Kailash Ke Nivasi Namo – Lyrics in Hindi with Meanings


कैलाश के निवासी नमो बार बार

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, नमो बार बार हूँ
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
आयो शरण तिहारी शम्भू तार तार तू,
भोले तार तार तू, कैलाश के निवासी…


भक्तो को कभी शिव तुने निराश ना किया
माँगा जिन्हें जो चाहा वरदान दे दिया
बड़ा हैं तेरा दायजा, बड़ा दातार तू,
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ…


बखान क्या करू मै राखो के ढेर का
चपटी भभूत में हैं खजाना कुबेर का
हैं गंग धार, मुक्ति द्वार, ओंकार तू
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ….


क्या क्या नहीं दिया, हम क्या प्रमाण दे
बस गए त्रिलोक शम्भू तेरे दान से
ज़हर पिया, जीवन दिया
कितना उदार तू, कितना उदार तू,
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ….


तेरी कृपा बिना न हिलें एक भी अनु
लेते हैं स्वास तेरी दया से कनु कनु
कहे दास एक बार, मुझको निहार तू
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ….


कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, नमो बार बार हूँ
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
आयो शरण तिहारी शम्भू तार तार तू


Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar

Shri Rameshbhai Oza

Shri Narayan Swami


Shiv Bhajan



कैलाश के निवासी नमो बार बार भजन का आध्यात्मिक अर्थ

“कैलाश के निवासी नमो बार बार हूं, नमो बार बार हूं”:
ये पंक्तियाँ कैलाश पर्वत के निवासी भगवान शिव के प्रति अभिनंदन और श्रद्धा की अभिव्यक्ति हैं। भक्त बार-बार विनम्र अभिवादन करता है और भगवान को प्रणाम करता है।

“आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू”
पंक्तियाँ भगवान शिव की शरण लेने की भावना को व्यक्त करती हैं, उन्हें उद्धारकर्ता के रूप में संबोधित करती हैं जो रक्षा करता है और मुक्त करता है। भक्त मानते हैं कि भगवान शिव ही उद्धारकर्ता हैं जो उन्हें संकट से बचाते हैं और मोक्ष प्रदान करते हैं।

“भक्तो को कभी शिव तूने निराश ना किया”:
यह श्लोक आश्वस्त करता है कि भगवान शिव ने अपने भक्तों को कभी निराश नहीं किया है। यह दर्शाता है कि भगवान ने हमेशा अपने भक्तों की इच्छाओं और इच्छाओं को पूरा किया है।

“मांगा जिन्हें जो चाहा वरदान दे दिया”:
यहां, यह कहा गया है कि भगवान शिव उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं और उन लोगों को आशीर्वाद देते हैं जो उनका दिव्य हस्तक्षेप चाहते हैं। वह अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं।

“बड़ा हैं तेरा दायजा, बड़ा दातार तू”:
ये पंक्तियाँ भगवान शिव की उदारता को उजागर करती हैं। यह दर्शाती है कि वह परम दाता है, जो अपने भक्तों पर प्रचुर आशीर्वाद और उपहारों की वर्षा करता है।

“बखान क्या करूं मैं राखो के ढेर का,
चपटी भभूत में हैं खजाना कुबेर का”:
ये पंक्तियाँ भक्तों की दुविधा को व्यक्त करती हैं कि वे भगवान शिव के असीम आशीर्वाद के बदले में क्या अर्पित कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि धन के देवता भगवान कुबेर का खजाना, भक्त द्वारा दिए गए अल्प चढ़ावे में भी मौजूद होता है।

“है गंग धर, मुक्ति द्वार, ओंकार तू”:
यह श्लोक भगवान शिव को दिव्य नदी गंगा (गंग धार) को धारण करने वाले और मुक्ति का प्रवेश द्वार (मुक्ति द्वार) के रूप में स्वीकार करता है। यह उन्हें पवित्र ध्वनि “ओम” (ओंकार) के अवतार के रूप में भी पहचानता है।

“क्या क्या नहीं दिया, हम क्या प्रमाण दे,
बस गए त्रिलोक शम्भू तेरे दान से”:
ये पंक्तियाँ भगवान शिव द्वारा उन्हें दिए गए अनगिनत आशीर्वादों पर भक्त के चिंतन को व्यक्त करती हैं। भक्त विचार करता है कि जो कुछ उन्हें प्राप्त हुआ है, उसके लिए वे क्या साक्ष्य या प्रमाण प्रदान कर सकते हैं। यह इस धारणा पर प्रकाश डालता है कि संपूर्ण ब्रह्मांड भगवान शिव के दिव्य उपहारों से समृद्ध हुआ है।

“ज़हर पिया, जीवन दिया, कितना उदार तू”:
यहाँ, यह प्रतीकात्मक रूप से व्यक्त किया गया है कि भगवान शिव ने जहर (ज़हर) पी लिया है और जीवन (जीवन) प्रदान किया है। यह भगवान शिव की दिव्य उदारता का प्रतीक है, उनकी असीम करुणा और परोपकार पर जोर देता है।

“तेरी कृपा बिना ना हिले एक भी अनु,
लेते हैं स्वास तेरी दया से कनु कनु”:
ये पंक्तियाँ भक्त की मान्यता को व्यक्त करती हैं कि भगवान शिव की कृपा के बिना एक भी परमाणु नहीं हिलता। यह भक्त की गहरी समझ का प्रतीक है कि उनकी हर सांस भगवान की दया और करुणा से बनी रहती है।

“कहे दास एक बार, मुझको निहार तू”:
यह श्लोक भगवान शिव से भक्त की विनती को व्यक्त करता है, जो उनसे विनम्रतापूर्वक उन पर अपनी दिव्य दृष्टि बरसाने का अनुरोध करता है। यह भक्त की भगवान की कृपा और ध्यान प्राप्त करने की इच्छा को दर्शाता है।

कुल मिलाकर भजन की ये पंक्तियाँ भगवान शिव के प्रति गहरी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करती हैं। भक्त भगवान से प्राप्त अपार आशीर्वाद को स्वीकार करता है और रक्षक, जीवनदाता और अनुग्रह दाता के रूप में उनकी भूमिका को पहचानते हुए उनकी शरण चाहता है। भक्त भगवान शिव की उदारता और दिव्य गुणों को पहचानकर उनकी शरण लेता है।


Shiv Bhajan



Kailash Ke Nivasi Namo – Lyrics in English with Meanings


Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar Lyrics

Kailash ke nivasi namo bar bar ho, namo bar bar hoon
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu,
Aayo sharan tihaari Shambhu taar taar tu,
Kailash ke nivasi…


Bhakto ko kabhi Shiv tune niraash na kiya
Maanga jinhen jo chaaha vardaan de diya
Bada hain tera daayaja, bada daataar tu,
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu
Kailash ke nivasi namo bar bar hoon….


Bakhaan kya karoo mai raakho ke dher ka
Chapti bhabhoot mein hain khajaana kuber ka
Hain gang dhaar, mukti dwaar, Omkaar tu
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu
Kailash ke nivasi namo bar bar hoon….


Kya kya nahin diya, ham kya pramaan de
Bas gaye trilok shambhoo tere daan se
Zahar piya, jivan diya, kitna udaar tu,
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu
Kailash ke nivasi namo bar bar hoon….


Teri kripa bina na hile ek bhi anu
Lete hain swaas teri daya se kanu kanu
Kahe daas ek baar, mujhako nihaar tu
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu
Kailash ke nivasi namo bar bar hoon….


Kailash ke nivasi namo bar bar ho,
namo bar bar hoon
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu
Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu
Shambhoo taar taar tu, taar taar tu


Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar

Shri Rameshbhai Oza

Shri Narayan Swami


Shiv Bhajan



Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar – Spiritual Meanings

“Kailash ke nivasi namo bar bar ho, namo bar bar hoon”:
This line is a salutation to Lord Shiva, the resident of Mount Kailash. It expresses reverence and devotion, repeatedly offering humble greetings to the Lord.

“Aayo sharan tihaari Bhole taar taar tu”:
The lines convey the act of seeking refuge in Lord Shiva, addressing Him as the one who saves and protects. The devotee acknowledges that Lord Shiva is the savior who rescues them from distress and offers salvation.

“Bhakto ko kabhi Shiv tune niraash na kiya”:
This verse reassures that Lord Shiva has never disappointed or let down His devotees. It signifies that the Lord has always fulfilled the wishes and desires of His devotees.

“Maanga jinhen jo chaaha vardaan de diya”:
Here, it is stated that Lord Shiva grants the wishes and bestows blessings upon those who seek His divine intervention. He is known to fulfill the desires of His devotees.

“Bada hain tera daayaja, bada daataar tu”:
These lines highlight Lord Shiva’s magnanimity and generosity. It signifies that He is the ultimate giver and provider, showering His devotees with abundant blessings and gifts.

“Bakhaan kya karoo mai raakho ke dher ka, Chapti bhabhoot mein hain khajaana kuber ka”:
These lines express the devotee’s dilemma about what they can offer in return to Lord Shiva’s immense blessings. It suggests that the treasures of Lord Kubera, the deity of wealth, are present even in the meager offerings made by the devotee.

“Hain gang dhaar, mukti dwaar, Omkaar tu”:
This verse acknowledges Lord Shiva as the one who holds the divine river Ganga (Gang dhaar) and is the gateway to liberation (mukti dwaar). It also recognizes Him as the embodiment of the sacred sound “Om” (Omkaar).

“Kya kya nahin diya, ham kya pramaan de, Bas gaye trilok shambhoo tere daan se”:
These lines express the devotee’s contemplation on the countless blessings bestowed upon them by Lord Shiva. The devotee ponders what evidence or proof they can provide for all that they have received. It highlights the notion that the entire universe has been enriched by the divine gifts of Lord Shiva.

“Zahar piya, jivan diya, kitna udaar tu”:
Here, it is metaphorically expressed that Lord Shiva has consumed the poison (zahar) and granted life (jivan). It signifies the divine magnanimity and generosity of Lord Shiva, emphasizing His boundless compassion and benevolence.

“Teri kripa bina na hile ek bhi anu, Lete hain swaas teri daya se kanu kanu”:
These lines convey the devotee’s recognition that not even a single atom (anu) moves without the grace (kripa) of Lord Shiva. It signifies the devotee’s deep understanding that every breath they take is sustained by the Lord’s mercy and compassion.

“Kahe daas ek baar, mujhako nihaar tu”:
The verse expresses the devotee’s plea to Lord Shiva, humbly requesting Him to shower His divine glance upon them. It signifies the devotee’s desire to receive the Lord’s grace and attention.

Overall, these lines of the bhajan express deep devotion and gratitude towards Lord Shiva. The devotee acknowledges the immense blessings received from the Lord and seeks His refuge, recognizing His role as the protector, giver of life, and bestower of grace. The devotee seeks refuge in Lord Shiva, recognizing His magnanimity and divine attributes.


Shiv Bhajan



Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning


Ram Bhajan

जय जय सुरनायक, जन सुखदायक – अर्थसहित


देवताओं द्वारा प्रभु श्री राम के अवतार के लिए प्रार्थना (अवतार हेतु निवेदन)


जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥
  • जय जय – आपकी जय हो! जय हो!!
  • सुरनायक – हे देवताओंके स्वामी,
  • जन सुखदायक – सेवकोंको सुख देनेवाले,
  • प्रनतपाल भगवंता – शरणागतकी रक्षा करनेवाले भगवान्!
  • गो द्विज हितकारी – हे गोब्राह्मणोंका हित करनेवाले,
  • जय असुरारी – असुरोंका विनाश करनेवाले,
  • सिधुंसुता प्रिय कंता – समुद्रकी कन्या ( श्रीलक्ष्मीजी) के प्रिय स्वामी!
    आपकी जय हो ।

हे देवताओंके स्वामी, सेवकोंको सुख देनेवाले, शरणागतकी रक्षा करनेवाले भगवान्! आपकी जय हो! जय हो!!
हे गोब्राह्मणोंका हित करनेवाले, असुरोंका विनाश करनेवाले, श्रीलक्ष्मीजी के प्रिय स्वामी! आपकी जय हो।

पालन सुर धरनी, अद्भुत करनी,
मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला, दीनदयाला,
करउ अनुग्रह सोई॥
  • पालन सुर धरनी – हे देवता और पृथ्वीका पालन करनेवाले!
  • अद्भुत करनी – आपकी लीला अद्भुत है,
  • मरम न जानइ कोई – उसका (आपकी लीला का) भेद कोई नहीं जानता।
  • जो सहज कृपाला – ऐसे जो स्वभावसे ही कृपालु और
  • दीनदयाला – दीनदयालु हैं
  • करउ अनुग्रह सोई – वे ही हमपर कृपा करें।

हे देवता और पृथ्वीका पालन करनेवाले! आपकी लीला अद्भुत है, उसका भेद कोई नहीं जानता ।
ऐसे जो स्वभावसे ही कृपालु और दीनदयालु हैं, वे ही हमपर कृपा करें।

जय जय अबिनासी, सब घट बासी
ब्यापक परमानंदा।
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं,
मायारहित मुकुंदा॥
  • जय जय – आपकी जय हो! जय हो!!
  • अबिनासी – हे अविनाशी,
  • सब घट बासी – सबके हृदयमें निवास करनेवाले ( अन्तर्यामी),
  • ब्यापक – सर्वव्यापक,
  • परमानंदा – परम आनन्दस्वरूप
  • अबिगत गोतीतं – अज्ञेय, इन्द्रियोंसे परे,
  • चरित पुनीतं – पवित्र चरित्र
  • मायारहित – मायासे रहित
  • मुकुंदा – मुकुन्द (मोक्षदाता)

हे अविनाशी, सबके हृदयमें निवास करनेवाले (अन्तर्यामी), सर्वव्यापक, परम आनन्दस्वरूप,
अज्ञेय, इन्द्रियोंसे परे, पवित्रचरित्र, मायासे रहित मुकुन्द (मोक्षदाता)! आपकी जय हो! जय हो!!

जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी
बिगतमोह मुनिबृंदा।
निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं,
जयति सच्चिदानंदा॥
  • जेहि लागि बिरागी – इस लोक और परलोकके सब भोगोंसे विरक्त मुनि
  • अति अनुरागी – अत्यन्त अनुरागी (प्रेमी) बनकर तथा
  • बिगतमोह मुनिबृंदा – मोहसे सर्वथा छूटे हुए ज्ञानी (मुनिवृन्द) भी
  • निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं – जिनका रातदिन ध्यान करते हैं और जिनके गुणोंके समूहका गान करते हैं,
  • जयति सच्चिदानंदा – उन सच्चिदानन्दकी जय हो।

(इस लोक और परलोकके सब भोगोंसे) विरक्त तथा मोहसे सर्वथा छूटे हुए (ज्ञानी) मुनिवृन्द भी अत्यन्त अनुरागी (प्रेमी) बनकर जिनका रातदिन ध्यान करते हैं और
जिनके गुणोंके समूहका गान करते हैं, उन सच्चिदानन्दकी जय हो ।

जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई,
संग सहाय न दूजा।
सो करउ अघारी चिंत हमारी,
जानिअ भगति न पूजा॥
  • जेहिं सृष्टि उपाई – जिन्होंने सृष्टि उत्पत्र की,
  • त्रिबिध बनाई – स्वयं अपनेको त्रिगुणरूप (ब्रह्मा, विष्णु शिवरूप) बनाकर
  • संग सहाय न दूजा – बिना किसी दूसरे संगी अथवा सहायताके
  • सो करउ अघारी – वे पापोंका नाश करनेवाले भगवान्
  • चिंत हमारी – हमारी सुधि लें
  • जानिअ भगति न पूजा – हम न भक्ति जानते हैं, न पूजा

जिन्होंने बिना किसी दूसरे संगी अथवा सहायकके अकेले ही बनाकर( या स्वयं अपनेको त्रिगुणरूप – ब्रह्मा, विष्णु शिवरूप में प्रगट कर), अथवा बिना किसी उपादानकारणके अर्थात् स्वयं ही सृष्टिका कारण बनकर तीन प्रकारकी सृष्टि उत्पत्र की, वे पापोंका नाश करनेवाले भगवान् हमारी सुधि लें। क्योंकि हम न भक्ति जानते हैं, न पूजा।

जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन,
गंजन बिपति बरूथा।
मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी,
सरन सकल सुर जूथा॥
  • जो भव भय भंजन – जो संसारके (जन्ममृत्युके) भयका नाश करनेवाले,
  • मुनि मन रंजन – मुनियोंके मनको आनन्द देनेवाले और
  • गंजन बिपति बरूथा – विपत्तियोंके समूहको नष्ट करनेवाले हैं,
  • मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी – हम सब देवताओंके समूह मन, वचन और कर्मसे चतुराई करनेकी बान छोड्‌कर
  • सरन सकल सुर जूथा – उन भगवान् की शरण आये हैं

जो संसारके (जन्ममृत्युके) भयका नाश करनेवाले, मुनियोंके मनको आनन्द देनेवाले और विपत्तियोंके समूहको नष्ट करनेवाले हैं, हम सब देवताओंके समूह मन, वचन और कर्मसे चतुराई करनेकी बान छोड्‌कर उन ( भगवान्) की शरण आये हैं।

सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा,
जा कहुँ कोउ नहि जाना।
जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे
द्रवउ सो श्रीभगवाना॥
  • सारद श्रुति सेषा – सरस्वती, वेद, शेषजी और
  • रिषय असेषा – सम्पूर्ण ऋषि
  • जा कहुँ कोउ नहि जाना – कोई भी जिनको नहीं जानते,
  • जेहि दीन पिआरे – जिन्हें दीन प्रिय हैं,
  • बेद पुकारे – ऐसा वेद पुकारकर कहते हैं,
  • द्रवउ सो श्रीभगवाना – वे ही श्रीभगवान् हमपर दया करें।

सरस्वती, वेद, शेषजी और सम्पूर्ण ऋषि कोई भी जिनको नहीं जानते,
जिन्हें दीन प्रिय हैं, ऐसा वेद पुकारकर कहते हैं, वे ही श्रीभगवान् हमपर दया करें।

भव बारिधि मंदर, सब बिधि सुंदर,
गुनमंदिर सुखपुंजा।
मुनि सिद्ध सकल, सुर परम भयातुर,
नमत नाथ पद कंजा॥
  • भव बारिधि मंदर – हे संसाररूपी समुद्रके (मथनेके) लिये मन्दराचलरूप,
  • सब बिधि सुंदर – सब प्रकारसे सुन्दर,
  • गुनमंदिर – गुणोंके धाम और
  • सुखपुंजा – सुखोंकी राशि
  • मुनि सिद्ध सकल, सुर परम भयातुर – नाथ! आपके चरणकमलोंमें मुनि, सिद्ध और
  • नमत नाथ पद कंजा – सारे देवता भयसे अत्यन्त व्याकुल होकर नमस्कार करते हैं ।

हे संसाररूपी समुद्रके (मथनेके) लिये मन्दराचलरूप, सब प्रकारसे सुन्दर, गुणोंके धाम और सुखोंकी राशि नाथ! आपके चरणकमलोंमें मुनि, सिद्ध और सारे देवता भयसे अत्यन्त व्याकुल होकर नमस्कार करते हैं ।

दोहा:
जानि सभय सुर भूमि
सुनि बचन समेत सनेह।
गगनगिरा गंभीर भइ
हरनि सोक संदेह॥
 

जनि डरपहु मुनि सिद्ध सुरेसा।
तुम्हहि लागि धरिहउँ नर बेसा॥
अंसन्ह सहित मनुज अवतारा।
लेहउँ दिनकर बस उदारा॥

  • जानि सभय सुरभूमि – देवता और पृथ्वीको भयभीत जानकर और
  • सुनि बचन समेत सनेह – उनके सेहयुत्ह वचन सुनकर
  • गगनगिरा गंभीर भइ, हरनि सोक संदेह – शोक और सन्देहको हरनेवाली गम्भीर आकाशवाणी हुई
  • जनि डरपहु मुनि सिद्ध सुरेसा – हे मुनि, सिद्ध और देवताओंके स्वामियो! डरो मत।
  • तुम्हहि लागि धरिहउँ नर बेसा – तुम्हारे लिये मैं मनुष्यका रूप धारण करूँगा और
  • अंसन्ह सहित मनुज अवतारा, लेहउँ दिनकर बस उदारा – उदार (पवित्र) सूर्यवंशमें अंशोसहित मनुष्यका अवतार लूँगा। [

देवता और पृथ्वीको भयभीत जानकर और उनके सेहयुत्ह वचन सुनकर शोक और सन्देहको हरनेवाली गम्भीर आकाशवाणी हुई – हे मुनि, सिद्ध और देवताओंके स्वामियो! डरो मत । तुम्हारे लिये मैं मनुष्यका रूप धारण करूँगा और उदार (पवित्र) सूर्यवंशमें अंशोसहित मनुष्यका अवतार लूँगा।
(श्रीरामचरितमानस )


Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning
Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning

Ram Bhajans

Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak

Sharma Bandhu

Prembhushan ji Maharaj

Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning


जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥

॥जय जय सुरनायक॥


पालन सुर धरनी, अद्भुत करनी,
मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला, दीनदयाला,
करउ अनुग्रह सोई॥

जय जय अबिनासी, सब घट बासी
ब्यापक परमानंदा।
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं,
मायारहित मुकुंदा॥

॥जय जय सुरनायक॥

(नारायण नारायण नारायण।
भजमन नारायण नारायण।)


जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी
बिगतमोह मुनिबृंदा।
निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं,
जयति सच्चिदानंदा॥

जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई,
संग सहाय न दूजा।
सो करउ अघारी चिंत हमारी,
जानिअ भगति न पूजा॥

॥जय जय सुरनायक॥

(नारायण नारायण नारायण।
भजमन नारायण नारायण नारायण॥)


जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन,
गंजन बिपति बरूथा।
मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी,
सरन सकल सुर जूथा॥

सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा,
जा कहुँ कोउ नहि जाना।
जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्
रवउ सो श्रीभगवाना॥

॥जय जय सुरनायक॥

(नारायण नारायण नारायण।
भजमन नारायण नारायण नारायण॥)


भव बारिधि मंदर, सब बिधि सुंदर,
गुनमंदिर सुखपुंजा।
मुनि सिद्ध सकल, सुर परम भयातुर,
नमत नाथ पद कंजा॥

जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥

॥जय जय सुरनायक॥

नारायण नारायण नारायण….।
श्रीमन, नारायण नारायण नारायण॥
भजमन, नारायण नारायण नारायण।
लक्ष्मी नारायण नारायण नारायण॥


दोहा:
जानि सभय सुरभूमि
सुनि बचन समेत सनेह।
गगनगिरा गंभीर भइ
हरनि सोक संदेह।

Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak
Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak

जय जय सुरनायक, जन सुखदायक,
प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥

Ram Bhajans

Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere


Krishna Bhajan

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे


जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे

अगर उनसे मिलने की दिल में तमन्ना
अगर प्रभु से मिलने की दिल में तमन्ना
अगर हरी से मिलने की दिल में तमन्ना

करो शुद्ध अन्तःकरन धीरे धीरे
करो शुद्ध अन्तःकरन धीरे धीरे

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे

कोई काम दुनिया में मुश्किल नहीं है
जो करते रहोगे यतन धीरे धीरे

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे

करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की
करो प्रेम से भक्ति पूजा हरी की
तो मिल जायेगा वो रतन धीरे धीरे

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे

Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere
Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे

Bhajan and Prayers

Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere

SHRI PREM BHUSHAN JI

Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere


Jo karte rahoge
bhajan dheere dheere

To mil jaayega
vo sajan dheere dheere

Jo karte rahoge
bhajan dheere dheere
to mil jaayega
vo sajan dheere dheere

Agar uase milane ki
dil mein tamanna

Agar prabhu se milane ki
dil mein tamanna

Agar hari se milane ki
dil mein tamanna

Karo shuddh antah-karan dheere dheere
karo shuddh antahkaran dheere dheere

Jo karte rahoge
bhajan dheere dheere
to mil jaayega
vo sajan dheere dheere

Koi kaam duniya mein
mushkil nahin hai

Jo karte rahoge
yatan dheere dheere

Jo karte rahoge
bhajan dhire dhire
to mil jaayega
wo sajan dheere dheere

Karo prem se bhakti
seva hari ki

Karo prem se bhakti
pooja hari ki

To mil jaayega
vo ratan dheere dheere

Jo karte rahoge
bhajan dheere dheere
to mil jaayega
vo sajan dheere dheere

Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere
Jo Karte Rahoge Bhajan Dheere Dheere

Jo karte rahoge
bhajan dheere dheere
To mil jaayega
vo sajan dheere dheere

Bhajan and Prayers

Hai Kan Kan Me Jhanki Bhagwan Ki


है कण कण में झांकी भगवान की

है कण कण में
झांकी भगवान् की।

किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥

है कण कण में
झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥


नामदेव ने पकाई,
रोटी कुत्ते ने उठाई,
पीछे घी का कटोरा लिए जा रहे।

बोले रुखी तो ना खाओ,
थोडा घी तो लेते जाओ,
रूप अपना क्यूँ मुझ से छिपा रहे।

तेरा मेरा एक नूर,
फिर काहे को हुजूर,
तुने शक्ल बनाली है श्वान की,
मुझे ओढनी उढा दी है इंसान की॥

है कण कण में
झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥


निगाह मीरा की निराली,
पीली जहर की प्याली,
ऐसा गिरधर बसाया हर श्वास में।

आया जब काला नाग,
बोली धन्य मेरे भाग,
प्रभु आए आप सांप के लिबास में।

आओ आओ बलिहार,
काले किशन मुरार,
बड़ी किरपा है किरपा निधान की
धन्यवादी हूँ मैं आप के एहसान की॥

है कण कण में
झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥


गुरु नानक कबीर
नही जिनकी नजीर,
देखा पत्ते पत्ते में निराकार को।

(नजीर – मिसाल, उदाहरण,
उनके जैसी मिसाल दुनिया में नहीं है)

नज़दीक और दूर,
यही हाजिर हुजुर,
यही सार समझाया संसार को।

कहे दास में जहान, शहर, गाँव, बियावान,
मेहरबानियाँ हैं उसी मेहरबान की।
सारी चीज़ें हैं ये एक ही दूकान की॥

है कण कण में
झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥


इसी तरह सूरदास,
सूझ जिनकी थी ख़ास,
जिनके नैनो में नशा हरी नाम का।

हुए नयन जब बंद,
तब पाया वह आनंद,
आया नज़र नज़ारा घनश्याम का।

सारे जग को बताया,
हर जगह वो समाया,
आयी नयनो में रोशनी ज्ञान की,
देखी झूम झूम झांकीया भगवान की॥

है कण कण में
झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥


है कण कण में
झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने
पहचान की॥

Hai Kan Kan Me Jhanki Bhagwan Ki

Krishna Bhajan List

Hai Kan Kan Me Jhanki Bhagwan Ki

Hai kan kan me
jhanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki

Hai kan kan me
jhaanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki


Naamadev ne pakai,
roti kutte ne uthai,
pichhe ghee ka katora liye ja rahe.

Bole rukhi to na khao,
thoda ghi to lete jao,
roop apana kyoon mujh se chhupa rahe.

Tera mera ek noor,
phir kaahe ko hujoor,
tune shakl banaali hai shwaan ki,
mujhe odhani udha di hai insaan ki.

Hai kan kan me
jhaanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki


Nigaah Meera ki niraali,
peeli jahar ki pyaali,
aisa Girdhar basaaya har shvaas mein.

Aaya jab kaala naag,
boli dhanya mere bhaag,
prabhu aaye aap saap ke libaas mein.

Aao aao balihaar,
kaale Kishan Muraari,
badi kirapa hai kirapa nidhaan ki
dhanyavaadi hoon main aap ke ehsaan ki.

Hai kan kan me
jhaanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki


Guru Nanak Kabir, nahi jinki najir,
dekha patte patte mein niraakaar ko.

(Najir – misaal, example,
unke jaisi misaal duniya me nahi hai)

Nazadik aur door, yahi haajir hujur,
yahi saar samajhaaya sansaar ko.

Kahe daas me jahaan, shahar, gaanv, biyaavaan,
meharbaaniya hai usi meharbaan ki.
Saari cheeze hain ye ek hi dukaan ki.

Hai kan kan me
jhaanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki


Isi tarah Soordas,
soojh jinaki thi khaas,
jinake naino mein nasha hari naam ka.

Huye nayan jab band,
tab paaya vah anand,
aaya nazar nazaara Ghanshyaam ka.

Saare jag ko bataaya,
har jagah woh samaaya,
aayi nayano mein roshani gyaan ki,
dekhi jhoom jhoom jhaankiya bhagwan ki.

kan kan me hai
jhaanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki


Hai kan kan me
jhaanki bhagwan ki
Kisi soojh wali aankh ne
pahchaan ki

Bas Ho Gaya Bhajan


Krishna Bhajan

बस हो गया भजन


मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ
इतना तो दिल विचार लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुनकर करो क्षमा
वाणी का स्वर सुधार लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

नेकी सभी के साथ में, जितनी बने करो
मत सर बदी का भार लो. बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

कहना है साफ साफ यह, सदगुरु कबीर का
निज दोष को निहार लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

नजरो में तेरी दोष है, दुनिया निहारती
समता का अंजन डाल लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

अनुकूलता प्रतिकूलता, दोनों में सम रहो
मङ्गल विधान मान लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

अछे बुरे जो भी तुम्हे, कर्मो के फल दिए प्रभुने
हंसकर सभी गुजार दो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

ईश्वरको अपना मान लो, बस हो गया भजन
दूजा न कोई जान लो, बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

Bas Ho Gaya Bhajan
Bas Ho Gaya Bhajan

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन

Bhajan and Prayers

Bas Ho Gaya Bhajan

Shri Mridul Krishna Shastri

Prem Bhushan Maharaj

Bas Ho Gaya Bhajan


Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Aaye ho tum kaha se, jaaoge tum kahaa
Itana to dil vichaar lo, bas ho gaya bhajan

Koi tumhe bura kahe, tum sunkar karo kshama
Vaani ka swar sudhaar lo, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Neki sabhi ke saath me, jitni bane karo
Mat sar badi ka bhaar lo, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Kahnaa hai saaph saaph yeh, Satguru Kabir ka
Nij dosh ko nihaar lo, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Najaro mein teri dosh hai, duniya nihaarti
Samata ka anjan daal lo, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhaar lo, bas ho gayaa bhajan

Anukoolata pratikoolata, dono mein sam raho
Mangal vidhaan maan lo, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Achhe bure jo bhi tumhe, karmo ke phal diye prabhune
Hanskar sabhi gujaar do, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhaar lo, bas ho gayaa bhajan

Ishwar ko apana maan lo, bas ho gaya bhajan
Dooja na koi jaan lo, bas ho gaya bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Bas Ho Gaya Bhajan
Bas Ho Gaya Bhajan

Man ki tarang maar lo, bas ho gaya bhajan
Aadat buri sudhar lo, bas ho gaya bhajan

Bhajan and Prayers

Hum Ramji Ke, Ramji Hamare Hai – Lyrics in Hindi


हम राम जी के, राम जी हमारे हैं

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं

मेरे नयनो के तारे है
सारे जग के रखवाले है

हम रामजी के, रामजी हमारे हैं
हम रामजी के, रामजी हमारे हैं

एक भरोसो एक बल, एक आस विश्वास
एक राम घनश्याम हित, जातक तुलसी दास

हम रामजी के, रामजी हमारे हैं
हम रामजी के, रामजी हमारे हैं

जो लाखो पापियों को तारे है
जो अधमन को उद्धारे है
हम उनकी शरण पधारे है

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं

शरणागत आर्त निवारे है
हम इनके सदा सहारे है

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं

गणिका और गिद्ध उद्धारे है
हम खड़े उन्हीके के द्वारे है

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं


Hum Ramji Ke, Ramji Hamare Hai

Prembhushan ji Maharaj


Ram Bhajan



Hum Ramji Ke, Ramji Hamare Hai – Lyrics in English


Hum Ramji Ke, Ramji Hamare Hai

Hum Ramji ke, Ramji hamare hai
Hum Ramji ke, Ramji hamare hai

Mere nayano ke taare hai
Saare jag ke rakhawale hai

Hum Ram ji ke, Ram ji hamare hai
Hum Ram ji ke, Ram ji hamare hai

Ek bharoso ek bal, ek aas vishvaas
Ek Ram Ghanashyaam hit, jaatak Tulasidas

Hum Ram ji ke, Ram ji hamaare hain
Hum Ram ji ke, Ram ji hamaare hain

Jo laakho paapiyon ko taare hai
Jo adhaman ko uddhaare hai
Hum unki sharan padhaare hai

Hum Ramji ke, Ramji hamare hai
Hum Ramji ke, Ramji hamare hai

Sharanaagat aart nivaare hai
Hum inke sada sahaare hai

Hum Ramji ke, Ramji hamare hai
Hum Ramji ke, Ramji hamare hai

Ganika aur giddh uddhaare hai
Hum khade unhike ke dvaare hai

Hum Ramji ke, Ramji hamaare hain
Hum Ramji ke, Ramji hamare hai


Hum Ramji Ke, Ramji Hamare Hai

Prembhushan ji Maharaj


Ram Bhajan



Mujhe Tune Maalik Bahut Kuch Diya Hai – Lyrics in Hindi


मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है


ना मिलती अगर दी हुई दात तेरी
तो क्या थी ज़माने में औकात मेरी

ये बंदा तो तेरे सहारे जिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है


ये जायदाद दी है, ये औलाद दी है
मुसीबत में हर वक़्त की मदद की है

तेरे ही दिया मैंने खाया पिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है


मेरा ही नहीं तू सभी का है दाता
सभी को सभी कुछ है देता दिलाता

जो खाली था दामन तूने भर दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है


तेरी बंदगी से मै बंदा हूँ मालिक
तेरे ही करम से मै जिन्दा हूँ मालिक

तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है


मेरा भूल जाना तेरा ना भुलाना
तेरी रहमतो का कहाँ है ठिकाना

तेरी इस मोहब्बत ने पागल किया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है


मुझे तूने मालिक बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है

सीताराम राम राम, सीताराम राम राम
सीताराम राम राम, सीताराम राम राम

सीताराम राम राम, सीताराम राम राम
सीताराम राम राम, सीताराम राम राम


Mujhe Tune Maalik Bahut Kuch Diya Hai

Prembhushan ji Maharaj


Prayer Songs – Prayers



Mujhe Tune Maalik Bahut Kuch Diya Hai – Lyrics in English


Mujhe Tune Maalik Bahut Kuch Diya Hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai


Na milati agar di hui daat teri
To kya thi zamaane mein aukaat meri

Ye banda to tere sahaare jiya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai


Ye jaayadaad di hai, ye aulaad di hai
Musibat mein har waqt ki madad ki hai

Tere hi diya maine khaaya piya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai


Mera hi nahin tu sabhi ka hai daata
Sabhi ko sabhi kuchh hai deta dilaata

Jo khaali tha daman tune bhar diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai


Teri bandagi se mai banda hoo maalik
Tere hi karam se mai jinda hoo maalik

Tumhi ne to jine ke kaabil kiya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai


Mera bhool jaana tera na bhulaana
Teri rahamato ka kahaan hai thikaana

Teri is mohabbat ne paagal kiya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai


Mujhe tune maalik bahut kuchh diya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai
Tera shukriya hai, tera shukriya hai

Sitaram Ram Ram, Sitaram Ram Ram
Sitaram Ram Ram, Sitaram Ram Ram


Mujhe Tune Maalik Bahut Kuch Diya Hai

Prembhushan ji Maharaj


Prayer Songs – Prayers