दुनिया चले ना श्री राम के बिना


दुनिया चले ना श्री राम के बिना

दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना॥ अर्थात मुक्ति और भक्ति दोनों ही भगवान श्री राम और हनुमान जी की कृपा से ही प्राप्त होती हैं। बिना भगवान श्री राम के मुक्ति प्राप्त नहीं हो सकती है, और बिना हनुमान जी की कृपा के भक्ति प्राप्त नहीं हो सकती है।


मुखड़ा – स्थाई

[दुनिया चले ना श्री राम के बिना।
राम जी चले ना हनुमान के बिना॥] – (स्थाई – मुखड़ा )


अंतरा

जब से रामायण पढ़ ली है,
एक बात मैंने समझ ली है।

रावण मरे ना श्री राम के बिना,
लंका जले ना हनुमान के बिना॥

[दुनिया चले ना श्री राम के बिना….]


लक्ष्मण का बचना मुश्किल था,
कौन बूटी लाने के काबिल था।

लक्ष्मण बचे ना श्री राम के बिना,
बूटी मिले ना हनुमान के बिना॥

[दुनिया चले ना श्री राम के बिना….]


सीता हरण की कहानी सुनो,
भक्तो मेरी जुबानी सुनो

वापस मिले ना श्री राम के बिना,
पता चले ना हनुमान के बिना॥

[दुनिया चले ना श्री राम के बिना….]


बैठे सिंहासन पे श्री राम जी,
चरणों में बैठे हैं हनुमान जी।

मुक्ति मिले ना श्री राम के बिना,
भक्ति मिले ना हनुमान के बिना॥

[दुनिया चले ना श्री राम के बिना….]


दुनिया चले ना श्री राम के बिना।
राम जी चले ना हनुमान के बिना॥


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Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina


Hanuman Bhajan



Ram Bhajan



दुनिया चले ना श्री राम के बिना

दुनिया श्री राम के बिना नहीं चल सकती है, और श्री राम हनुमान जी के बिना नहीं चल सकते हैं। यानी की ना सिर्फ भगवान् राम की भक्ति जरूरी है बल्कि हनुमानजी की भक्ति भी भक्त के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। वे ही हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते हैं और हमें सही राह पर चलने में मदद करते हैं।

रावण का वध भगवान श्री राम के बिना नहीं हो सकता था, और लंका हनुमान जी के बिना नहीं जल सकती थी।

श्री राम ही रावण के अत्याचारों से दुनिया को मुक्त कर सकते थे। और लंका का दहन हनुमान जी के बिना नहीं हो सकता था। हनुमान जी ने ही अपनी पूँछ में आग लगाकर लंका को जलाया था।

भक्ति और विश्वास हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। मुक्ति श्री राम के बिना नहीं मिल सकती है, और भक्ति हनुमान जी के बिना नहीं मिल सकती है। अर्थात भगवान श्री राम के बिना हनुमान जी अधूरे हैं और हनुमान जी के बिना भगवान श्री राम भी अधूरे हैं।

भगवान श्री राम सिंहासन पर विराजमान हैं और उनके चरणों में हनुमान जी बैठे हैं। श्री राम ज्ञान और प्रेम का प्रतीक हैं, जबकि हनुमान जी भक्ति, शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। हनुमान जी श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं और वे हमेशा उनकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं।


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