मोहन से दिल क्यों लगाया है


मोहन से दिल क्यों लगाया है

मोहन से दिल क्यों लगाया है,
यह मैं जानू या वो जाने।

छलिया से दिल क्यों लगाया है,
यह मैं जानू या वो जाने॥


हर बात निराली है उसकी,
हर बात में है इक टेढ़ापन।

टेढ़े पर दिल क्यों आया है,
यह मैं जानू या वो जाने॥

मोहन से दिल क्यों लगाया है,
यह मैं जानू या वो जाने।


जितना दिल ने तुझे याद किया,
उतना जग ने बदनाम किया।

बदनामी का फल क्या पाया हैं,
यह मैं जानू या वो जाने॥

मोहन से दिल क्यों लगाया है,
यह मैं जानू या वो जाने।


तेरे प्यार ने दिल दीवाना किया,
मुझे इस जग से बेगाना किया।

मैंने क्या खोया क्या पाया हैं,
यह मैं जानू या वो जाने॥

मोहन से दिल क्यों लगाया है,
यह मैं जानू या वो जाने।


मिलता भी है, वो मिलता भी नहीं,
नजरो से मेरी हटता भी नहीं।

यह कैसा जादू चलाया है,
यह मैं जानू या वो जाने॥

मोहन से दिल क्यों लगाया है,
यह मैं जानू या वो जाने।


Mohan Se Dil Kyon Lagaya Hai

Shri Gaurav Krishna Goswamiji


Krishna Bhajan