Meera Diwani Ho Gayi Re Meera Mastani Ho Gayi – Lyrics in Hindi


मीरा दीवानी हो गयी रे, मीरा मस्तानी हो गयी

मीरा दीवानी हो गयी..

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा दीवानी हो गयी।
मीरा मस्तानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी॥

श्याम रंग में रंगी चुनरिया….

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी


राणा की रजधानी छोड़ी
लोक लाज सब छोड़ी।
रंग के श्याम रंग में चुनर
मीरा जी ने ओढि॥

लोक लाज की नहीं खबरिया….

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा दीवानी हो गयी।
मीरा मस्तानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी॥


इस दुनिया से प्रीत तोड़के,
श्यामल रंग चढ़ाया।
साथ सभी का छोड़ दिया,
और गिरिधर गिरिधर गाया॥

वो तो ऐसी भई बावरिया…

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा दीवानी हो गयी।
मीरा मस्तानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी॥


पैरों में वो घुँघरू बाँध के
नाचे झूमे गाए।
भई विरहनी श्याम विरह
और ना कोई है भाए॥

वृन्दावन की गयी डगरिया…

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा दीवानी हो गयी।
मीरा मस्तानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी॥


लगन लगी तेरे दरस की
और ना कोई भाए।
गली गली तोहे ढूंढती डोले
कही ना फिर वो पाए॥

तेरे दर पे बीती उमरिया….

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा दीवानी हो गयी।
मीरा मस्तानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी॥

मीरा दीवानी हो गयी रे,
मीरा मस्तानी हो गयी॥


Meera Diwani Ho Gayi Re Meera Mastani Ho Gayi

Vandana Bhardwaj


Krishna Bhajan



Meera Diwani Ho Gayi Re Meera Mastani Ho Gayi – Lyrics in English


Meera Diwani Ho Gayi Re Meera Mastani Ho Gayi

Meera diwani ho gayi..

Meera diwani ho gayi re,
meera diwanee ho gayee.
Meera mastani ho gayi re,
meera mastanee ho gayee.

Shayam rang mein rangi chunariya…

Meera diwani ho gayi re,
meera mastani ho gayee

Raana kee rajdhani chhodi
lok laaj sab chhodee.
Rang ke shyaam rang mein
chunar meera ji ne odhi.

Lok laaj kee nahi khabariya….

Meera diwani ho gayi re,
meera diwanee ho gayee.
Meera mastani ho gayi re,
meera mastanee ho gayee.

Is duniya se preet tod ke
shyaamal rang chadhaaya.
Saath sabhi ka chhod diya
aur giridhar giridhar gaaya.

Wo to aisi bhayee baavariya…

meera diwanee ho gayee,
Meera diwani ho gayi re.
meera mastanee ho gayee,
Meera mastani ho gayi re.

Pairo mein vo ghungharoo baandh
ke naache jhoome gaaye.
Bhayee virahanee shyaam virah
aur na koee hai bhaaye.

Vrindaavan ki gayee dagariya…

meera diwanee ho gayee,
Meera diwani ho gayi re.
meera mastanee ho gayee,
Meera mastani ho gayi re.

Lagan lagi tere daras ki
aur na koyee bhaaye.
Gali gali tohe dhoondhati dole
kahi na phir vo paaye.

Tere dar pe beeti umariya….

Meera diwani ho gayi re,
meera diwanee ho gayee.
Meera mastani ho gayi re,
meera mastanee ho gayee.


Meera Diwani Ho Gayi Re Meera Mastani Ho Gayi

Vandana Bhardwaj


Krishna Bhajan



Meera ke Bhajan – Prarthana


Meera ke Bhajan -Prarthna

  • तुम सुणौ दयाल म्हारी अरजी
  • हरि तुम हरो जन की भीर
  • अब मैं सरण तिहारी जी
  • मीराको प्रभु साँची दासी बनाओ
  • मैं तो तेरी सरण परी रे
  • हरि बिन कूण गती मेरी
  • प्रभुजी मैं अरज करूँ

तुम सुणौ दयाल म्हारी अरजी


तुम सुणौ दयाल म्हारी अरजी॥
(म्हारी = मेरी)
भवसागर में बही जात हूँ,
काढ़ो तो थांरी मरजी।
(काढ़ो = निकाल लो;
थांरी मरजी = तुम्हारी मरजी)


इण (यो) संसार सगो नहिं कोई,
सांचा सगा रघुबरजी॥
(इण संसार = इस संसार में)
मात पिता औ / सुत  कुटुम कबीलो,
सब मतलब के गरजी।
(गरजी = स्वार्थी)


मीराकी प्रभु अरजी सुण लो,
चरण लगाओ थांरी मरजी॥

अब मैं सरण तिहारी जी

Tripti Shakya


अब मैं सरण तिहारी जी,
मोहि राखौ कृपा निधान
अजामील अपराधी तारे,
तारे नीच सदान।
जल डूबत गजराज उबारे,
गणिका चढी बिमान॥1॥
और अधम तारे बहुतेरे,
भाखत संत सुजान।
कुबजा नीच भीलणी तारी,
जागे सकल जहान॥2॥
कहँ लग कहूँ गिणत नहिं आवै,
थकि रहे बेद पुरान।
मीरा दासी शरण तिहारी,
सुनिये दोनों कान॥3॥

हरि तुम हरो जन की भीर

Jagjit Singh


हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी,
तुरत बढ़ायो चीर॥
भगत कारण रूप नर हरि,
धरयो आप सरीर॥
हिरण्याकुस को मारि लीन्हो,
धरयो नाहिन धीर॥
बूड़तो गजराज राख्यो,
कियौ बाहर नीर॥
दासी मीरा लाल गिरधर,
चरण-कंवल पर सीर॥

मीराको प्रभु साँची दासी बनाओ

मीराको प्रभु साँची दासी बनाओ।
झूठे धंधोंसे मेरा फंदा छुडाओ॥1॥
लूटे ही लेत विवेक का डेरा
बुधि बल यदपि करूँ बहुतेरा॥2॥
हाय। हाय। नहिं कछु बस मेरा।
मरत हूँ बिबस प्रभु धाओ सबेरा॥3॥
धर्मउपदेश नितप्रति सुनती हूँ।
मन कुचाल से भी डरती हूँ॥4॥
सदा साधु सेवा करती हूँ।
सुमिरण ध्यानमें चित धरती हूँ॥5॥
भक्ति मारग दासीको दिखलाओ।
मीराको प्रभु साँची दासी बनाओ॥6॥

हमने सुणी छै हरी अधम उधारण

हमने सुणी छै हरी अधम उधारण।
अधम उधारण सब जग तारण॥टेक॥
गजकी अरज गरज उठ ध्यायो
संकट पड्‌यो तब कष्ट निवारण॥1॥
द्रुपद सुताको चीर बढ़ायो,
दूसासनको मान पद मारण।
प्रहलादकी परतिग्या राखी,
हरणाकुस नख उद्र बिदारण॥2॥
रिखिपतनीपर किरपा कीन्हीं,
बिप्र सुदामाकी बिपति बिदारण।
मीराके प्रभु मो बंदीपर,
एति अबेरि भई किण कारण॥3॥
(मो बंदीपर – मुझपर;
एति अबेरि भई किण कारण – इतनी देरी किस कारण से की?)

सुण लीजो बिनती मोरी

सुण लीजो बिनती मोरी,
मैं शरण गही प्रभु तेरी।
तुम (तो) पतित अनेक उधारे,
भव सागरसे तारे॥
मैं सबका तो नाम न जानूँ,
कोइ कोई नाम उचारे।
अम्बरीष सुदामा नामा,
तुम पहुँचाये निज धामा॥
ध्रुव जो पाँच वर्षके बालक,
तुम दरस दिये घनस्यामा।
धना भक्तका खेत जमाया,
कबिराका बैल चराया॥
सबरीका जूंठा फल खाया,
तुम काज किये मन भाया।
सदना औ सेना नाईको,
तुम कीन्हा अपनाई॥
करमाकी खिचड़ी खाई,
तुम गणिका पार लगाई।
मीरा प्रभु तुमरे रँग राती,
या जानत सब दुनियाई॥

मैं तो तेरी सरण परी रे

मैं तो तेरी सरण परी रे,
रामा ज्यूँ जाडे ज्यूँ तार।
अड़सठ तीरथ भ्रम भ्रम आयो,
मन नहिं मानी हार॥
या जगमें कोई नहि अपणा,
सुणियौ श्रवण मुरार।
मीरा दासी राम भरोसे,
जमका फंदा निवार॥

हरि बिन कूण गती मेरी

हरि बिन कूण गती मेरी।
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये,
मैं रावरी चेरी॥
आदि अंत निज नाँव,
तेरो हीयामें फेरी?
बेर बेर पुकार कहूँ,
प्रभु आरति है तेरी॥
यौ संसार बिकार
सागर बीचमें घेरी।
नाव फाटी प्रभु,
पाल बाँधो बूडत है बेरी॥
बिरहणि पिवकी बाट
जोवै राखल्यो नेरी।
दासि मीरा राम रटत है,
मैं सरण हूँ तेरी॥

स्वामी सब संसारके हो

स्वामी सब संसारके हो
साँचे श्रीभगवान॥
स्थावर जंगम पावक पाणी,
धरती बीज समान।
सबमें महिमा थारी देखी,
कुदरतके करबान॥
बिप्र सुदामाको दाबद
खोंयो बालेकी पहचान।
दो मुट्ठी तंदुलकी चाबी
दीन्हयों द्रव्य महान॥
भारतमें अर्जुनके आगे
आप भया रथवान।
अर्जुन कुलका लोग निहार्‌या
छुट गया तीर कमान॥
ना कोई मारे ना कोइ मरतो,
तेरो यो अग्यान।
चेतन जीव तो अजर अमर है,
यो गीतारो ग्यान॥
मेरेपर प्रभु किरपा कीजौ,
बाँदी अपणी जान
मीराके प्रभु गिरधर नागर,
चरण कँवलमें ध्यान॥

प्रभुजी मैं अरज करूँ

प्रभुजी मैं अरज करूँ,
मेरो बेड़ों लगाज्यो पार॥
इण भवमें मैं दुख बहु पायो,
संसा-सोग निवार।
अष्ट करमकी तलब लगी है,
दूर करो दुख भार॥
यों संसार सब बह्यो जात है,
लख चौरासी री धार।
मीराके प्रभु गिरधर नागर,
आवागमन निवार॥

थे तो पलक उघाडो दीनानाथ

थे तो पलक उघाडो दीनानाथ,
मैं हाजिर-नाजिर कदकी खड़ी॥टेक॥
साजनियाँ दुसमण होय बैठ्या,
सबने लगूँ कडी।
तुम बिन साजन कोई नहिं है,
डिगी नाव मेरी समँद अड़ी॥1॥
दिन नहि चैन रैण नहि निंदरा,
सूखूँ खड़ी खडी।
बाण बिरहका लगया हियेमें,
भूलूँ न एक घड़ी॥2॥
पत्थरकी तो अहिल्या तारी,
बनके बीच पड़ी।
कहा बोझ मीरामें कहिये,
सौ पर एक घड़ी॥3॥

प्यारे दरसन दीज्यो आय

प्यारे दरसन दीज्यो आय,
तुम बिन रह्यो न जाय॥टेक॥
जब बिन कमल, चंद बिन रजनी,
ऐसे तुम देख्याँ बिन सजनी।
अकुल व्याकुल फिर रैन दिन,
बिरह कलेजो खाय॥1॥
दिवस न भूख, नींद नहि रैना
मुख सूँ कथत न आवे बैना।
कहा कहूँ कछु कहत न आवै,
मिलकर तपत बुझाय॥2॥
तरसावो अंतरजामी,
आय मिलो किरपाकर स्वामी।
मीरा दासी जनम – जनम की,
पड़ी तुम्हारे पाय॥3॥

अब सो निभायाँ सरेगी

अब सो निभायाँ सरेगी,
बाँह गहेकी लाज।
समरथ सरण तुम्हारी सइयाँ,
सरब सुधारण काज॥1॥
भवसागर संसार अपरबल,
जामें तुम हो झयाज।
गिरधाराँ आधार जगत गुरु,
तुम बिन होय अकाज॥2॥
जुग जुग भीर हरी भगतनकी,
दीनी मोक्ष समाज।
मीरा सरण गही चरणनकी,
लाज रखो महाराज॥3॥

स्याम मोरी बांहडली जी गहो

स्याम मोरी बांहडली जी गहो।
या भवसागर मँझधारमें,
थे ही निभावण हो॥
म्हामें औगण घडा छै हो,
प्रभुजी थे ही सही तो सहो।
मीराके प्रभु हरि अबिनासी,
लाज बिरदकी बहो॥
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Meera ke Bhajan – Virah (विरह) – Hindi


Meerabai ke Bhajan - Birah
List of Meera Bhajans (Topic – virah) on this page:

  • हे री मैं तो प्रेम दिवानी
  • गली तो चारों बंद हुई
  • आली रे मेरे नैणा बाण पडी
  • घडी एक नहिं आवडे

हे री मैं तो प्रेम दिवानी


Vani Jayaram

https://youtu.be/QzKQmyZklGA


हे री मैं तो प्रेम दिवानी
(हे री मैं तो दरद दिवानी)
मेरो दरद न जाणै कोय॥


घायलकी गति घायल जाणै,
जो कोइ घायल होय।
जौहरिकी गति जौहरी जाणै,
की जिन जौहर होय॥


सूली ऊपर सेज हमारी,
सोवण किस बिध होय।
गगन मंडलपर सेज पियाकी,
किस बिध मिलणा होय॥


दरदकी मारी बन-बन डोलूँ,
बैद मिल्या नहिं कोय।
मीराकी प्रभु पीर मिटेगी,
जद बैद साँवलियाँ होय॥

गली तो चारों बंद हुई

गली तो चारों बंद हुई,
मैं हरिसे मिलूँ कैसे जाय॥
ऊंची-नीची राह लपटीली,
पाँव नहीं ठहराय।
सोच सोच पग धरूँ जतनसे,
बार-बार डिग जाय॥
ऊँचा नीचां महल पियाका,
म्हाँसूँ चढ्यो न जाय।
पिया दूर पंथ म्हारो झीणो,
सुरत झकोला खाय॥
कोस कोसपर पहरा बैठ्या,
पैंड पैंड बटमार।
हे बिधना कैसी रच दीनी,
दूर बसायो म्हारो गाँव॥
मीराके प्रभु गिरधर नागर,
सतगुरु दई बताय।
जुगन-जुगनसे बिछड़ी मीरा,
घरमें लीनी लाय॥

आली रे मेरे नैणा बाण पडी

आली रे मेरे नैणा बाण पडी॥
चित्त चढ़ो मेरे माधुरी मूरत,
उर बिच आन अडी।
कबक ठाढी पंथ निहारूँ,
अपने भवन खड़ी॥
कैसे प्राण पिया बिनु राखूँ,
जीवन मूल जड़ी।
मीरा गिरधर हाथ बिकानी,
लोग कहै बिगडी॥

घडी एक नहिं आवडे

घडी एक नहिं आवडे,
तुम दरसण बिन मोय।
तुम हो मेरे प्राणजी,
कासूँ जीवण होय॥


धान न भावै, नींद न आवै,
बिरह सतावै मोय।
घायल सी घूमत फिरूँ रे,
मेरो दरद न जाणै कोय॥


दिवस तो खाय गमाइयो रे
रैण गमाई सोय।
प्राण गमाया झुरताँ रे,
नैण गमाया रोय।


जो मैं ऐसी जाणती रे,
प्रीति कियाँ दुख होय।
नगर ढँढोरा फेरती रे,
प्रीति करो मत कोय॥


पंथ निहारूँ डगर बहारूँ,
ऊभी मारग जोय।
मीराके प्रभु कब र मिलोगे,
तुम मिलियाँ सुख होय॥
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Meera ke Bhajan – Darshan-anand


Meera Krishna Bhakti

  • मैं तो साँवरेके रंग राची
  • पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे
  • मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
  • माई री मैं तो लियो गोबिंदो मोल
  • या मोहनके मैं रूप लुभानी

1. मैं तो साँवरेके रंग राची

Vani Jairam


Tripti Shakya


मैं तो साँवरेके रंग राची
साजि सिंगार बाँधी पग घुँघरू,
लोक-लाज तजि नाची॥
गई कुमति, लई साधुकी संगति,
भगत, रूप भइ साँची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन,
कालब्यालसूँ बाँची॥
उण बिन सब जग खारो लागत,
और बात सब काँची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूं,
भगति रसीली जाँची॥

2. पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे

Sadhna Sargam

https://youtu.be/bj7Zgq3iLD4?t=3m19s


Anuradha Paudwal


पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे॥
पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे॥


मैं तो मेरे नारायणकी
आपहि हो गइ दासी रे।
लोग कहै मीरा भई बावरी
न्यात कहै कुलनासी रे॥
पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे॥


बिषका प्याला राणाजी भेज्या,
पीवत मीरा हाँसी रे।
मीराके प्रभु गिरधर नागर,
सहज मिले अबिनासी रे॥
पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे॥

3. मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

Vani Jairam


मेरे तो गिरधर गोपाल,
दूसरो न कोई॥
जाके सिर मोर मुगट,
मेरो पति सोई।
तात मात भ्रात बंधु,
आपनो न कोई॥


छांडिं दई कुलकि कानि,
कहा करिहे कोई।
संतन ढिग बैठि बैठि,
लोक लाज खोई॥


चुनरीके किये टूक,
ओढ लीन्हीं लोई।
मोती दूंगी उतार,
बनमाला पोई॥


अँसुवन जल सींचि सींचि,
प्रेम बेलि बोई
अब तो बेल फैल गई,
आनंद फल होई॥


दूधकी मथनियाँ
बड़े प्रेमसे बिलोई।
माखन जब काढि लियो,
छाछ पिये कोई॥


भगति देखि राजी हुई,
जगत देखि रोई।
दासी मीरा लाल गिरधर,
तारो अब मोहि॥

4. माई री मैं तो लियो गोबिंदो मोल

Anup Jalota


माई री मैं तो लियो गोबिंदो मोल।
कोई कहै छाने, कोई कहै छुपके,
लियोरी बजंता ढोल॥1॥


कोई कहै मुँहघो, कोई कहै सुहँघो,
लियो री तराजू तोल।
कोई कहै कालो, कोई कहै गोरो,
लियो री अमोलक मोल॥2॥


कोई कहै घरमें, कोई कहै बनमें,
राधाके संग किलोल।
मीराके प्रभु गिरधर नागर,
आवत प्रेमके मोल॥3॥

5. या मोहनके मैं रूप लुभानी

या मोहनके मैं रूप लुभानी।
सुंदर बदन कमलदल लोचन,
बाँकी चितवन मँद मुसकानी॥
जमनाके नीरे तीरे धेन चरावै,
बंसीमें गावै मीठी बानी।
तन मन धन गिरधरपर वारूँ,
चरणकँवल मीरा लपटानी॥

6. हमरो प्रणाम बाँके बिहारीको

हमरो प्रणाम बाँके बिहारीको
मोर मुकुट माथे तिलक बिराजै,
कुंडन अलका कारीको॥
अधर मधुरपर बंसी बजावै,
रीझ रीझावै राधाप्यारीको।
यह छबि देख मगन भई मीरा,
मोहन गिरवरधारीको

7. नैनाँ निपट बंकट छबि अटके।

(मेरे) नैनाँ निपट बंकट छबि अटके।
देखत रूप मदन मोहनको,
पियत पियूख न मटके॥
बारिज भवां अलक,
टेढी मनौ अति सुगंधरस अटके॥
टेढी कटि टेढी कर मुरली,
टेढी पाग लर लटके।
मीरा प्रभुके रूप लुभानी,
गिरधर नागर नटके॥

Meera ke Bhajan – Virah (विरह) – Hindi


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Main To Sanware Ke Rang Rachi


Meera Bhajan

मैं तो सांवरे के रंग राची


मैं तो सांवरे के रंग राची।
मैं तो सांवरे के रंग राची।


साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू,
लोक-लाज तजि नाची॥

मैं तो सांवरे के रंग राची।
मैं तो सांवरे के रंग राची।


गई कुमति, लई साधुकी संगति,
भगत रूप भई सांची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन,
कालब्यालसूँ बांची॥

मैं तो सांवरे के रंग राची।
मैं तो सांवरे के रंग राची।


उण बिन सब जग खारो लागत,
और बात सब कांची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूँ,
भगति रसीली जांची॥

मैं तो सांवरे के रंग राची।
मैं तो सांवरे के रंग राची।


मैं तो सांवरे के रंग राची।
मैं तो सांवरे के रंग राची।

साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू,
लोक-लाज तजि नाची॥


मैं तो सांवरे के रंग राची।
मैं तो सांवरे के रंग राची।

Main To Sanware Ke Rang Raachi
Main To Sanware Ke Rang Raachi

मैं तो सांवरे के रंग राची।

Meera Bhajans

Krishna Bhajans

Main To Sanware Ke Rang Raachi

Anuradha Paudwal

Main To Sanware Ke Rang Raachi


Main to Sanware ke rang rachi.
Main to Sanware ke rang rachi.

Saaji singaar baandhi pag ghungharuoo,
lok-laaj taji naachi.

Main to Sanware ke rang rachi.
Main to Sanware ke rang rachi.

Gai kumati, lai saadhuki sangati,
bhagat roop bhi saanchi.
Gaay gaay harike gun nis din,
kaalabyaalasoon baanchi.

Main to Sanware ke rang rachi.
Main to Sanware ke rang rachi.

Un bin sab jag khaaro laagat,
aur baat sab kaanchi.
Mera Shri Giradharan laalasoon,
bhagati rasili jaanchi.

Main to Sanware ke rang rachi.
Main to Sanware ke rang rachi.

Main to Sanware ke rang rachi.
Main to Sanware ke rang rachi.

Saaji singaar baandhi pag ghungharuoo,
lok-laaj taji naachi.

Main to Sanware ke rang rachi.
Main to Sanware ke rang rachi.

Main To Sanware Ke Rang Raachi
Main To Sanware Ke Rang Raachi

Main to Sanware ke rang rachi.

Meera Bhajans

Krishna Bhajans

Bhaya Mohan ka Roop


Meera Bhajan

भाया मोहन का रूप


भाया मोहन का रूप,
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा स्वरुप, मीरा माने ना

भाया मोहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा स्वरुप, मीरा माने ना

भक्त को जितने प्रभु हैं प्यारे
भक्त प्रभु को उतने दुलारे

करे भक्त का मान
भक्त प्रिय भगवान्
रखे भक्तो का ध्यान

भाया मोहन का रूप
जोड़ा रिश्ता अनूप
कोई दूजा स्वरुप, मीरा माने ना

कान्हा के बिन उसे
कुछ भी सुहाए ना।
मूरत की जिद करे
माने मनाये ना॥

भूखा भक्त रहे तो भगवन
कैसे भोजन को स्वीकारे।
भक्तो की खुशियों पे कान्हा
अपनी सारी खुशियाँ वारे॥
अपनी सारी खुशियाँ वारे

हो.. करे भक्त का मान,
भक्त प्रिय भगवान
रखे भक्तो का ध्यान

भाया मोहन का रूप,
जोड़ा रिश्ता अनूप,
कोई दूजा स्वरुप, मीरा माने ना

कान्हा से प्रीत का
रिश्ता बनाए वो।
भूल से भी अगर
आंसू बहाए वो॥

रोये भक्त तो कैसे भगवन्
अपने ऊपर काबू पाए।
होकर भक्त के दुःख से दुखिया
प्रभु की मूरत नीर बहाए॥
प्रभु की मूरत निर बहाए

हो… करे भक्त का मान
भक्त प्रिय भगवान्
रखे भक्तों का ध्यान

भाया मोहन का रूप,
जोड़ा रिश्ता अनूप,
कोई दूजा स्वरुप, मीरा माने ना

भाया मोहन का रूप,
जोड़ा रिश्ता अनूप,
कोई दूजा स्वरुप, मीरा माने ना

Bhaya Mohan ka Roop
Bhaya Mohan ka Roop

Meera Bhajans

Krishna Bhajans

Bhaya Mohan ka Roop

Sadhna Sargam

https://www.youtube.com/watch?v=bj7Zgq3iLD4

Bhaya Mohan ka Roop


Bhaya mohan ka roop,
joda rishta anoop,
koee dooja swaroop, meera maane na

Bhaya mohan ka roop
joda rishta anoop
koee dooja swaroop, meera maane na

Bhakt ko jitane prabhu hain pyaare
bhakt prabhu ko utane dulaare

Kare bhakt ka maan
bhakt priya bhagavaan
rakhe bhakto ka dhyaan

Bhaya mohan ka roop
joda rishta anoop
koee dooja swaroop, meera maane na

Kaanha ke bin use
kuchh bhi suhaye na.
Moorat ki jid kare
maane manaaye na.

Bhookha bhakt rahe to bhagavan
kaise bhojan ko sweekaare.
Bhakto ki khushiyon pe kaanha
apanee saari khushiyaan vaare.
Apni saari khushiyaan vaare

Ho.. Kare bhakt ka maan,
bhakt priy bhagavaan
rakhe bhakto ka dhyaan

Bhaya mohan ka roop,
joda rishta anoop,
koee dooja swaroop, meera maane na

Kaanha se preet ka
rishta banaye vo.
Bhool se bhi agar
aansoo bahaye wo.

Roye bhakt to kaise bhagavan
apane oopar kaaboo paaye.
Hokar bhakt ke duhkh se dukhiya
prabhu ki moorat neer bahaaye.
Prabhu kee moorat nir bahaaye

Ho… kare bhakt ka maan
bhakt priy bhagavaan
rakhe bhakton ka dhyaan

Bhaya mohan ka roop,
joda rishta anoop,
koee dooja swaroop, meera maane na

Bhaya Mohan ka Roop
Bhaya Mohan ka Roop

Bhaya mohan ka roop,
joda rishta anoop,
koee dooja swaroop, meera maane na

Meera Bhajans

Krishna Bhajans

Rang De Chunariya – Shyam Piya Mori Rang De Chunariya – Lyrics in English


Rang De Chunariya – Shyam Piya Mori Rang De Chunariya

Rang de chunariya
Shyam piya mori rang de chunariya

Rang de chunariya
Shyam piya mori rang de chunariya


Aisi rang de ke rang naahi chhoote
Dhobiya dhoe chaahe ye saari umariya

Shyam piya mori rang de chunariya
Shyam piya mori rang de chunariya


Laal na rangaavu main, Hari na rangaoo
Apne hi rang mein, rang de chunariya
Apne hi rang mein, rang de chunariya

Shyam piya mori rang de chunariya
Shyam piya mori rang de chunariya

Rang de chunariya
Shyam piya mori rang de chunariya

Bina rangaaye mai to ghar naahi jaungi
Shyam piya mori rang de chunariya


Jal se patlaa kaun hai?
Kaun bhoomi se bhaari?
Kaun agan se tej hai?
Kaun kaajal se kaali?

Jal se patala gyaan hai
Aur paap bhoomi se bhaari
Krodh agan se tej hai
Aur kalank kaajal se kaali

Mira ke prabhu giridhar naagar
Prabhu charanan mein, hari charanan mein,
Shyam charanan mein, laagi najariya

O shyam piya more, rang de chunariya
Rang de chunariya
Shyam piya mori rang de chunariya


Rang De Chunariya – Shyam Piya Mori Rang De Chunariya

Anup Jalota


Krishna Bhajan



Rang De Chunariya – Shyam Piya Mori Rang De Chunariya – Lyrics in Hindi


रंग दे चुनरिया, श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया

रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया

रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया


ऐसी रंग दे के रंग नाही छूटे
धोबिया धोए चाहे ये सारी उमरिया

श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया


लाल ना रंगाऊ मैं, हरी ना रंगाऊ
अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया
अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया

श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया

रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया

बिना रंगाये मै तो घर नाही जाउंगी
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया


जल से पतला कौन है?
कौन भूमि से भारी?
कौन अगन से तेज है?
कौन काजल से काली?

जल से पतला ज्ञान है
और पाप भूमि से भारी
क्रोध अगन से तेज है
और कलंक काजल से काली


मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
प्रभु चरणन में, हरी चरणन में,
श्याम चरणन में, लागी नजरिया

श्याम पिया मोरी, रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी, रंग दे चुनरिया

रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया


Rang De Chunariya – Shyam Piya Mori Rang De Chunariya

Anup Jalota


Krishna Bhajan



म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा | Meerabai ke Bhajan


म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा

म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा॥
तन मन धन सब भेंट धरूंगी
भजन करूंगी तुम्हारा।
म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा॥


तुम गुणवंत सुसाहिब कहिये
मोमें औगुण सारा॥
म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा॥


मैं निगुणी कछु गुण नहिं जानूं
तुम सा बगसणहारा॥
म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा॥


मीरा कहै प्रभु कब रे मिलोगे
तुम बिन नैण दुखारा॥
म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा॥


Mhare ghar aa pritam pyara

Mhare ghar aa pritam pyaaraa
Tan man dhan sab bhent dharungi
Bhajan karungi tumhara
Mhare ghar aa pritam pyaaraa
Tum gunwant susahib kahiye
Mome avagun sara
Mhare ghar aa pritam pyaara
Main niguni kachu gun nahi jaano
Tum so bhagtan haara
Mhare ghar aa pritam pyaraa
Meera kahe prabhu kabre miloge
Tum bin nain dukhara
Mhare ghar aa pritam pyara