जितना राधा रोई कान्हा के लिए, कन्हैया उतना रोया है, सुदामा के लिए


जितना राधा रोई रोई कान्हा के लिए

जितना राधा रोई-रोई कान्हा के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥

यार की हालत देखी, उसकी हालत पे रोया।
यार के आगे अपनी शानो शौकत पे रोया॥

ऐसे तड़पा जैसे समा परवाना के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥

जितना राधा रोई-रोई कान्हा के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥


यार को लगा कलेजे, बात भर भर के रोया।
और अपने बचपन को, याद कर कर के रोया॥

ये ऋण था अनमोल के श्याम दीवाना के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए॥


पाँव के छाले देखे, तो दुःख के मारे रोया।
पाँव धोने के खातिर, खुशी के मारे रोया॥

आंसू थे भरपाई, बस हर्जाना के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥


जितना राधा रोई-रोई कान्हा के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥

उसके आने से रोया, उसके जाने से रोया।
होक गदगद चावल के, दाने दाने पे रोया॥

बनवारी वो रोया, बस याराना के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥


जितना राधा रोई-रोई कान्हा के लिए।
कन्हैया उतना रोया-रोया है, सुदामा के लिए॥


Kanhaiya Utna Roya Hai Sudama Ke Liye

Saurabh Madhukar

Mukesh Bagda


Krishna Bhajan