गोविन्द जय – जय गोपाल जय – जय
गोविन्द जय-जय गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
ब्रह्माकी जय-जय, विष्णूकी जय-जय।
उमा- पति शिव शंकरकी जय-जय॥
गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
राधाकी जय-जय, रुक्मनिकी जय-जय।
मोर-मुकुट बन्सीवाले की जय-जय॥
गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
गंगाकी जय-जय, यमुनाकी जय-जय।
सरस्वती, त्रिवेणीकी जय-जय॥
गोविन्द जय-जय गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
रामजीकी जय-जय, श्यामजीकी जय-जय।
दशरथ-कुँवर चारों भैयों की जय-जय॥
गोविन्द जय-जय गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
कृष्णाकी जय-जय, लक्ष्मीकी जय-जय।
कृष्ण-बलदेव दोनों भाइयोंकी जय-जय॥
गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय॥
Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai
Anup Jalota
Krishna Bhajan
- ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन - आध्यात्मिक महत्व
- आरती कुंज बिहारी की - श्री कृष्ण आरती - अर्थ सहित
- अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
- मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है
- नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की (Updated)
- मधुराष्टकम - अर्थ साहित - अधरं मधुरं वदनं मधुरं
- मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं - अर्थ सहित
- सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - अर्थ सहित
- हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी - आध्यात्मिक महत्व
- बता मेरे यार सुदामा रे - भाई घणे दीना में आया
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय - मंत्र 108
- काली कमली वाला, मेरा यार है
- मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना
- ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला
- अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
- फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी
- देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ - अर्थ सहित
- मुझे अपने ही रंग में रंगले, मेरे यार सांवरे
- नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा