जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे दुर्गे माँ, जागो प्रितपाला।
भक्त जनो ने तेरे दर पे डेरा डाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे दुर्गे माँ, जागो प्रितपाला।
भक्त जनो ने तेरे दर पे डेरा डाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
जागो तुम्हारे भक्त तुमको जगाएं
आओ माँ लाल तुम्हे रो रो बुलाएं।
ज्वाला है नाम तेरा, तेज है निराला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे दुर्गे माँ, जागो प्रितपाला।
भक्त जनो ने तेरे दर पे डेरा डाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
जागो दिलों के अन्धकार को मिटा दो
भटके हुए को माँ रौशनी दिखा दो।
अपनी ही ज्योति का कर के उजाला
जागो, माँ जागो माँ जागो॥
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे दुर्गे माँ, जागो प्रितपाला।
भक्त जनो ने तेरे दर पे डेरा डाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
सारा ज़माना हुआ ज्योत का दीवाना,
मैया हम चरणों में मांगे ठिकाना।
जिस पे तेरी नज़र मैया उसका बोलबाला
जागो, माँ जागो माँ जागो॥
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे दुर्गे माँ, जागो प्रितपाला।
भक्त जनो ने तेरे दर पे डेरा डाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
शेर पे सवार माँ, अष्ट भुजा वाली
दुष्टों की काल, मैया भक्तों की रखवाली।
नयनो में तेज तेरे गले मुंडमाला
जागो, माँ जागो माँ जागो॥
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो हे दुर्गे माँ, जागो प्रितपाला।
भक्त जनो ने तेरे दर पे डेरा डाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो॥
जागो हे जगदम्बे, जागो हे ज्वाला
जागो, माँ जागो, माँ जागो
Jago He Jagdambe, Jago He Jwala
Narendra Chanchal
Durga Bhajan
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
- दुर्गा चालीसा - नमो नमो दुर्गे सुख करनी
- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
- जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय
- आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
- आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण
- भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
- मन लेके आया मातारानी के भवन में
- माँ जगदम्बा की करो आरती
- आरती माँ आरती, नवदुर्गा तेरी आरती
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - कालीमाता की आरती
- मात अंग चोला साजे, हर एक रंग चोला साजे
- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये