आ लौट के आजा हनुमान (3 Versions)


आ लौट के आजा हनुमान – 1

आ लौट के आजा हनुमान, तुझे तेरे राम बुलाते है।
लक्ष्मण के बचा ले प्राण, तुझे तेरे राम बुलाते है॥

[आ लौट के आजा हनूमान, तुझे तेरे राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनुमान॥]


प्यारे पवनसुत लाने संजीवन, क्यों अब तक ना आए।
रो रो के मैं तो तुझको पुकारूँ, नर बानर घबराये (कुम्हलाये)।
चहुँ ओर दिखे समशान, तुझे तेरे राम बुलाते है॥
Or
सब लोक भये सुनसान, तुझे तेरे राम बुलाते है॥
[आ लौट के आजा हनूमान…]


धरती पे मेरी आँखों का तारा, घायल अवस्था में सोता।
हाय लखन अपनी माता का, बेटा है इकलौता।
कब सुध लोगे हनुमान, तुझे तेरे राम बुलाते है॥
[आ लौट के आजा हनूमान…]


बीती सारी रैन के अब तो, क्षण भर भी ना बाकी।
देखत देखत राह तुम्हारी, बैरन अँखियाँ तांकि (थाकि)।
सूर्योदय लेगा जान, तुझे तेरे राम बुलाते है॥
[आ लौट के आजा हनूमान…]


पहली किरण उगने ना पाई, ले आए संजीवन।
मूर्छा दूर करी लक्ष्मण की, तन कर दीन्हा कंचन।
बजरंग तू ही बलवान, तुझे तेरे राम बुलाते है॥
[आ लौट के आजा हनूमान…]


आ लौट के आजा हनुमान, तुझे तेरे राम बुलाते है।
लक्ष्मण के बचा ले प्राण, तुझे तेरे राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनूमान, तुझे तेरे राम बुलाते है॥


Aa Laut Ke Aaja Hanuman – 1


Hanuman Bhajan



आ लौट के आजा हनुमान – 2

आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते है।
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते है॥
[आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते है]

गए पवन सूत लाने संजीवन, अब तक क्यों नही आये।
सेनापति सुग्रीव पुकारे, नर बानर घबराये॥
सब लोग भये सुनसान, तुम्हे श्री राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते है॥

कभी तडपते कभी बिलखते, जीभर के प्रभु रोते।
आये लखन तुम, अपनी माँ के हो इकलौते बेटे॥
यु रुदन करत है महान, तुम्हे श्री राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते है॥

बीत गयी सब रैन घड़ी, अब भोर रही है बाकी।
देख देख के राह तुम्हारी, बैरन अंखिया तांकि॥
कहि उदय ना हो जाये घात, तुम्हे श्री राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते है॥

रात समय हनुमान संजीवन, ले सेना में आये।
झूमर लाली धन्य बजरंगी लक्ष्मण प्राण बचाए॥
तब जाग उठे बलवान, तुम्हे श्री राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते है॥


Aa Laut Ke Aaja Hanuman – 2


आ लौट के आजा हनुमान – 3

आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।
जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान


लंका जरा के सब को हरा के, तुम्ही खबर सिय की लाये।
पर्वत उठा के संजीवन ला के, तुमने लखन जी बचाये।
हे बजरंगी बलवान, तुम्हे हम याद दिलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान


जिसको प्रभु ने संघारा, पहले था रावण एक ही धरा पे।
तुमने सवारे थे काज सारे, प्रभु को दिया था सहारा।
जग में हे वीर सुजान, सभी तेरे गुण गाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान


है धरम संकट में धर्म फिर से, अब खेल कलयुग ने खेले।
हैं लाखों रावण अब तो यहाँ पे, कब तक लड़े प्रभु अकेले।
जरा देख लगा के ध्यान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान


है राम जी बिन तेरे अधूरे, अंजनी माँ के प्यारे।
भक्तो के सपने करने को पूरे, आजा पवन के दुलारे।
करने जग का कल्याण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान


आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।
जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान


Hanuman Bhajan