गणेश मंत्र – गणेशजी के अत्यंत सरल मंत्र


भगवान् श्री गणेश – सुखकर्ता और दुःखहर्ता

भगवान श्री गणेश दुखहर्ता है,
अर्थात बाधाएं, चिंता और दुःख दूर करने वाले देवता है।

गणपतिजी सुखकर्ता है,
अर्थात रिद्धी, सिद्धि और बुद्धि के भी दाता हैं।

इसलिए गणेशजी के मंत्र सिद्धि मंत्र हैं और
प्रत्येक मंत्र में उनकी कुछ विशिष्ट शक्तियां समाहित हैं।

  • समाहित अर्थात सम्मिलित, निहित या रहती हैं।

जब सच्ची भक्ति के साथ गणेश मंत्र का जाप किया जाता है,
तो अच्छे परिणाम मिलते हैं।


श्री गणेश मंत्र जाप के लाभ

सामान्य तौर पर गणेश मंत्र के जाप से
सभी बुराईयां मिट जाती है और
भक्त को विवेक और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।

जो मनुष्य सच्ची भक्ति से गणेशजी के मंत्र जाप करता है,
उस भक्त के मन में बुरे विचार प्रवेश नहीं करते और
जिस घर में श्री गणेश मंत्रो का जाप होता है,
उस घर में विपदाएं प्रवेश नहीं करती।

आध्यात्मिक लाभ के लिए,
श्री गणेशजी के कुछ सरल मंत्र नीचे दिए गए हैं। (1)


गणेश मंत्र जाप से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें –

मंत्र के जाप के लिए बैठने से पहले नहा लेना चाहिए।

मंत्र का जाप 108 बार या एक पूर्ण माला का होना चाहिए।

जब यह जाप नियमित रूप से 48 दिनों तक किया जाए,
तो यह एक – उपासना – बन जाता है।

जिसका अर्थ है गहन ध्यान,
जिससे सिद्धि या आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है।

लेकिन इन शक्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

शक्तियों का उपयोग सिर्फ मानव जाति के लाभ के लिए और
निस्वार्थ कार्यों के लिए ही करना चाहिए।

शक्तियों का दुरुपयोग
देवताओं के अभिशाप का कारण बन सकता है। (1)


ओम गं गणपतये नमः

Om Gam Ganapataye Namaha
ॐ गं गणपतये नमः

ओम गं गणपतये नमः, गणपति उपनिषद का एक मंत्र है।

नया व्यवसाय, नया करियर या नई नौकरी शुरू करने से पहले,
यात्रा शुरू करने से पहले या स्कूल में नए कोर्स से पहले,
गणपतिजी के इस मंत्र को, पढ़ा जाता है,
ताकि बाधाएं दूर हो जाएं और प्रयासों में सफलता मिले। (1)

ॐ गं गणपतये नमः, ॐ गं गणपतये नमः
ॐ गं गणपतये नमः, ॐ गं गणपतये नमः


ओम नमो भगवते गजाननाय नमः

Om Namo Bhagavate Gajaananaaya Namaha
ॐ नमो भगवते गजाननाय नमः

ओम नमो भगवते गजाननाय नमः, एक भक्ति मंत्र है।

यह मंत्र गणेश जी की सर्वव्यापी चेतना का प्रतिनिधित्व करता है,
अर्थात सर्वव्यापी चेतना को व्यक्त करता है।

यह मंत्र गणेशजी के दर्शन करने या,
एक व्यक्ति के रूप में उनकी तत्काल उपस्थिति को
महसूस करने के लिए बहुत प्रभावशाली है। (1)

ओम नमो भगवते गजाननाय नमः,
ओम नमो भगवते गजाननाय नमः,
ओम नमो भगवते गजाननाय नमः,
ओम नमो भगवते गजाननाय नमः


ओम श्री गणेशाय नमः

Om Shri Ganeshaaya Namaha
ॐ श्री गणेशाय नमः

ओम श्री गणेशाय नमः मंत्र से
स्मरण शक्ति बढ़ती है,
जो छात्रों को पढ़ाई के लिए और
परीक्षामें सफल होने के लिए जरूरी हैं।

इसलिये यह मंत्र आमतौर पर सभी बच्चों को
उनकी अच्छी शिक्षा के लिए सिखाया जाता है।

किसी भी उम्र के लोग, स्कूल या विश्वविद्यालय में,
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए और सफलता के लिए
इस मंत्र का उपयोग कर सकते हैं। (1)

ॐ श्री गणेशाय नमः, ॐ श्री गणेशाय नमः,
ॐ श्री गणेशाय नमः, ॐ श्री गणेशाय नमः


ॐ वक्रतुंडाय नम:

Om Vakratundaaya Namaha
ॐ वक्रतुंडाय नम:

यह एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है,
जैसा कि गणेश पुराण में चर्चा की गई है।

जब व्यक्तिगत या सार्वभौमिक रूप से कुछ काम ठीक से नहीं हो रहा है,
या जब लोगों के दिमाग, नकारात्मक हो जाते हैं,
तो गणेशजी का ध्यान, इस मन्त्र से आकर्षित किया जा सकता है,
जिससे काम सरल हो जाते है।

गणेश पुराण में राक्षसों केअत्याचार को रोकने के लिए,
इस मंत्र का कई बार उपयोग किया गया है। (1)

ॐ वक्रतुंडाय नम:, ॐ वक्रतुंडाय नम:
ॐ वक्रतुंडाय नम:, ॐ वक्रतुंडाय नम:


ओम क्षिप्र प्रसादाय नमः

Om Kshipra Prasadaya Namaha
ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः

क्षिप्र अर्थात तुरंत, तत्काल, जल्दी, तेज़, शीघ्रगामी, instant

ओम क्षिप्र प्रसादाय नमः मंत्र में, क्षिप्र का अर्थ है तुरंत।

अगर कुछ खतरा या कुछ मुश्किलें रास्ते में आ रही हैं और
नहीं जानते कि उस मुसीबत से कैसे छुटकारा पाया जाए,
तो भगवान श्री गणेश का त्वरित आशीर्वाद पाने के लिए,
सच्ची श्रद्धा के साथ इस मंत्र का अभ्यास करें।

ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः, ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः
ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः, ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः


ओम सुमुखाय नमः

Om Sumukhaaya Namaha
ॐ सुमुखाय नमः

ॐ सुमुखाय नमः, इस मंत्र के बहुत अर्थ है,
लेकिन इसे सरल बनाने के लिए इसका मतलब है कि
इस मंत्र के जाप और ध्यान से
आप हमेशा आत्मा में, चेहरे पर और हर चीज में, बहुत सुंदर होंगे।

उस मंत्र का ध्यान करने से
आप पर बहुत ही मनभावन और सौंदर्य आ जाता है।

इसके साथ ही शांति मिलती है
जो आपकी आँखों में लगातार नृत्य करती है और
जो शब्द आप बोलते हैं,
वे सभी प्रेम की शक्ति से भरे होते हैं।

ॐ सुमुखाय नमः, ॐ सुमुखाय नमः
ॐ सुमुखाय नमः, ॐ सुमुखाय नमः


ओम एकदंताय नमः

Om Ekadantaaya Namaha
ॐ एकदंताय नमः

ॐ एकदंताय नमः मे
एकदंत का तात्पर्य गणपतिजी के एकदन्त से है।

इस मंत्र का अर्थ है कि,
भगवान ने मन में उठने वाले द्वंद्व को तोड़ा,
जिससे मन में एक स्पष्ट सोच आ जाती है।

जिसके पास मन की एकता और
एकल-मन की भक्ति है,
वह सब कुछ हासिल कर लेता है।

ॐ एकदंताय नमः, ॐ एकदंताय नमः
ॐ एकदंताय नमः, ॐ एकदंताय नमः


ओम कपिलाय नमः
Om Kapilaaya Namaha
ॐ कपिलाय नमः

ओम गजकर्णकाय नमः
Om Gajakarnakaaya Namaha
ॐ गजकर्णकाय नमः

ओम लम्बोदराय नमः
Om Lambodharaaya Namaha
ओम लम्बोदराय नमः

ओम विकटाय नमः
Om Vikataaya Namaha
ॐ विकटाय नमः

ओम विघ्न नाशनाय नमः
Om Vighna Nashanaaya Namaha
ॐ विघ्न नाशनाया

ओम विनायकाय नमः
Om Vinayakaaya Namaha
ॐ विनायकाय नमः

ओम धूम्रकेतुवे नमः
Om Dhumraketuve Namaha
ॐ धूम्रकेतुवे नमः

ओम गणाध्याय नमः
Om Ganadhyakshaaya Namaha
ॐ गणाध्याय नमः

ओम भालचंद्राय नमः
Om Bhalachandraaya Namaha
ऊँ भालचंद्राय नमः

ओम गजाननाय नमः
Om Gajaananaaya Namaha
ॐ गजाननाय नमः


सन्दर्भ – Reference – Source –
1. Official website of Shree Siddhivinayak Ganapati Temple Trust, Prabhadevi, Mumbai – Mantra


श्री गणेश मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्य कोटी समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

ॐ गं गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः।
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया॥


श्री गणेश गायत्री मंत्र

Shri Ganesh Gayatri Mantra

ॐ एकदन्ताय विद्धमहे,
वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

ॐ वक्रतुण्डाय विद्धमहे,
एकदन्ताय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥


गणेश स्तुति मंत्र

Vinayak Stuti Mantra

गजाननं भूतगणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बूफलचारू भक्षणम्,
उमासुतं शोक विनाशकारकं,
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥
ॐ श्री गणेशाय नमः

Gajaa-nanam bhoot-ganaadi sevitam
Kapittha jambu-phal charu bhakshanam।
Uma-sutam shok vinaash-kaarakam
Namaami Vighneshwar paad-pankajam॥

(कपित्थ – Wood Apple – एक फल है जो बेल जैसा होता है। इसे कबिट या कठबेल भी कहते हैं)


गणेश शुभ लाभ मंत्र

Ganesh Mantra for Prosperity and Wealth

ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥

Om Shreem Gam
Saubhagya Ganpataye
Varvarda Sarva-janma mein
Vash-maanya Namah॥

Mahamrityunjaya Mantra – with Meaning


महामृत्युंजय मंत्र – अर्थ सहित

ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

महामृत्युंजय मंत्र के द्वारा हम भगवान् शिव की आराधना करते है। महामृत्युंजय मंत्र महामंत्र है। यह अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है तथा इसे संजीवनी मंत्र भी कहते है।

महामृत्युंजय मंत्र का नियमित श्रवण तथा उच्चारण जीवन में शांति, सुख व समृद्धि लाता है। इस मंत्र के जाप से दुर्भाग्य, अमंगल तथा विपत्तियाँ मनुष्य से दूर रहती है।

ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

  • त्रयंबकम – त्रि-नेत्रों वाले (तीन नेत्रों वाले)
  • यजामहे – हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं
  • सुगंधिम – मीठी महक वाले, सुगंधित
  • पुष्टि – एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन
  • वर्धनम – वह जो पोषण करते है, शक्ति देते है, (स्वास्थ्य, धन, सुख में वृद्धिकारक); जो हर्षित करते है, आनन्दित करते है

हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं।

उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

  • उर्वारुकम – ककड़ी
  • इव – जैसे, इस तरह
  • बंधना – तना
  • मृत्युर – मृत्यु से
  • मुक्षिया – हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें
  • मा –
  • अमृतात – अमरता, मोक्ष

उनसे (भगवान शिव से) हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेलरूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बन्धनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं।

महामृत्युंजय मंत्र भावार्थ

ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

भावार्थ – 1

हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं।

उनसे (भगवान् शिवजी से) हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेलरूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बन्धनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं।

भावार्थ – 2

हम त्रि-नेत्रीय शिवजी का चिंतन करते हैं, जो जीवन की मधुर परिपूर्णता को पोषित करते है और वृद्धि करते है। ककड़ी की तरह हम इसके तने से अलग (“मुक्त”) हों, अमरत्व से नहीं बल्कि मृत्यु से हों।

ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥



Shiv Stotra Mantra Aarti Chalisa Bhajan


Mahamrityunjaya Mantra – with Meaning

Om Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pusti-vardhanam
Urvarukam-iva Bandhanan
Mrtyor Muksiya Mamritat

Om Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pusti-vardhanam

Tryambakam – the three-eyed one, shiv
Yajamahe – we worship, we sacrifice
Sugandhim – the fragrant, the virtuous, the supreme being
Pusti-vardhanam – who nourishes all beings, the bestower of nourishment, wealth, perfection (him who possesses the growth of nourishment)

Urvarukam-iva Bandhanan
Mrtyor Muksiya Mamritat

Urvarukamiva – as cucumber
Bandhanan – from bondage, from the stalk/stem
Mrtyor – from death
Muksiya – may I be freed/released
Mamritat – not from immortality

Mahamrityunjaya Mantra Meaning
We Meditate on the Three-eyed reality (Lord Siva) which permeates and nourishes all like a fragrance.
Or
We worship the three-eyed one (Lord Siva, the spreme being) who nourishes all beings like a fragrance (bestower of nourishment, wealth, perfection);

May He liberate me from the death, for the sake of Immortality, as the cucumber is severed from its bondage (of the creeper).


List

या देवी सर्वभूतेषु मंत्र – दुर्गा मंत्र – अर्थ सहित


Ya Devi Sarvabhuteshu – Durga Devi Mantra – Hindi Meaning

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥

हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो।
कल्याण दायिनी शिवा हो।
सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो।
शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो।
हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।


शक्ति

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


चेतना

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि -धीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
(चेतना : sense, consciousness – स्वयं के और अपने आसपास के वातावरण के तत्वों का बोध होने, उन्हें समझने तथा उनकी बातों का मूल्यांकन करने की शक्ति)


मातृ (माता)

या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


दया

या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


क्षान्ति (क्षमा)

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में सहनशीलता, क्षमा के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


बुद्धि

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।


विद्या

या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में विद्या के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।


स्मृति

या देवी सर्वभूतेषु स्मृति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

स्मृति : memory : याद, स्मरणशक्ति, याददाश्त, यादगार
जो देवी सभी प्राणियों में स्मृति (स्मरणशक्ति) रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


श्रद्धा

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में श्रद्धा, आदर, सम्मान के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।


भक्ति

या देवी सर्वभूतेषु भक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में भक्ति, निष्ठा, अनुराग के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।


शांति

या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में शान्ति के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


लक्ष्मी

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में लक्ष्मी, वैभव के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


जाति

या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जाति : जन्म , सभी वस्तुओ का मूल कारण
जो देवी सभी प्राणियों का मूल कारण है, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


कान्ति (तेज, ऊर्जा)

या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सभी प्राणियों में तेज, दिव्यज्योति, उर्जा रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


तृष्णा

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सभी प्राणियों में चाहत के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


क्षुधा

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में भूख के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


भ्रान्ति

या देवी सर्वभूतेषू भ्रान्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भ्रान्ति : illusion, delusion : माया, मोह, प्रपंच
जो देवी सब प्राणियों में भ्रान्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


वृत्ति

या देवी सर्वभूतेषु वृत्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

वृत्ति : instinct : सहज प्रवृत्ति, मूल प्रवृत्ति, अन्तःप्रेरणा, सहजवृत्ति, स्वाभाविक बुद्धि
जो देवी सब प्राणियों में वृत्ति, सहज प्रवृत्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


तुष्टि

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सब प्राणियों में सन्तुष्टि के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।


निद्रा

या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सभी प्राणियों में आराम, नींद के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।



Devi Mantra – Ya Devi Sarva Bhuteshu – List

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥


शक्ति, चेतना

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


मातृ, दया, क्षान्ति

या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


बुद्धि, विद्या, स्मृति

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


श्रद्धा, भक्ति, शांति

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु भक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


लक्ष्मी

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


जाति, कान्ति

या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


तृष्णा, क्षुधा, भ्रान्ति

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू भ्रान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


वृत्ति, तुष्टि, निद्रा

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ 


 

Ya Devi Sarva Bhuteshu (with Meaning) – Lyrics in English


Ya Devi Sarva Bhuteshu (with Meaning) – Durga Devi Mantra

Sarva Mangal Mangalye
Shive Sarvartha Sadhike
Sharanye Tryambke Gauri
Narayani Namostute

Shakti, Chetana (consciousness)


Maa Durga Shakti-rupen

Ya Devi sarvabhuteshu
Shakti-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

To that devi who lives in all beings in the form of shakti, power, strength. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarva bhuteshu
Chetanetya bhi dhiyate
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

To that devi who lives in all beings in the form of consciousness. Salutations to her, salutations, salutations again and again.
(chetna : consciousness, sense – state of being aware of and responsive to one’s surroundings)

Matru, Daya, Kshanti


Maa Durga Matru-rupen

Ya Devi sarvabhuteshu
Matru-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

To that devi who lives in all beings in the form of mother Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Daya-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of kindness, mercy. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhuteshu
Kshanti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

Kshanti : (kshama) : forgiveness, forbearance, patience, tolerance, pardon
To that devi who lives in all beings in the form of forgiveness, tolerance. Salutations to her, salutations, salutations again and again.

Buddhi, Vidya, Smriti


Maa Durga Saraswati

Ya Devi sarvabhuteshu
Buddhi-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of intelligence, wisdom. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhuteshu
Vidya-rupen sansthita,
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of knowledge (vidya). Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Smriti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Smriti : (smaran-shakti) : memory, remembrance, reminiscence
To that devi who lives in all beings in the form of memory. Salutations to her, salutations, salutations again and again.

Shraddha, Bhakti, Shanti


Bhakti Shraddha

Ya Devi sarvabhooteshu
Shraddha-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of faith, reverence. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Bhakti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of devotion (bhakti). Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Shanti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of peace, serenity, calmness, tranquility. Salutations to her, salutations, salutations again and again.

Lakshmi


Maa Durga Lakshmi-rupen

Ya Devi sarvabhuteshu
Lakshmi-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of prosperity (laxmi). Salutations to her, salutations, salutations again and again.

Jaati, Kaanti


Ya Devi sarvabhuteshu
Jaati-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

(Jaati janma, original cause of everything, existence)
To that devi who lives in all beings in the form of jaati. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhuteshu
Kaanti-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of aura (kanti). Salutations to her, salutations, salutations again and again.

Trishna, Kshudha, Bhranti


Ya Devi sarvabhuteshu
Trishna-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of thirst, desire. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Kshudha-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of hunger, appetite. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Bhranti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Bhranti : (maya, moh) : illusion, delusion
To that devi who lives in all beings in the form of delusion. Salutations to her, salutations, salutations again and again.

Vritti, Tushti, Nidra


Ya Devi sarvabhuteshu
Vritti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Vritti : instinct, natural instinct, a natural or innate tendency.
To that devi who lives in all beings in the form of instinct. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhooteshu
Tushti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of satisfaction, contentment. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi sarvabhuteshu
Nidra-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

To that devi who lives in all beings in the form of rest, relaxation, sleep. Salutations to her, salutations, salutations again and again.


Ya Devi Sarva Bhuteshu – Durga Devi Mantra


Durga Bhajan



Ya Devi Sarva Bhuteshu (with Meaning) – Durga Devi Mantra

Shakti, Chetana (consciousness)


Ya Devi sarvabhuteshu
Shakti-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

Ya Devi sarva bhuteshu
Chetanetya bhi dhiyate
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

Matru, Daya, Kshanti


Ya Devi sarvabhuteshu
Matru-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

Ya Devi sarvabhooteshu
Daya-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhuteshu
Kshanti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha

Buddhi, Vidya, Smriti


Ya Devi sarvabhuteshu
Buddhi-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhuteshu
Vidya-rupen sansthita,
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhooteshu
Smriti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Shraddha, Bhakti, Shanti


Ya Devi sarvabhooteshu
Shraddha-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhooteshu
Bhakti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhooteshu
Shanti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Lakshmi


Ya Devi sarvabhuteshu
Lakshmi-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Jaati, Kaanti


Ya Devi sarvabhuteshu
Jaati-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhuteshu
Kaanti-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Trishna, Kshudha, Bhranti


Ya Devi sarvabhuteshu
Trishna-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhooteshu
Kshudha-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhooteshu
Bhranti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Vritti, Tushti, Nidra


Ya Devi sarvabhuteshu
Vritti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhooteshu
Tushti-roopen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah

Ya Devi sarvabhuteshu
Nidra-rupen sansthita.
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namah


Durga Bhajan



Gayatri Mantra with Meaning


गायत्री मंत्र – अर्थसहित


ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

ॐ भूर्भुवः स्वः (ॐ भूर भुवः स्वः)
तत्सवितुर्वरेण्यं (तत सवितुर वरेण्यम) ।
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्॥


गायत्री मंत्र – अर्थ

  • – सर्वत्र, सदा, सर्वथा रक्षक, प्रणव अक्षर
  • भूर – प्राणाधार, प्राण प्रदाण करने वाला
  • भुवः – दुःखनाशक, दुख़ों का नाश करने वाला
  • स्वः – सुखस्वरूप, सुखदाता, सुख़ प्रदाण करने वाला
  • तत – वह (प्रभु)
  • सवितुर – सूर्य की भांति उज्जवल, उत्पन्न करने वाला
  • वरेण्यम – सबसे उत्तम, सर्वश्रेष्ठ
  • भर्गो – शुद्धस्वरूप, पापनाशक, कर्मों का उद्धार करने वाला
  • देवस्य – दिव्यस्वरूप का, प्रभु का
  • धीमहि – हम ध्यान करते हैं
  • धियो – बुद्धि को
  • यो – जो
  • नः – हमारी
  • प्रचोदयात् – सद्बुद्धि प्रदान करें, हमें शक्ति दें, सन्मार्ग में प्रेरित करे

गायत्री मंत्र – भावार्थ

गायत्री मंत्र अर्थ – 1

  • हे दयालु परमात्मा, आप अपनी असीम कृपा से हमारी सदा रक्षा करते हैं।
  • आप ही हमारे जीवनाधार हैं।
  • अपने सेवको के दुःखो को दूर करके उन को सूख देने वाले हैं।
  • आप सर्वत्र सप्रतिष्टित और सुप्रसिद्ध है।
  • आप से ही यह सारा जगत् उत्पन्न हुआ है।
  • आप सर्वोत्तम, शुद्ध, पवित्र, और ज्ञानस्वरूप हैं।
  • आप ही सकल शुभ गुणों की खान हैं।
  • आप का हम प्रतिदिन ध्यान करें और
  • आप हमे विवेकशीलता और सद्बुद्धि प्रदान करें।

गायत्री मंत्र अर्थ – 2

  • उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें।
  • वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।

गायत्री मंत्र अर्थ – 3

  • ईश्वर प्राणाधार, दुःखनाशक तथा सुख स्वरूप है।
  • हम प्रेरक देव के उत्तम तेज का ध्यान करें।
  • जो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर बढ़ाने के लिए पवित्र प्रेरणा दें।

गायत्री मंत्र का महत्व

ॐ भूर् भुवः स्वः।
तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥


ऋषियों ने जो अमूल्य रत्न हमको दिऐ हैं, उनमें से एक अनुपम रत्न गायत्री मंत्र है। गायत्री मंत्र में ऐसी शक्ति सन्निहित है, जो महत्वपूर्ण कार्य कर सकती है। इस मंत्र का जप करने से बडी-बडी सिद्धियां मिल जाती हैं। यह मंत्र छोटा है, पर इसकी शक्ति बड़ी है।

गायत्री मंत्र सदबुद्धि का भी मंत्र है, जिससे बुद्धि पवित्र होती है, इसलिऐ इस मंत्रो का मुकुटमणि कहा गया है।

गायत्री मंत्र का निरन्तर जप आत्माओं की उन्नति के लिए उपयोगी है। गायत्री का स्थिर चित्त और शान्त हृदय से किया हुआ जप आपत्तिकाल के संकटों को दूर करने का प्रभाव रखता है।

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।


Gayatri Mantra – Meaning

Om Bhur Bhuvah Swaha,
Tat Savitur Varenyam
Bhargo Devasya Dhimahi,
Dhiyo Yo Nah Pracho Dayat

We meditate on the glory of that Being who has produced this universe; may He enlighten our minds.

Let us meditate on Isvara and His Glory who has created the Universe, who is fit to be worshipped, who is the remover of all sins and ignorance. May he enlighten our intellect.

Om Bhur Bhuvah Swaha,
Tat Savitur Varenyam
Bhargo Devasya Dhimahi,
Dhiyo Yo Nah Pracho Dayat

  • Om – Brahma or Almighty God, Para Brahman;
  • Bhur – Bhuloka (Physical Plane), embodiment of vital spiritual energy (prana)
  • Bhuvah – antariksha, destroyer of sufferings
  • Svah – svarga loka, embodiment of happiness
  • Tat – paramatma, that
  • Savitur – isvara (surya), bright, luminous like the Sun
  • Varenyam – fit to be worshipped, best, most exalted
  • Bhargo – remover of sins and ignorance, destroyer of sins
  • Devasya – glory, divine (jnana svaroopa)
  • Dheemahi – We meditate
  • Dhiyo – Buddhi (Intellect)
  • Yo – which, who
  • Nah – our
  • Prachodayat – enlighten, may inspire

Let us meditate on that excellent glory of the divine vivifying Sun, May he enlighten our understandings.

We meditate on the effulgent glory of the divine Light; may he inspire our understanding.

We meditate on the adorable glory of the radiant sun; may he inspire our intelligence.

Om Bhur Bhuvah Swaha,
Tat Savitur Varenyam
Bhargo Devasya Dhimahi,
Dhiyo Yo Nah Pracho Dayat

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108


Ram Bhajan

श्री राम, जय राम, जय जय राम मंत्र


राम मंत्र की महिमा

राम नाम मनीदीप धरु,
जीह देहरी द्वार।
तुलसी भीतर बाहरेहुँ,
जौं चाहसि उजियार॥ – तुलसीदास


अर्थ:

  • राम नाम मनीदीप धरु – तुलसीदासजी कहते है की रामनामरूपी मणिदीप
    • मनीदीप – ऐसा दीपक जो हवाके झोंके अथवा तेलकी कमीसे कभी न बुझनेवाला और नित्य प्रकाशमय है
  • जीह देहरी द्वार – मुखरूपी दरवाजेकी देहलीज पर रख दो (अर्थात जिव्हा से – जीभ से – सतत राम नाम का जाप करते रहो)
  • तुलसी भीतर बाहरेहुँ – यदि तू भीतर ( अर्थात मन में) और बाहर दोनों ओर
  • जौं चाहसि उजियारप्रकाश चाहता है तो
  • अर्थात लौकिक एवं पारमार्थिक ज्ञान के लिए जीभके द्वारा अखंडरूपसे श्रीराम नामका जाप करते रहो।

श्री राम, जय राम, जय जय राम मंत्र – 108 बार

1. श्री राम, जय राम, जय जय राम
2. श्री राम, जय राम, जय जय राम
3. श्री राम, जय राम, जय जय राम
4. श्री राम, जय राम, जय जय राम


5. श्री राम, जय राम, जय जय राम
6. श्री राम, जय राम, जय जय राम
7. श्री राम, जय राम, जय जय राम
8. श्री राम, जय राम, जय जय राम


9. श्री राम, जय राम, जय जय राम
10. श्री राम, जय राम, जय जय राम
11. श्री राम, जय राम, जय जय राम
12. श्री राम, जय राम, जय जय राम


13. श्री राम, जय राम, जय जय राम
14. श्री राम, जय राम, जय जय राम
15. श्री राम, जय राम, जय जय राम
16. श्री राम, जय राम, जय जय राम


17. श्री राम, जय राम, जय जय राम
18. श्री राम, जय राम, जय जय राम
19. श्री राम, जय राम, जय जय राम
20. श्री राम, जय राम, जय जय राम


21. श्री राम, जय राम, जय जय राम
22. श्री राम, जय राम, जय जय राम
23. श्री राम, जय राम, जय जय राम
24. श्री राम, जय राम, जय जय राम


25. श्री राम, जय राम, जय जय राम
26. श्री राम, जय राम, जय जय राम
27. श्री राम, जय राम, जय जय राम
28. श्री राम, जय राम, जय जय राम


29. श्री राम, जय राम, जय जय राम
30. श्री राम, जय राम, जय जय राम
31. श्री राम, जय राम, जय जय राम
32. श्री राम, जय राम, जय जय राम


33. श्री राम, जय राम, जय जय राम
34. श्री राम, जय राम, जय जय राम
35. श्री राम, जय राम, जय जय राम
36. श्री राम, जय राम, जय जय राम


37. श्री राम, जय राम, जय जय राम
38. श्री राम, जय राम, जय जय राम
39. श्री राम, जय राम, जय जय राम
40. श्री राम, जय राम, जय जय राम


41. श्री राम, जय राम, जय जय राम
42. श्री राम, जय राम, जय जय राम
43. श्री राम, जय राम, जय जय राम
44. श्री राम, जय राम, जय जय राम


45. श्री राम, जय राम, जय जय राम
46. श्री राम, जय राम, जय जय राम
47. श्री राम, जय राम, जय जय राम
48. श्री राम, जय राम, जय जय राम


49. श्री राम, जय राम, जय जय राम
50. श्री राम, जय राम, जय जय राम
51. श्री राम, जय राम, जय जय राम
52. श्री राम, जय राम, जय जय राम


53. श्री राम, जय राम, जय जय राम
54. श्री राम, जय राम, जय जय राम
55. श्री राम, जय राम, जय जय राम
56. श्री राम, जय राम, जय जय राम


57. श्री राम, जय राम, जय जय राम
58. श्री राम, जय राम, जय जय राम
59. श्री राम, जय राम, जय जय राम
60. श्री राम, जय राम, जय जय राम


61. श्री राम, जय राम, जय जय राम
62. श्री राम, जय राम, जय जय राम
63. श्री राम, जय राम, जय जय राम
64. श्री राम, जय राम, जय जय राम


65. श्री राम, जय राम, जय जय राम
66. श्री राम, जय राम, जय जय राम
67. श्री राम, जय राम, जय जय राम
68. श्री राम, जय राम, जय जय राम


69. श्री राम, जय राम, जय जय राम
70. श्री राम, जय राम, जय जय राम
71. श्री राम, जय राम, जय जय राम
72. श्री राम, जय राम, जय जय राम


73. श्री राम, जय राम, जय जय राम
74. श्री राम, जय राम, जय जय राम
75. श्री राम, जय राम, जय जय राम
76. श्री राम, जय राम, जय जय राम


77. श्री राम, जय राम, जय जय राम
78. श्री राम, जय राम, जय जय राम
79. श्री राम, जय राम, जय जय राम
80. श्री राम, जय राम, जय जय राम


81. श्री राम, जय राम, जय जय राम
82. श्री राम, जय राम, जय जय राम
83. श्री राम, जय राम, जय जय राम
84. श्री राम, जय राम, जय जय राम


85. श्री राम, जय राम, जय जय राम
86. श्री राम, जय राम, जय जय राम
87. श्री राम, जय राम, जय जय राम
88. श्री राम, जय राम, जय जय राम


89. श्री राम, जय राम, जय जय राम
90. श्री राम, जय राम, जय जय राम
91. श्री राम, जय राम, जय जय राम
92. श्री राम, जय राम, जय जय राम


93. श्री राम, जय राम, जय जय राम
94. श्री राम, जय राम, जय जय राम
95. श्री राम, जय राम, जय जय राम
96. श्री राम, जय राम, जय जय राम


97. श्री राम, जय राम, जय जय राम
98. श्री राम, जय राम, जय जय राम
99. श्री राम, जय राम, जय जय राम
100. श्री राम, जय राम, जय जय राम


101. श्री राम, जय राम, जय जय राम
102. श्री राम, जय राम, जय जय राम
103. श्री राम, जय राम, जय जय राम
104. श्री राम, जय राम, जय जय राम


105. श्री राम, जय राम, जय जय राम
106. श्री राम, जय राम, जय जय राम
107. श्री राम, जय राम, जय जय राम
108. श्री राम, जय राम, जय जय राम

Ram Bhajans

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108


1. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
2. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
3. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
4. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


5. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
6. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
7. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
8. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


9. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
10. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
11. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
12. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


13. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
14. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
15. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
16. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


17. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
18. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
19. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
20. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


21. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
22. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
23. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
24. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


25. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
26. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
27. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
28. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


29. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
30. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
31. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
32. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


33. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
34. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
35. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
36. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


37. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
38. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
39. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
40. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


41. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
42. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
43. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
44. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


45. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
46. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
47. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
48. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


49. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
50. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
51. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
52. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


53. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
54. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
55. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
56. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


57. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
58. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
59. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
60. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


61. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
62. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
63. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
64. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


65. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
66. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
67. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
68. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


69. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
70. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
71. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
72. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


73. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
74. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
75. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
76. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


77. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
78. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
79. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
80. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


81. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
82. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
83. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
84. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


85. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
86. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
87. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
88. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


89. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
90. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
91. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
92. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


93. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
94. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
95. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
96. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


97. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
98. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
99. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
100. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


101. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
102. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
103. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
104. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram


105. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
106. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
107. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram
108. Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram

Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108
Shri Ram, Jay Ram, Jay Jay Ram Mantra – 108

Ram Bhajans


Hare Krishna Mantra (Dhun)


Krishna Bhajan

हरे कृष्ण मंत्र (धुन) – हरे राम, हरे कृष्ण


हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।


हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम
राम राम, हरे हरे॥

हरे राम हरे कृष्ण – हरे राम हरे कृष्ण

हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा, हरे रामा
रामा रामा , हरे हरे॥


हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम
राम राम, हरे हरे॥


हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा, हरे रामा
रामा रामा , हरे हरे॥

Hare Krishna Mantra (Dhun) - Hare Rama Hare Krishna
Hare Krishna Mantra – Hare Rama Hare Krishna (Dhun)

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम
राम राम, हरे हरे॥

Krishna Bhajans

Hare Krishna Mantra (Dhun) – Hare Rama Hare Krishna

Shankar Mahadevan

Hare Krishna Mantra (Dhun) – Hare Rama Hare Krishna


Hare Krishna, Hare Krishna,
Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama,
Rama Rama, Hare Hare

Hare Krishnaa, Hare Krishnaa,
Krishnaa Krishnaa, Hare Hare
Hare Raamaa, Hare Raamaa,
Raamaa Ramaa, Hare Hare

Hare Krishna, Hare Krishna,
Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama,
Rama Rama, Hare Hare

Hare Krishnaa, Hare Krishnaa,
Krishnaa Krishnaa, Hare Hare
Hare Raamaa, Hare Raamaa,
Raamaa Ramaa, Hare Hare

Hare Krishna Mantra (Dhun)
Hare Krishna Mantra (Dhun)

Hare Krishna, Hare Krishna,
Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama,
Rama Rama, Hare Hare

Krishna Bhajans

Om Namo Bhagavate Vasudevaya Mantra


Krishna Bhajan

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
3. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
4. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


5. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
6. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
7. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
8. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


9. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
10. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
11. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
12. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


13. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
14. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
15. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
16. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


17. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
18. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
19. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
20. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


21. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
22. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
23. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
24. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


25. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
26. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
27. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
28. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


29. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
30. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
31. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
32. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


33. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
34. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
35. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
36. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


37. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
38. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
39. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
40. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


41. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
42. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
43. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
44. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


45. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
46. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
47. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
48. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


49. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
50. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
51. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
52. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


53. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
54. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
55. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
56. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


57. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
58. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
59. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
60. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


61. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
62. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
63. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
64. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


65. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
66. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
67. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
68. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


69. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
70. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
71. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
72. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


73. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
74. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
75. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
76. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


77. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
78. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
79. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
80. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


81. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
82. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
83. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
84. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


85. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
86. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
87. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
88. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


89. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
90. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
91. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
92. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


93. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
94. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
95. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
96. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


97. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
98. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
99. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
100. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


101. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
102. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
103. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
104. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


105. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
106. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
107. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
108. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

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Krishna Bhajans

Om Namo Bhagavate Vasudevaya Mantra

Shankar Mahadevan

Om Namo Bhagavate Vasudevaya Mantra


1. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
2. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
3. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
4. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


5. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
6. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
7. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
8. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


9. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
10. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
11. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
12. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


13. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
14. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
15. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
16. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


17. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
18. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
19. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
20. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


21. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
22. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
23. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
24. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


25. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
26. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
27. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
28. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


29. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
30. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
31. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
32. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


33. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
34. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
35. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
36. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


37. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
38. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
39. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
40. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


41. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
42. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
43. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
44. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


45. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
46. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
47. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
48. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


49. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
50. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
51. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
52. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


53. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
54. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
55. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
56. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


57. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
58. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
59. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
60. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


61. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
62. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
63. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
64. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


65. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
66. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
67. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
68. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


69. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
70. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
71. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
72. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


73. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
74. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
75. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
76. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


77. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
78. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
79. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
80. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


81. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
82. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
83. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
84. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


85. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
86. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
87. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
88. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


89. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
90. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
91. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
92. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


93. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
94. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
95. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
96. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


97. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
98. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
99. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
100. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


101. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
102. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
103. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
104. Om Namo Bhagavate Vasudevaya


105. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
106. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
107. Om Namo Bhagavate Vasudevaya
108. Om Namo Bhagavate Vasudevaya

Krishna Bhajans

Shiv Dhun – Om Namah Shivay


Shiv Bhajan

शिव धुन – ॐ नमः शिवाय मंत्र


सुबह सुबह ले शिव का नाम,
कर ले बन्दे यह शुभ काम।
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय

Om Namah Shivay Dhun – 1


ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम।
जिस दिन जुबा पे मेरी आए ना शिव का नाम॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय

Om Namah Shivay Chant – 1 (Start from 10 sec)
ॐ नमः शिवाय जाप – 1  (१० सेकंड से)


शिव का नाम लो।
हर संकट में ॐ नमो शिवाय,
बस यह नाम जपो॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय

Om Namah Shivay Chant – 2


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शिव शंकर को जिसने पूजा,
उसका ही उद्धार हुआ।
अंत:काल को भवसागर में,
उसका बेडा पार हुआ॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन, मेरा मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


मिलता है सच्चा सुख केवल,
शिवजी तुम्हारे चरणों में।
यह बिनती है पलछिन छिनकी,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


जो ध्यान तेरा धर ले मन में,
वो जग से मुक्ति पाए।
भव सागर से उसकी नैया,
तू पल में पार लगाए॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


शिव के चरणों में मिलते है,
सारे तीरथ चारो धाम।
शिव को भजले सुख पायेगा,
मन को आएगा आराम॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


है कोई नहीं इस दुनिया में
तेरे जैसा वरदानी।
नित्त सुमरिन करते नाम तेरा
सब संत ऋषि और ग्यानी।
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


महादेव शंकर हैं जग से निराले।
बड़े सीधे साधे, बड़े भोले भाले॥
बनालो उन्हें, अपने जीवन की आशा।
सदा दूर तुमसे रहेगी निराशा॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


हे शिव पिता परमात्मा
करते है तेरी प्रार्थना।
ज्ञान का सूरज है तू
सारे जगत की आत्मा॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
नमो बार बार हूँ
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


सर से तेरे बहती गंगा, 
काम मेरा हो जाता चंगा, 
नाम तेरा जब लेता।
शम्भुनाथ रे, शंकर नाथ रे॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय


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Shiv Bhajans

Om Namah Shivay

Anandmurti Gurumaa

Shiv Bhajans

Shanta Karam Bhujaga Shayanam – Hindi + Meaning


Krishna Bhajan

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं – अर्थ सहित


शान्ताकारं भुजग-शयनं
पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन-सदृशं
मेघवर्ण शुभाङ्गम्।


लक्ष्मीकान्तं कमल-नयनं
योगिभिर्ध्यानगम्यम्
(योगिभिर – ध्यान – गम्यम्)

वन्दे विष्णुं भवभय-हरं
सर्वलोकैक-नाथम्॥

Shanta karam Bhujaga shayanam – Meaning in Hindi

शान्ताकारं भुजग-शयनं
पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं
मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
  • शान्ताकारं – जिनकी आकृति अतिशय शांत है, वह जो धीर क्षीर गंभीर हैं,
  • भुजग-शयनं – जो शेषनाग की शैया पर शयन किए हुए हैं (विराजमान हैं),
  • पद्मनाभं – जिनकी नाभि में कमल है,
  • सुरेशं जो ‍देवताओं के भी ईश्वर और
  • विश्वाधारं जो संपूर्ण जगत के आधार हैं, संपूर्ण विश्व जिनकी रचना है,
  • गगन-सदृशं जो आकाश के सदृश सर्वत्र व्याप्त हैं,
  • मेघवर्ण नीलमेघ के समान जिनका वर्ण है,
  • शुभाङ्गम् अतिशय सुंदर जिनके संपूर्ण अंग हैं, जो अति मनभावन एवं सुंदर है

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं
योगिभिर्ध्यानगम्यम्
(योगिभिर – ध्यान – गम्यम्)वन्दे विष्णुं भवभयहरं
सर्वलोकैकनाथम्॥
  • लक्ष्मीकान्तं ऐसे लक्ष्मीपति,
  • कमल-नयनं कमलनेत्र (जिनके नयन कमल के समान सुंदर हैं)
  • योगिभिर्ध्यानगम्यम् – (योगिभिर – ध्यान – गम्यम्) – जो योगियों द्वारा ध्यान करके प्राप्त किए जाते हैं, (योगी जिनको प्राप्त करने के लिया हमेशा ध्यानमग्न रहते हैं)
  • वन्दे विष्णुं – भगवान श्रीविष्णु को मैं प्रणाम करता हूँ (ऐसे परमब्रम्ह श्री विष्णु को मेरा नमन है)
  • भवभय-हरं जो जन्म-मरण रूप भय का नाश करने वाले हैं, जो सभी भय को नाश करने वाले हैं
  • सर्वलोकैक-नाथम् – जो संपूर्ण लोकों के स्वामी हैं, सभी चराचर जगत के ईश्वर हैं

Krishna Bhajans

Shanta Karam Bhujaga Shayanam

Anuradha Paudwal

Shantakaram Bhujaga Shayanam – Prayer to Lord Vishnu

Shanta-karam Bhujaga-shayanam,
Padmanabham Suresham.
Vishva-dharam Gagana-sadrusham,
Megha-varnam Shubhangam.


Lakshmi-kantam Kamala nayanam,
Yogibhir Dhyana Gamyam.
Vande Vishnum Bhava Bhaya Haram,
Sarva Lokaikanatham.