम से श्यामा बोली,
चलो खेलेंगे होली॥


Shyam se Shyama boli, Chalo Khelenge Holi

Alka Goyal


Krishna Bhajan