दुर्गा आरती – मंत्र – चालीसा – देवी के भजन


Maa Durga Aarti – List


Durga Chalisa


Durga Mantra


Navdurga


दुर्गा सप्तशती (अर्थ सहित) – देवी माहात्म्य


चालीसा – List



आरती – List

बारह ज्योतिर्लिंग – स्तोत्र, कथा, मंदिर की लिस्ट


भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र

पुराणों के अनुसार
भगवान् शिव जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए थे,
उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को
ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है।

भारत में इस प्रकार 12 स्थान है,
जहां पर ज्योतिर्लिंग स्थित है।

सागर तट पर दो,
नदी के किनारे पर तीन,
पर्वतों की ऊँचाई पर चार और
मैदानी प्रदेशों में गाँवों के पास तीन
इस तरह बारह स्थान है,
जहां भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरुप स्थित है।

ये बारह ज्योतिर्लिंग है –

  1. श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
  2. श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
  3. श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  4. श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
  5. श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
  6. श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
  7. श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
  8. श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
  9. श्री रामेश्वर ज्योतिर्लिंग
  10. श्री भीमांशंकर ज्योतिर्लिंग
  11. श्री विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
  12. श्री घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग

महादेवजी के अर्थात शंकर भगवान के
इन बारह ज्योतिर्लिंग के तेजोमय और
पवित्र स्थानों की महिमा अनोखी है।


ज्योतिर्लिंगों के नामों के स्मरण का लाभ

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र के अंतिम श्लोक में दिया गया है की,
यदि मनुष्य क्रमशः कहे गये
इन बारहों ज्योतिर्मय शिवलिंगोंके स्तोत्रका
भक्तिपूर्वक पाठ करे,
तो इनके दर्शनसे होनेवाले फलको प्राप्त कर सकता है।

ज्योतिर्लिंग स्तोत्र के अंतिम श्लोक में कहा गया है की,
जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय,
इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है,
उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप,
इन ज्योतिर्लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है।

प्रातःकाल उठकर
इन बारह ज्योतिर्लिंगों के नामों का स्मरण करने से
आवागमन के चक्र से मुक्ति मिल जाती है, और
इन लिंगों की पूजा से सभी दुःखों का नाश होता है।


ज्योतिर्लिंग स्तोत्र, बारह ज्योतिर्लिंग की कथाएं

निचे ज्योतिर्लिंग के स्तोत्र और उनकी कथाओं के जो पोस्ट है,
उनकी लिंक दी गयी है –

ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से हमारा जीवन
पुण्यमय, सुखी-समाधानी तथा कृतार्थ होता है,
यह श्रद्धा है और भक्तों का अनुभव भी है।

यद्यपि पृथ्वी में विद्यमान लिंग असख्य है,
तथापि प्रधान ज्योतिर्लिंग बारह हैं –

बारह ज्योतिर्लिंग

सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ,
श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन,
उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल,
विंध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर अथवा ममलेश्वर,
परली में वैद्यनाथ,
डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर,
सेतुबंध पर श्री रामेश्वर,
दारुकावन में श्रीनागेश्वर,
वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ,
गौतमी (गोदावरी, गोमती) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर,
हिमालय श्रृंग पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और
शिवालय में श्रीघृष्णेश्वर।


बारह ज्योतिर्लिंगों के स्थानों के बारे में संक्षिप्त जानकारी

1. श्रीसोमनाथ का दर्शन करनेके लिये गुजरात में काठियावाड़ प्रदेशके अन्तर्गत प्रभासक्षेत्रमें जाना चाहिये।

2. श्रीमल्लिकार्जुन नामक ज्योतिर्लिंग जिस पर्वतपर विराजमान है, उसका नाम श्रीशैल या श्रीपर्वत है। यह स्थान मद्रास प्रान्तके कृष्णा जिलेमें कृष्णा नदीके तटपर है। इसे दक्षिणका कैलास कहते हैं।

3. महाकाल या महाकालेश्वर मालवा प्रदेशमें क्षिप्रा नदीके तटपर उज्जैन नामक नगरीमें विराजमान है। उज्जैनको अवन्तिकापुरी भी कहते हैं।

4. ओंकारेश्वर का स्थान मालवा प्रान्तमें नर्मदा नदीके तटपर है। उज्जैनसे खंडवा जानेवाली रेलवेकी छोटी लाइनपर मोरटक्का नामक स्टेशन है। वहाँसे यह स्थान ७ मील दूर है। यहाँ ओंकारेश्वर और अमलेश्वर नामक दो पृथक्-पृथक् लिंग हैं। परंतु दोनों एक ही ज्योतिर्लिंगके दो स्वरूप माने गये हैं।

5. श्रीकेदारनाथ या केदारेश्वर हिमालयके केदार नामक शिखरपर स्थित हैं। शिखरसे पूर्वकी ओर अलकनन्दाके तटपर श्रीबदरीनाथ अवस्थित हैं और पश्चिममें मन्दाकिनीके किनारे श्रीकेदारनाथ विराजमान हैं। यह स्थान हरिद्वारसे १५० मील और ऋषिकेशसे १३२ मील दूर है।

6. श्रीभीमशंकर का स्थान मुंबईसे पूर्व और पूनासे उत्तर भीमा नदीके किनारे उसके उद्‌गमस्थान सह्य पर्वतपर है। यह स्थान बस के रास्तेसे जानेपर नासिकसे लगभग १२० मील दूर है। सह्य पर्वतके उस शिखरका नाम, जहाँ इस ज्योतिर्लिंगका प्राचीन मन्दिर है, डाकिनी है। इससे अनुमान होता है कि कभी यहाँ डाकिनी और भूतोंका निवास था। शिवपुराणकी एक कथाके आधारपर भीम शंकर ज्योतिर्लिंग आसामके कामरूप जिलेमें गोहाटीके पास ब्रह्मपुर पहाड़ीपर स्थित बताया जाता है। कुछ लोग कहते हैं कि नैनीताल जिलेके उज्जनक नामक स्थानमें एक विशाल शिवमन्दिर है, वही भीमशंकरका स्थान है।

7. काशीके श्रीविश्वनाथजी तो प्रसिद्ध ही हैं।

8. त्र्यम्बक या त्र्यम्बकेश्वर, मुंबई प्रान्तके नासिक जिलेमें नासिक पंचवटीसे १८ मील दूर गोदावरीके उद्‌गमस्थान ब्रह्मगिरिके निकट गोदावरीके तटपर स्थित है।

9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान संथाल परगनेमें ई० आई० रेलवेके जसीडीह स्टेशनके पास वैद्यनाथधाम के नामसे प्रसिद्ध है। पुराणोंके अनुसार यही चिताभूमि है। यह स्थान झारखण्ड प्रान्त के सन्थाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।

कहीं-कहीं “परल्यां वैद्यनाथं च” ऐसा पाठ मिलता है। इसके अनुसार परलीमें वैद्यनाथकी स्थिति है। दक्षिण हैदराबाद नगरसे इधर परभनी नामक एक जंकशन है। वहाँसे परलीतक एक ब्रांच लाइन गयी है। इस परली स्टेशनसे थोड़ी दूरपर परली गाँवके निकट श्रीवैद्यनाथ नामक ज्योतिर्लिंग है।

10. नागेश नामक ज्योतिर्लिंगका स्थान बड़ौदा राज्यके अन्तर्गत गोमतीद्वारकासे ईशानकोणमें बारह-तेरह मीलकी दूरीपर है। दारुकावन इसीका नाम है। कोई-कोई दारुकावनके स्थानमें “द्वारकावन” पाठ मानते हैं। इस पाठके अनुसार भी यही स्थान सिद्ध होता है; क्योंकि वह द्वारकाके निकट और उस क्षेत्रके अन्तर्गत है। कोई-कोई दक्षिण हैदराबादके अन्तर्गत औढ़ा ग्राममें स्थित शिवलिंगको ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं। कुछ लोगोंके मतसे अल्मोड़ासे १७ मील उत्तर-पूर्वमें स्थित यागेश (जागेश्वर) शिवलिंग ही नागेश ज्योतिर्लिंग है।

11. श्रीरामेश्वर तीर्थको ही सेतुबन्ध तीर्थ भी कहते हैं। यह स्थान मद्रास प्रान्तके रामनाथम् या रामनद जिलेमें है। यहाँ समुद्रके तटपर रामेश्वरका विशाल मन्दिर शोभा पाता है।

12. श्रीघुश्मेश्वर को घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहते हैं। इनका स्थान हैदराबाद राज्यके अन्तर्गत दौलताबाद स्टेशनसे १२ मील दूर बेरुल गाँवके पास है। इस स्थानको ही शिवालय कहते हैं।

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारे परमेश्वरम्॥
केदारं हिमवत्पृष्ठे डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
वाराणस्यां च विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे॥
वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारुकावने।
सेतुबन्धे च रामेशं घुश्मेशं तु शिवालये॥
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।
सर्वपापैर्विनिर्मुक्तः सर्वसिद्धिफलं लभेत्॥


ज्योति के भिन्न रूप

वैसे देखा जाये तो ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना
हमारा नित्यकर्म ही होता है।


सूर्य

सूर्य, अग्नि और दीपज्योत
ये उस ज्योति के ही रूप होते है।

उनके दर्शन का आनंद
हमलोग हररोज प्राप्त करते है।

“ओम् तत्सवितुः वरेण्यं” इस गायत्री मंत्र में
बुद्धि को प्रेरणा देनेवाले सूर्यभगवान के
सर्वश्रेष्ठ तेजरूपी ध्यान के बारें में बताया है।

इस मंत्र के जप-सामर्थ्य से
मनुष्य की प्राणज्योति को
अर्थात् आत्मज्योति को दिव्यशक्ति प्राप्त होती है।

सूर्यशक्ति का तेज
तथा उससे प्राप्त उष्णता से कितने लाभ होते है
यह स्पष्ट करना कठिन है।

उस अतिभव्य – दिव्य ज्योति के सामर्थ्य से ही
इस विश्व के सारे कार्यकलाप चलते हैं।

उस भास्कर – ज्योति को हम प्रणाम करते हैं,
सुर्योपासना करते है,
उसे अर्घ्यदान करते है।

सूर्य-ज्योति ही केवल एक सत्य मात्र है।

वही एक नित्य है, बाकी सब मिथ्या है।


अग्नि

अग्नि भी एक महान ज्योति है।

पृथ्वीतल के सभी धर्म, उस अग्निज्योति के सामने नतमस्तक है।

उसकी नित्य उपासना करते हैं।

अग्नि के उपयोग, उसका महत्त्व और
उसके उपकार के संबंध में जितना भी कहे, कम होगा।


दीपज्योति

दीपज्योति, सूर्य और अग्नि का ही छोटा स्वरूप हैं और
उस महान ज्योति को हम प्रणाम करते है।

दीपज्योति के महत्त्व को हम भलीभाँति जानते हैं,
हम उस दीप की पूजा करते हैं।

दीपोत्सव मनाते है।

स्वागत-समारोह, मंगलकार्य आदि में
दीपज्योति की अग्रकम से पूजा करते हैं।

शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं धनसंपदा
शत्रुबुद्धि विनाशाय, दीपज्योति नमोस्तुते।

इस ज्योति से हमारा अंधःकार नष्ट हो जाता है।

अज्ञानरूपी अंधःकार नष्ट होता है।

और स्वधर्म सूर्य का दर्शन होकर
मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।

इस तरह बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन से,
वहाँ के पावन वायुमंडल और
पवित्र यात्रा से सभी को सुख, शांति
तथा समाधान प्राप्त होता है।



Shiv Stotra Mantra Aarti Chalisa Bhajan


List

Sunderkand Index


सुन्दरकाण्ड के प्रसंग की लिस्ट


हनुमानजी का लंका की ओर प्रस्थान

  • हनुमानजी वानरों को समझाते है
  • श्रीराम का कार्य करने पर मन को ख़ुशी मिलती है
  • हनुमानजी ने एक पहाड़ पर भगवान् श्रीराम का स्मरण किया
  • हनुमानजी, श्रीराम के बाण जैसे तेज़ गति से, लंका की ओर जाते है

मैनाक पर्वत का प्रसंग

  • समुद्र ने मैनाक पर्वत को हनुमानजी की सेवा के लिए भेजा
  • मैनाक पर्वत हनुमानजी से विश्राम करने के लिए कहता है
  • प्रभु राम का कार्य पूरा किये बिना विश्राम नही

सुरसा का प्रसंग

  • देवताओं ने नागमाता सुरसा को भेजा
  • सुरसा ने हनुमानजी का रास्ता रोका
  • हनुमानजी ने सुरसा को समझाया कि वह उनको नहीं खा सकती
  • सुरसा ने कई योजन मुंह फैलाया, तो हनुमानजी ने भी शरीर फैलाया
  • सुरसा ने मुंह सौ योजन फैलाया, तो हनुमानजी ने छोटा सा रूप धारण किया
  • सुरसा को हनुमानजी की शक्ति का पता चला
  • सुरसा, हनुमानजी को प्रणाम करके चली जाती है

मायावी राक्षस का प्रसंग

  • समुद्र में छाया पकड़ने वाला राक्षस
  • हनुमानजी ने मायावी राक्षस के छल को पहचाना
  • हनुमानजी समुद्र के पार पहुंचे
  • हनुमानजी लंका पहुंचे
  • भगवान् शंकर पार्वतीजी को श्रीराम की महिमा बताते है

लंका नगरी का वर्णन

  • लंका नगरी और उसके सुवर्ण कोट का वर्णन
  • लंका नगरी और उसके महाबली राक्षसों का वर्णन
  • लंका के बाग-बगीचों का वर्णन
  • लंका के राक्षसों का बुरा आचरण
  • हनुमानजी छोटा सा रूप धरकर लंका में प्रवेश करने का सोचते है

लंकिनी का प्रसंग और ब्रह्माजी का वरदान

  • हनुमानजी राम नामका स्मरण करते हुए लंका में प्रवेश करते है
  • हनुमानजी लंकिनी को घूँसा मारते है
  • लंकिनी हनुमानजी को प्रणाम करती है
  • ब्रह्माजी के वरदान में राक्षसों के संहार का संकेत
  • थोड़े समय का सत्संग – स्वर्ग के सुख से बढ़कर है
  • प्रभु श्रीराम को निरंतर स्मरण करने के फायदे

हनुमानजी का लंका में प्रवेश

  • हनुमानजी, छोटा सा रूप धरकर, लंका में प्रवेश करते है
  • हनुमानजी, रावण के महल तक पहुंचे
  • हनुमानजी, सीताजी की खोज करते करते, विभीषण के महल तक पहुंचे
  • विभीषण के महल का वर्णन – श्रीराम के चिन्ह और तुलसी के पौधे

हनुमानजी और विभीषण का संवाद

  • राक्षसों की नगरी में, सत-पुरुष को देखकर, हनुमानजी को आश्चर्य हुआ
  • हनुमानजी, विभीषण को, राम नाम का जप करते देखते है
  • हनुमानजी ब्राह्मण का रूप धारण करते है
  • विभीषण हनुमानजी से उनके बारे में पूछते है
  • हनुमानजी विभीषण को श्री राम कथा सुनाते है
  • विभीषण हनुमानजी को अपनी स्थिति बताते है
  • बिना भगवान् की कृपा के सत्पुरुषों का संग नहीं मिलता

हनुमानजी द्वारा प्रभु श्री राम के गुणों का वर्णन

  • प्रभु श्री राम भक्तों पर सदा दया करते है
  • हनुमानजी कहते है, श्री राम ने वानरों पर भी कृपा की है
  • भगवान् राम के गुणों का भक्तिपूर्वक स्मरण
  • भगवान् को भूलने पर, इंसान के जीवन में दुःख का आना
  • विभीषण हनुमानजी को माता सीता के बारे में बताते है

अशोकवन का प्रसंग

  • हनुमानजी अशोकवन जाते है
  • सीताजी का राम के गुणों का स्मरण करना
  • माता सीता का मन, श्री राम के चरणों में

अशोक वाटिका में रावण और सीताजी का संवाद

  • रावण का अशोकवन में आना
  • रावण सीताजी को भय दिखाता है
  • सीताजी तिनके का परदा बना लेती है
  • सीताजी रावण को श्रीराम के बाण की याद दिलाती है
  • रावण को क्रोध आता है
  • रावण सीताजी को कृपाण से भय दिखाता है
  • माता सीता के कठोर वचन
  • माता सीता तलवार से प्रार्थना करती है
  • मंदोदरी रावण को समझाती है
  • रावण राक्षसियों को आदेश देता है
  • राक्षसियाँ सीताजी को डराने लगती है

त्रिजटा का स्वप्न

  • रामचन्द्रजीके चरनोंकी भक्त, निपुण और विवेकवती त्रिजटा
  • त्रिजटा अन्य राक्षसियों को स्वप्न के बारे में बताती है
  • स्वप्न में रामचन्द्रजी की लंका पर विजय
  • स्वप्न सुनकर राक्षसियाँ डर जाती है
  • सीताजी मन में सोचने लगती है

सीताजी और त्रिजटा का संवाद

  • माता सीता, त्रिजटा को, श्रीराम से विरहके दुःख के बारे में बताती है
  • सीताजी का दुःख
  • त्रिजटा सीताजी को सांत्वना देती है

सीताजी को प्रभु राम से विरह का दुःख

  • आसमान के तारे
  • चन्द्रमा और अशोक वृक्ष
  • सीताजी को दुखी देखकर हनुमानजी को दुःख होता है

प्रभु श्री राम की मुद्रिका (अंगूठी)

  • हनुमानजी श्री राम की अंगूठी सीताजी के सामने डाल देते है
  • माता सीता अंगूठी को देखती है
  • सीताजी अंगूठी कहाँ से आयी यह सोचती है
  • हनुमानजी पेड़ पर से ही श्री राम की कथा सुनाते है

माता सीता और हनुमानजी का संवाद

  • सीताजी हनुमान को सामने आने के लिए कहती है
  • हनुमानजी, माता सीता को अपने बारें में और अंगूठी के बारें में बताते है
  • सीताजी हनुमानजी से पूछती है की श्री राम उनसे कैसे मिले
  • सीताजी को विश्वास हो जाता है की हनुमानजी श्री राम के भक्त है
  • माता सीता हनुमानजी को धन्यवाद देती है
  • सीताजी प्रभु श्री राम के बारें में पूछती है
  • भगवान राम की कृपा से भक्त सदा सुखी
  • सीताजी का दुःख
  • हनुमानजी श्री राम के बारें में बताते है
  • बजरंगबली श्री राम का संदेशा सुनाते है

प्रभु श्री रामचन्द्रजी का संदेशा

  • श्री राम का माता सीता के लिए संदेशा
  • प्रभु राम का सीताजी के लिए संदेशा
  • श्री रामचन्द्रजी अपनी स्थिति बताते है
  • सीताजी संदेशा सुनकर भगवान् राम को स्मरण करती है

हनुमानजी और माता सीता का संवाद

  • हनुमानजी माता सीता को धैर्य धरने के लिए कहते है
  • भगवान् राम के बाणों से राक्षसों का संहार हो जायेगा
  • अंधकार जैसे राक्षस और सूर्य जैसे श्री राम के बाण
  • हनुमानजी भगवान् राम की आज्ञा के बारें में कहते है

हनुमानजी का विशाल स्वरुप

  • हनुमानजी का छोटा रूप देखकर माता सीता को वानर सेना पर शंका
  • हनुमानजी सीताजी को अपना विशाल स्वरुप दिखाते है
  • बजरंगबली का विशाल रूप देखकर सीताजी को वानर सेना पर विश्वास
  • प्रभु राम की कृपा से सब कुछ संभव
  • माता सीता का हनुमानजी को आशीर्वाद
  • हनुमानजी – अजर, अमर और गुणों के भण्डार
  • हनुमानजी माता सीता को प्रणाम करते है

अशोकवन के फल और राक्षसों का संहार

  • हनुमानजी अशोकवन में लगे फलों को देखते है
  • हनुमानजी सीताजी से आज्ञा मांगते है
  • प्रभु श्री राम के चरणों में मन रखकर कार्य करें
  • हनुमानजी फल खाते है और कुछ राक्षसों का संहार करते है
  • राक्षस रावण को हनुमानजी के बारे में बताते है
  • रावण और राक्षसों को भेजता है
  • रावण अक्षय कुमार को भेजता है
  • हनुमानजी अक्षय कुमार का संहार करते है

मेघनाद और ब्रह्मास्त्र का प्रसंग

  • रावण मेघनाद को भेजता है
  • मेघनाद हनुमानजी को बंदी बनाने के लिए आता है
  • हनुमानजी ने मेघनाद के रथ को नष्ट किया
  • हनुमानजी ने मेघनाद को घूंसा मारा
  • मेघनाद हनुमानजी से जीत नहीं पाया
  • मेघनादने ब्रम्हास्त्र चलाया
  • मेघनाद हनुमानजी को बंदी बनाकर रावणकी सभा में ले जाता है
  • हनुमानजी ने अपने आप को क्यों ब्रह्मास्त्र में बँधा लिया?
  • हनुमानजी रावण की सभा देखते है
  • रावण की सभा का वर्णन
  • रावण हनुमानजी की ओर देखकर हँसता है

हनुमानजी और रावण का संवाद

  • रावण हनुमानजीसे उनके बारे में पूछता है?
  • हनुमानजी श्री राम के बारे में बताते है
  • श्री राम का बल और सामर्थ्य
  • भगवान राम के अवतार का कारण
  • रावण का साम्राज्य, भगवान् राम के बल के थोड़े से अंश के बराबर
  • रावण का सहस्रबाहु और बालि से युद्ध
  • हनुमानजी ने अशोकवन क्यों उजाड़ा?
  • हनुमानजी ने राक्षसों को क्यों मारा?

हनुमानजी रावण को समझाते है

  • ईश्वर से कभी बैर नहीं करना चाहिए
  • हनुमानजी रावण को भगवान् की शरण में जाने के लिए कहते है
  • श्रीराम को मन में धारण करके कार्य करें
  • राम नाम बिना वाणी कैसी लगती है
  • राम नाम भूलने का क्या परिणाम होता है
  • भगवान् राम से भूलने वाले की क्या गति होती है
  • अभिमान और अहंकार त्याग कर भगवान् की शरण में
  • हनुमानजी के सच्चे वचन अहंकारी रावण की समझ में नहीं आते है
  • रावण हनुमानजी को डराता है
  • रावण हनुमानजी को मारने का हुक्म देता है
  • विभीषण रावणको दुसरा दंड देने के लिए समझाता है
  • रावण हनुमानजी को दुसरा दंड देने का सोचता है
  • राक्षस हनुमानजी की पूंछ में आग लगाने का सुझाव देते है

हनुमानजी की पूँछ में राक्षसों द्वारा आग लगाने का प्रसंग

  • रावण हनुमानजी की पूँछ में आग लगाने का हुक्म देता है
  • राक्षस हनुमानजी की पूँछ में आग लगाने की तैयारी करते है
  • हनुमानजी पूँछ लम्बी बढ़ा देते है
  • राक्षस हनुमानजी की पूँछ में आग लगा देते है
  • हनुमानजी छोटा रूप धरकर बंधन से छूट जाते है
  • हनुमानजी का विशाल रूप और गर्जना

लंका दहन का प्रसंग

  • हनुमानजी एक महल से दूसरे महल पर जाते है
  • राक्षस लोग समझ जाते है की हनुमानजी देवता का रूप है
  • लंका नगरी जल जाती है
  • सिर्फ विभीषण का घर क्यों नहीं जलता है?
  • हनुमानजी फिर से माता सीता के पास आते है

माता सीता का प्रभु राम के लिए संदेशा

  • सीताजी हनुमानजीको पहचान का चिन्ह देती है
  • सीताजी श्री राम के लिए संदेशा देती है
  • माता सीता का श्रीराम को संदेशा
  • सीताजी को हनुमानजी के जाने का दुःख
  • हनुमानजी माता सीता को प्रणाम करते है

हनुमानजी का लंका से वापस आना

  • हनुमानजी लंका से वापिस आते है
  • हनुमानजी का तेज देखकर वानर हर्षित होते है
  • हनुमानजी के साथ सभी वानर श्री राम के पास जाते है

सुग्रीव का प्रसंग

  • वानरों का मधुवन के फल खाना
  • वन के रखवाले सुग्रीव से शिकायत करते है
  • सुग्रीव मन ही मन खुश होते है
  • सभी वानर सुग्रीव के पास आते है
  • वानर सुग्रीव को हनुमानजी के कार्य के बारे में बताते है
  • वानरसेना प्रभु राम के पास जाती है
  • सभी वानर भगवान् राम को प्रणाम करते है

जाम्बवान और प्रभु श्री राम का संवाद

  • ईश्वर की कृपा से भक्त का निरंतर कुशल
  • भगवान् की कृपा का फल
  • जाम्बवान श्री राम को हनुमानजी के कार्य के बारें में बताते है

हनुमानजी और प्रभु श्री राम का संवाद

  • भगवान् राम हनुमानजी से माता सीता के बारें में पूछते है
  • हनुमानजी माता सीता के बारें में बताते है
  • भगवान् का ध्यान किस प्रकार करें
  • हनुमानजी प्रभु राम को सीताजी की चूड़ामणि देते है

सीताजी का प्रभु राम के लिए संदेशा

  • हनुमानजी श्री राम को सीताजी का संदेशा सुनाते है
  • माता सीता का संदेशा
  • भगवानके दर्शन की प्यास
  • सीताजी की लंका में स्थिति
  • सीताजी को प्रभु से विरह का दुःख
  • प्रभुकी शरण में आये हुए को दुःख नहीं
  • भगवान को भूलने पर मनुष्य को दुःख

रामभक्त वीर हनुमान की जय

  • प्रभु राम बजरंगबली की प्रशंसा करते है
  • रामभक्त हनुमान के प्रभु राम ऋणी
  • हे प्रभु राम, हमारी रक्षा करो
  • शिव के अंशावतार हनुमानजी की श्री राम भक्ति
  • श्री राम ने हनुमान जी को गले से लगाया
  • रामचन्द्रजी लंका दहन के बारें में पूछते है
  • हनुमानजी लंका दहन के बारें में बताते है
  • सभी कार्य ईश्वर की कृपा से
  • भगवान् की कृपा से सब कुछ संभव

श्री राम और हनुमानजी का संवाद

श्री रामजी का वानरों की सेना के साथ समुद्र तट पर जाना

  • छंद – Sunderkand
  • छंद – Sunderkand

मंदोदरी और रावण का संवाद


अहंकारी रावण और उसके अज्ञानी मंत्री

विभीषण का रावण को समझाना

माल्यावान का रावण को समझाना

विभीषण का अपमान

विभीषण का प्रभु श्रीरामकी शरण के लिए प्रस्थान

विभीषण वानरसेना के पास पहुंचते है

भगवान रामकी शरण में कौन जा सकता है

विभीषण को भगवान रामके दर्शन

विभीषण को भगवान रामकी शरण प्राप्ति

भगवान् श्री राम की महिमा

प्रभु श्री रामचंद्रजी की महिमा


विभीषण की भगवान् रामसे प्रार्थना

  • समुद्र पार करने के लिए विचार
  • रावणदूत शुक का आना
  • लक्ष्मणजी के पत्र को लेकर रावणदूत का लौटना
  • दूत का रावण को समझाना
  • रावणदूत शुक का रावण को समझाना
  • समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध
  • समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध
  • समुद्र की श्री राम से विनती
  • मंगलाचरण – सुंदरकाण्ड

सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड पाठ के लिए

इस पोस्ट में सुंदरकांड के दोहे और चौपाई अर्थ सहित दिए गए है।

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सपूर्ण सुंदरकांड पाठ – एक पेज में

सुंदरकांड – सरल अर्थ सहित

सुंदरकाण्ड रामायण और रामचरितमानस का एक सोपान अर्थात भाग है और इस सोपान में, हनुमानजी की शक्ति और सफलता को याद किया जाता है।

सुन्दरकांड में 526 चौपाइयाँ, 60 दोहे, 6 छंद और 3 श्लोक है। सुन्दरकांड में 5 से 7 चौपाइयों के बाद 1 दोहा आता है।

महाकाव्य रामायण में सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है। किन्तु सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का कांड है।


भारत में हिंदू मंदिरों की लिस्ट


  • 2001 की गणना के अनुसार,
  • भारत में 20 लाख से अधिक,
  • हिंदू मंदिरों की संख्या दर्ज है।
  • इस लेख में,
  • भारत के कुछ प्रमुख मंदिरों की,
  • राज्य के अनुसार लिस्ट दी गयी है।
  • मंदिरों की लिस्ट के बाद,
  • 2001 की रिपोर्ट के अनुसार,
  • प्रत्येक राज्य में,
  • कितने मंदिरों की संख्या है,
  • वह दी गयी है।











राज्यों की लिस्ट – A to Z


कौन से राज्य में कितने मंदिर

  • भारत – India
    • 2,398,650
  • 1. उत्तर प्रदेश – Uttar Pradesh
    • 265,270
  • 2. पश्चिम बंगाल – West Bengal
    • 228,452
  • 3. महाराष्ट्र – Maharashtra
    • 220,458
  • 4. कर्नाटक – Karnataka
    • 207,332
  • 5. राजस्थान – Rajasthan
    • 166,766
  • 6. आंध्र प्रदेश – Andhra Pradesh
    • 159,025
  • 7. मध्य प्रदेश – Madhya Pradesh
    • 142,452
  • 8. गुजरात – Gujarat
    • 142,135
  • 9. बिहार – Bihar
    • 138,493
  • 10. तमिलनाडु – Tamil Nadu
    • 130,346
  • 11. ओडिशा – Odisha
    • 103,350
  • 12. केरल – Kerala
    • 101,140
  • 13. असम – Assam
    • 90,194
  • 14. झारखंड – Jharkhand
    • 50,110
  • 15. पंजाब – Punjab
    • 46,493
  • 16. छत्तीसगढ़ – Chhattisgarh
    • 46,095
  • 17. हिमाचल प्रदेश – Himachal Pradesh
    • 26,526
  • 18. उत्तराखंड – Uttarakhand
    • 25,959
  • 19. हरियाणा – Haryana
    • 24,519
  • 20. त्रिपुरा – Tripura
    • 12,872
  • 21. दिल्ली – Delhi
    • 8,249
  • 22. मेघालय – Meghalaya
    • 5,771
  • 23. गोवा – Goa
    • 5,686
  • 24. मणिपुर – Manipur
    • 5,251
  • 25. मिजोरम – Mizoram
    • 3,154
  • 26. अरुणाचल प्रदेश – Arunachal Pradesh
    • 2,363
  • 27. नगालैंड – Nagaland
    • 2,360
  • 28. पुडुचेरी – Puducherry
    • 2,146
  • 29. अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह – Andaman and Nicobar Islands
    • 1,121
  • 30. सिक्किम – Sikkim
    • 1,049
  • 31. दमन और दीव – Daman and Diu
    • 477
  • 32. लक्षद्वीप – Lakshadweep
    • 430
  • 33. चंडीगढ़ – Chandigarh
    • 340
  • 34 . दादरा और नगर हवेली – Dadra and Nagar Haveli
    • 241

आंध्र प्रदेश के हिंदू मंदिरों की लिस्ट


<< हिंदू मंदिरों की भारत के राज्यों की लिस्ट

आंध्र प्रदेश – Andhra Pradesh

  • 1. वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुमाला
    • Venkateswara Temple, Tirumala
  • 2. पद्मावती मंदिर
    • Padmavathi Temple
  • 3. श्रीशैलम मंदिर
    • Srisailam Temple
  • 4. श्रीकालहस्तीश्वर मंदिर
    • Srikalahasteeswara Temple
  • 5. लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, पन्ना अहोबिलम
    • Lakshmi Narasimha Swamy Temple, Penna Ahobilam
  • 6. वराह लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर, सिंहचलम
    • Varaha Lakshmi Narasimha Temple, Simhachalam
  • 7. विनायक मंदिर, कानिपकम
    • Vinayaka Temple, Kanipakam
  • 8. कनक दुर्गा मंदिर, विजयवाड़ा
    • Kanaka Durga Temple, Vijayawada
  • 9. गोविंदराज मंदिर, तिरुपति
    • Govindaraja Temple, Tirupati
  • 10. कपिला तीर्थम
    • Kapila Theertham
  • 11. कल्याण वेंकटेश्वर मंदिर, श्रीनिवासमंगपुरम
    • Kalyana Venkateswara Temple, Srinivasamangapuram
  • 12. कल्याण वेंकटेश्वर मंदिर, नारायणवनम
    • Kalyana Venkateswara Temple, Narayanavanam
  • 13. कोदंडाराम मंदिर, तिरुपति
    • Kodandarama Temple, Tirupati
  • 14. प्रसन्न वेंकटेश्वर मंदिर, अपलायगुंटा
    • Prasanna Venkateswara Temple, Appalayagunta
  • 15. वराहस्वामी मंदिर, तिरुमाला
    • Varahaswamy Temple, Tirumala
  • 16. वेदनारायण मंदिर, नागालपुरम
    • Vedanarayana Temple, Nagalapuram
  • 17. वीरंजननी मंदिर, अर्धगिरी
    • Veeranjaneya Temple, Ardhagiri
  • 18. Alipiri
    • Alipiri
  • 19. वेंकटेश्वर मंदिर, द्वारका तिरुमाला
    • Venkateswara Temple, Dwaraka Tirumala
  • 20. अन्नवरम सत्यनारायण मंदिर
    • Annavaram Satyanarayana Temple
  • 21. सूर्यनारायण मंदिर, अरासवल्ली
    • Suryanarayana Temple, Arasavalli
  • 22. कुरमनाथस्वामी मंदिर, श्रीकुरम
    • Kurmanathaswamy Temple, Srikurmam
  • 23. लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, मंगलगिरि
    • Lakshmi Narasimha Temple, Mangalagiri
  • 24. Mantralayam
    • Mantralayam
  • 25. श्री मुखलिंगम, श्रीकाकुलम
    • Sri Mukhalingam, Srikakulam
  • 26. वीरभद्र मंदिर, लेपाक्षी
    • Veerabhadra Temple, Lepakshi
  • 27. रंगनाथ मंदिर, नेल्लोर
    • Ranganatha Temple, Nellore
  • 28. यागंती मंदिर
    • Yaganti temple
  • 29. कोनीतरायला मंदिर, केलापाटला
    • Konetirayala Temple, Keelapatla
  • 30. पल्लीकोंडेश्वर मंदिर, सुरतपल्ली
    • Pallikondeswara Temple, Surutapalli
  • 31. परशुरामेश्वर मंदिर, गुड़िमल्लम
    • Parasurameswara Temple, Gudimallam
  • 32. श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, अंटार्वेदि
    • Sri Lakshmi Narasimha Swamy Temple, Antarvedi
  • 33. श्री सुनमा जैकिनी मठ मंदिर, गूटी, अनंतपुरम
    • Sri Sunama Jakini Matha Temple, Gooty, Anantapuramu
  • 34. श्री सूर्यनारायण स्वामी मंदिर, गोलमालिदामदा
    • Sri Suryanarayana Swamy Temple, Gollalamamidada
  • 35. चिंतला वेंकटरमण मंदिर
    • Chintala Venkataramana Temple
  • 36. कुलंदेश्वर मंदिर
    • Kulandeshwara Temple
  • 37. सिद्धेश्वरा स्वामी मंदिर
    • Siddheswara Swamy Temple
  • 38. सिद्धेश्वरा क्षेत्रम्
    • Siddeswara kshetram
  • 39. Kotappakonda
    • Kotappakonda
  • 40. चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर
    • Chengalamma Parameshwari Temple

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अरुणाचल प्रदेश के हिंदू मंदिरों की लिस्ट


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अरुणाचल प्रदेश – Arunachal Pradesh

  • 1. मालिनीथन
    • Malinithan
  • 2. परशुराम कुंड
    • Parshuram Kund
  • 3. रंगनुवक् हम
    • Rangnuwk hum

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असम के हिंदू मंदिरों की लिस्ट


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असम – Assam

  • 1. बागेश्वरी मंदिर, बोंगईगांव
    • Bagheswari Temple, Bongaigaon
  • 2. तेजपुर के पास भैरबी मंदिर
    • Bhairabi Temple, near Tezpur
  • 3. दाह पार्वतीया
    • Dah Parvatiya
  • 4. ढेयाखोवा बोरनाघर
    • Dhekiakhowa Bornamghar
  • 5. डौल गोविंदा मंदिर
    • Doul Govinda Temple
  • 6. हातिमुरा मंदिर, सिलघाट
    • Hatimura Temple, Silghat
  • 7. हयग्रीव माधव मंदिर, हाजो
    • Hayagriva Madhava Temple, Hajo
  • 8. केटकेश्वर देवल, तेजपुर
    • Ketakeshwar Dewal, Tezpur
  • 9. माधब थान
    • Madhab Than
  • 10. महाभैरव मंदिर, तेजपुर
    • Mahabhairav Temple, Tezpur
  • 11. महामाया धाम, धुबरी जिला
    • Mahamaya Dham, Dhubri district
  • 12. शिव डोल, डरगाँव में नेगेटिंग
    • Negheriting Shiva Doul, Dergaon
  • 13. रंगनाथ डोल
    • Rangnath Dol
  • 14. शिवसागर शिवदोल
    • Sivasagar Sivadol
  • 15. ताम्रसारी मंदिर
    • Tamresari Temple

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बिहार के हिंदू मंदिरों की लिस्ट


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बिहार – Bihar

  • 1. आमी मंदिर
    • Aami Mandir
  • 2. बाबा मुक्तेश्वरनाथ धाम, देवहर
    • Baba Mukteshwarnath Dham, Deohar
  • 3. बाबा गरीब चरण मंदिर
    • Baba Garib Sthan Mandir
  • 4. बैथकजी हाजीपुर
    • Baithakji Hajipur
  • 5. बारी संगत बिहार
    • Bari Sangat Bihar
  • 6. बुधि माई
    • Budhi Mai
  • 7. बुरहनाथ मंदिर
    • Burhanath temple
  • 8. माँ तारा चंडी मंदिर
    • Maa Tara Chandi Temple
  • 9. चंडिका चरण, मुंगेर
    • Chandika Sthan, Munger
  • 10. इस्कॉन मंदिर पटना
    • ISKCON Temple Patna
  • 11. कपिलेश्वर मंदिर
    • Kapileshwar Temple
  • 12. खुद्नेश्वर अस्थान मोरवा
    • Khudneshwar Asthan Morwa
  • 13. लालकेश्वर शिव मंदिर, बागमुशा, हाजीपुर
    • Lal Keshwar Shiv Temple, Bagmusha, Hajipur
  • 14. महावीर हनुमान मंदिर, पटना
    • Mahavir Hanuman Temple, Patna
  • 15. मंगला गौरी मंदिर
    • Mangla Gauri Temple
  • 16. मुंडेश्वरी मंदिर
    • Mundeshwari Temple
  • 17. पातालेश्वर मंदिर, हाजीपुर
    • Pataleshwar Mandir, Hajipur
  • 18. पाटन देवी
    • Patan Devi
  • 19. पारसमणिनाथ मंदिर
    • Parasmaninath Temple
  • 20. रामचौरा मंदिर, हाजीपुर
    • Ramchaura Mandir, Hajipur
  • 21. शीतला माता मंदिर, पटना
    • Shitla Mata Temple, Patna
  • 22. श्री आदिनाथ अखाड़ा
    • Shri Adinath Akhara
  • 23. सीता कुंड
    • Sita Kund
  • 24. उगना महादेव, भवानीपुर
    • Ugna Mahadev, Bhawanipur
  • 25. विराट रामायण मंदिर
    • Viraat Ramayan Mandir
  • 26. विष्णुधाम मंदिर
    • Vishnudham Mandir
  • 27. विष्णुपद मंदिर, गया
    • Vishnupad Temple, Gaya

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छत्तीसगढ़ के हिंदू मंदिरों की लिस्ट


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छत्तीसगढ़ – Chhattisgarh

  • 1. अष्टभुजी मंदिर
    • Ashtabhuji Temple
  • 2. बंबलेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़
    • Bambleshwari Temple, Dongargarh
  • 3. बरफनी धाम
    • Barfani Dham
  • 4. भोरमदेव मंदिर, कवर्धा
    • Bhoramdeo Temple, Kawardha
  • 5. दंतेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा
    • Danteshwari Temple, Dantewada
  • 6. दूधाधारी मंदिर
    • Dudhadhari Temple
  • 7. गंगा मैया
    • Ganga Maiya
  • 8. माँ बागेश्वरी देवी मंदिर, कुदरगढ़, सूरजपुर
    • Maa Bagheshwari Devi Temple, Kudargarh, Surajpur
  • 9. माँ पीताम्बरा (बगलामुखी) मंदिर – अमलेश्वर
    • Maa Pitambara (Bagalamukhi) Temple – Amleshwar
  • 10. महादेव मंदिर, देवबलोदा – देवबलोदा, दुर्ग
    • Mahadev Temple, Deobaloda – Deobaloda, Durg
  • 11. महामाया मंदिर, अंबिकापुर, सुरगुजा
    • Mahamaya Temple, Ambikapur, Surguja
  • 12. महामाया मंदिर, रतनपुर, बिलासपुर
    • Mahamaya Temple, Ratanpur, Bilaspur
  • 13. सर्वमंगला, कोरबा
    • Sarvamangla, Korba

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