माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
ज्योत जगा के, सर को झुका के
मैं मनाऊंगी, दर पे आउंगी,
मनाऊंगी, मैं आउंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
ज्योत जगा के, सर को झुका के
मैं मनाऊंगी, दर पे आउंगी,
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
संतो महंतो को बुला के
घर में कराऊं जगराता
सुनती है सब की फ़रियादे,
मेरी भी सुन लेगी माता
झोली भरेगी, संकट हरेगी
भेटा गाऊँगी, मैं मनाऊंगी,
मैं आऊँगी, मै गाऊँगी,
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
दिल से सुनो शेरा वाली माँ,
खड़ी मैं बन के सवाली।
झोली भरो मेरी रानी वाली माँ,
गोद है लाल से खाली।
कृपा करो, गोदी भरो
मैं दर पे आउंगी, मैं भेटें गाऊँगी
मैं आउंगी, मैं गाऊँगी, मैं आउंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
भवन तेरा है सब से ऊँचा माँ,
और गुफा तेरी न्यारी
भाग्य विधाता ज्योता वाली माँ,
कहती है दुनिया सारी
दाति तुम्हारा, ले के सहारा,
मैं दर पे आउंगी, मैं भेटे गाऊँगी
मैं आउंगी, मैं गाऊँगी, मैं आउंगी
मनाउंगी, मैं आउंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
कृपा करो वरदानी माँ,
छाया है गम का अँधेरा
तेरे बिना मेरा कोई ना,
मुझ को भरोसा है तेरा
दाति तुम्हारा, ले के सहारा,
दर पे आउंगी, मैं भेटे गाऊँगी,
मैं आउंगी, मैं गाऊँगी, मैं आउंगी
माँ मुरादे पूरी करदे मै हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे मै हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे, मै हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे
माँ मुरादे पूरी करदे
Maa Murade Puri Karde, Halwa Batungi
Durga Bhajan
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
- दुर्गा चालीसा - नमो नमो दुर्गे सुख करनी
- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
- जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय
- आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
- आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण
- भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
- मन लेके आया मातारानी के भवन में
- माँ जगदम्बा की करो आरती
- आरती माँ आरती, नवदुर्गा तेरी आरती
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - कालीमाता की आरती
- मात अंग चोला साजे, हर एक रंग चोला साजे
- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये