Shri Ganesh Katha – Kheer


Ganesh Bhajan

गणेश जी की कथा – खीर


ॐ श्री गणेशाय नमः।

एक बार गणेश जी, भक्तों की परीक्षा लेने के लिए, एक बालक का रूप धर कर पृथ्वी लोक आते हैं।

एक चम्मच दूध और एक चुटकी चावल लेकर, लोगों के पास जाते है और उनसे दूध एवं चावल की खीर बनाने के लिए कहते हैं।

एक चुटकी चावल और थोडे से दूध की खीर बनाने की बात सुनकर, लोग उन पर हंसने लगते हैं। बहुत भटकने के बाद भी कोई खीर बनाने के लिए राज़ी नहीं होता है।


आखिर एक गांव में, एक बुढ़िया को उन पर दया आती है और वह बोलती है ला बेटा, मैं बना देती हूं खीर।

ऐसा कह कर वह एक छोटी कटोरी ले कर आती हैं। यह देख बालक बोला अरे मां, इस कटोरी से क्या होगा कोई बड़ा बर्तन लेकर आओ। बच्चे का मन रखने के लिए बुढ़िया बड़ा बर्तन ले आती हैं। अब बालक उसमें चावल और दूध उडैलता हैं।

देखते ही देखते वह बर्तन भर जाता है और उसके बाद भी चुटकी भर चावल और चम्मच भर दूध खत्म नहीं होता। बुढ़िया एक एक कर घर के सारे बर्तन ले आती हैं। सब बर्तन भर जाते है लेकिन चुटकी भर चावल और चम्मच भर दूध खत्म नहीं होता।


तब बालक बुढ़िया से कहता है कि वह खीर बनाने के लिए सामग्री को चूल्हे पर चढ़ा दें तथा गांव में जाए और सबको खाना खाने का निमंत्रण देकर आए। जब खीर बन जाए तो उसे भी बुला लेना। बुढ़िया वैसा ही करती हैं।

सारा गांव आता है और खीर खाकर चला जाता है लेकिन, उसके बाद भी खीर बच जाती हैं। बुढ़िया पूछती है कि वह इसका क्या करें?

तब बालक ने कहा कि इस खीर को घर के चारों कौनों में बर्तन सहित उलट कर ढक दें और सुबह तक ऐसे ही रहने दे।


सुबह बुढ़िया बर्तन उठाकर देखती है तो हीरे जवाहरात नज़र आते हैं।

इस तरह, जैसे भगवान गणेश ने बुढ़िया पर कृपा बनाई, वैसे ही वह सब भक्तों पर कृपा बनाए रखें।

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Shri Ganesh Katha – Kheer

Ganesh Bhajans

Aao Aao Gajanan Hum Tumhe Bulate Hai – Lyrics in Hindi


आओ आओ गजानन, हम तुम्हे बुलाते है

आओ आओ गजानन,
हम तुम्हे बुलाते है॥
तुम्हे बुलाते है,
देवा हम तुम्हे बुलाते है॥

आओ आओ गजानन,
हम तुम्हे बुलाते है॥

जब जब कीर्तन करने को,
हम कहीं पे जाते है।
सबसे पहले जोर से,
गणपति वंदन गाते है॥

आओ आओ गजानन,
हम तुम्हे बुलाते है॥
तुम्हे बुलाते है,
देवा हम तुम्हे बुलाते है॥

खजराने से आओ गजानन,
लड्डुवन भोग लगाते है।
पान सुपारी और नारियल,
चरणों में चढ़ाते है॥

आओ आओ गजानन,
तुमको भोग लगाते है।
भोग लगाते है,
देवा, तुम्हे मनाते है॥

आओ आओ गजानन,
हम तुम्हे बुलाते है॥

पार्वती के पुत्र गजानन,
देवों में हो न्यारे रे।
शंकर जी के राज दुलारे,
सबकी आँख के तारे रे॥

आओ आओ गजानन,
तुमको लाड़ लड़ाते है,
लाड़ लड़ाते है,
देवा, तुम्हे बुलाते है॥

आओ आओ गजानन,
हम तुम्हे बुलाते है॥

बिच सभा में आओ गजानन,
कीर्तन तुम्हे सुनाते है।
रामायण के दोहे पढ़कर,
राम का अलख जगाते है॥

आओ आओ गजानन,
राम भजन सुनाते है,
भजन सुनाते है,
देवा, तुम्हे बुलाते है॥

आओ आओ गजानन,
हम तुम्हे बुलाते है॥


Aao Aao Gajanan Hum Tumhe Bulate Hai

Lalit Kumar


Ganesh Bhajan



Ganpati Rakho Meri Laaj – Lyrics in Hindi


गणपति राखो मेरी लाज

गणपति राखो मेरी लाज,
पुरण कीजो मेरे काज।

तू भक्तो का प्यारा है,
सबका पालन हारा है।
सुख दायक भय हारी तू,
करता मूषक सवारी तू।,

तू ही विघ्न विनाशक है,
दीन जनो का रक्षक है।
तेरा ही हम नाम जापे,
तुझको हम प्रणाम करे।


सदा रहे खुशहाल, गणपति लाल,
जो प्रथम में तुम्हे ध्याये।

रिद्धि सिद्धि के दाता, ओ भाग्यविधाता,
वो सब कुछ तुमसे पाए,।

विनती सुनलो मेरी आज,
गणपति राखो मेरी लाज॥

गणपति राखो मेरी लाज,
पुरण कीजो मेरे काज।


कभी ना टूटे आस, मेरा विश्वास,
मैं आया शरण तुम्हारी।

हे शम्भू कैलाश, प्रभु कृपाल,
तेरी है महिमा न्यारी।

तेरी दया का मैं मोहताज,
गणपति रखो मेरी लाज॥


गणपति राखो मेरी लाज,
पुरण कीजो मेरे काज।


Ganpati Rakho Meri Laaj

Anuradha Paudwal


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Gauri Ke Ladle Mahima Teri Mahan – Lyrics in Hindi


गौरी के लाड़ले, महिमा तेरी महान

गौरी के लाड़ले,
महिमा तेरी महान।
करता है सबसे पहले,
पूजा तेरी जहान॥

गौरी के लाड़ले,
महिमा तेरी महान॥


चंदन चौकी पे बिराजे,
दाता गजशिश धारी।
शीश स्वर्ण मुकुट,
गले मोतियन माला प्यारी॥

रिद्धि सिद्धि अंग संग,
छवि सबसे है न्यारी।
भोग लड्डुवन का लगे,
करे मूसे की सवारी॥

पुरे हो काम तब ही,
पहले तुम्हारा ध्यान।
गौरी के लाडले,
महिमा तेरी महान॥


माता गौरी जी के लाल,
शिव भोले के दुलारे।
रखे भक्तो की लाज,
काज बिगड़े सवारे॥

अन्न धन ज्ञान मान,
से वो भरते भंडारे।
तेरा नाम सरल,
जो भी मन से पुकारे॥

बिन मांगे भक्त पाए,
मुंह माँगा तुमसे दान।
गौरी के लाड़ले,
महिमा तेरी महान॥


करता है सबसे पहले,
पूजा तेरी जहान।
गौरी के लाडले,
महिमा तेरी महान॥

गौरी के लाड़ले,
महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले,
पूजा तेरी जहान


Gauri Ke Ladle Mahima Teri Mahan

Lakhbir Singh Lakkha


Ganesh Bhajan



Shri Ganesh Katha – Budhiya aur Raja


Ganesh Bhajan

गणेशजी की कथा – बुढ़िया और राजा

बहुत पुरानी बात है। एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी। वह गणेश जी की भक्त थी। लेकिन, उसकी बहु को यह पसंद नहीं था। एक दिन बहु ने पूजा स्थल पर रखी, गणेश जी की प्रतिमा को उठाकर कुएं में फेंक दिया।

बुढ़िया बहुत दुखी हुई। वह गांव छोड़ कर चली गई। रास्ते में जो भी उसे मिला, उससे वह गणेश जी की मूर्ति बनाने को कहती। उसकी किसी ने नहीं सुनी।

वह चलते चलते राजा के महल के बाहर पहुंच जाती है।

वहां देखती है कि एक कारीगर महल बना रहा हैं। बुढ़िया ने उस कारीगर से मूर्ति बनाने को कहा। लेकिन, कारीगर ने भी मना कर दिया। उसने बुढ़िया का अपमान कर उसे वहां से भगा दिया।

बुढ़िया वहां से चली जाती है, लेकिन, महल टेढ़ा हो जाता है।

कारीगर यह देखकर परेशान हो जाता है। वह इसकी वज़ह समझ नहीं पाता।

वह राजा के पास जाता है और कहता है की बुढ़िया के जाने के बाद ही महल टेढ़ा हो गया।

राजा भी गणेश जी के भक्त थे।

वह अपने सेवकों से बुढ़िया को महल में बुलवाते है, और कहते हैं कि मैं तुम्हारे लिए गणेश जी का मन्दिर बनवाउंगा।

राजा ने गणेश जी का मन्दिर बनवा दिया।

मंदिर के बनते ही राजा का महल सीधा हो गया।

इस तरह, जैसे भगवान गणेश ने राजा और बुढ़िया पर कृपा बनाई, वैसे ही वह सब भक्तों पर कृपा बनाए रखें।

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Shri Ganesh Katha – Budhiya aur Raja

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Ashtavinayak Ganpati


अष्टविनायक दर्शन


अष्टविनायक महाराष्ट्र में स्थित श्री गणेश के आठ मंदिरों को कहा जाता है और ये गणपतिजी के आठ शक्तिपीठ है।

अष्टविनायक मंदिरों का विशेष महत्व है क्योंकि इन मंदिरों में स्थित प्रतिमाएँ स्वयंभू है, अर्थात वहां स्वयं प्रकट हुई थी और बाद में उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया था।

वैसे तो महाराष्ट्र के हर गांव में गणपति जी के मंदिर हैं, जहां भक्तों को गणेशजी के दर्शन हो जाते हैं, किंतु स्वयंभू होने के कारण इन आठ मंदिरों का विशेष महत्व है। गणपति जी का एक नाम विनायक है, औरअष्ट मतलब आठ, इसलिए इन आठ मंदिरों को अष्टविनायक कहते हैं। अष्टविनायक के मंदिर सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

अष्टविनायक के आठ गणपति इस प्रकार है –

  1. श्री मयुरेश्वर (मोरेश्र्वर) – मोरगांव
    • Moreshwar Temple Morgaon
  2. श्री सिद्धिविनायक – सिद्धटेक
    • Siddhivinayak Temple Siddhatek
  3. श्री बल्लाळेश्वर – पाली
    • Ballaleshwar Temple Pali
  4. श्री वरदविनायक – महड
    • Varadavinayak Temple, Mahad
  5. श्री चिंतामणी – थेऊर
    • Chintamani Temple, Theur
  6. श्री गिरिजात्मज – लेण्याद्री
    • Girijatmaj Temple, Lenyadri
  7. श्री विघ्नेश्र्वर – ओझर
    • Vighneshwar Temple, Ozar
  8. श्री महागणपती – रांजणगाव
    • Mahaganapati Temple, Ranjangaon

अष्टविनायक के आठों मंदिर पश्चिम महाराष्ट्र में ही स्थित है, इसलिए अष्टविनायक की पूरी यात्रा डेढ़ से दो दिनों में पूरी की जा सकती है। आठ मंदिरों में से पांच मंदिर पुणे जिले में है, दो मंदिर रायगढ़ जिले में और एक मंदिर अहमदनगर जिले में है।

पुणे जिले के पांच मंदिर है –
श्री मयुरेश्वर (मोरेश्र्वर) – मोरगांव
श्री चिंतामणी – थेऊर
श्री गिरिजात्मज – लेण्याद्री
श्री विघ्नेश्र्वर – ओझर
श्री महागणपती – रांजणगाव

रायगढ़ जिले के दो मंदिर है –
श्री बल्लाळेश्वर – पाली
श्री वरदविनायक – महड

अहमदनगर जिले का एक मंदिर है –
श्री सिद्धिविनायक – सिद्धटेक

श्री मयुरेश्वर (मोरेश्र्वर) – मोरगांव

Moreshwar Temple, Morgaon

अष्टविनायक के पहले गणपति मोरगांव के मयूरेश्वर है। इन्हें मोरेश्वर भी कहा जाता है। मयूरेश्वर गणपति जी का यह स्वयंभू आद्यस्थान हैं।

ऐसा कहा जाता है कि, हर घर में गाए जाने वाली, सुखकर्ता दुखहर्ता आरती, श्री समर्थ रामदास स्वामी ने, इसी मंदिर में पहली बार गाई थी।

मोरगांव, पुणे सोलापूर महामार्ग पर, पुणे से 70 किलोमीटर दूर, कऱ्हा नदी के तट पर है। यह बारामती तालुका में आता है, और बारामती से 35 किलोमीटर दूर है।

मंदिर के चारों तरफ 50 फुट ऊंची पत्थर की दीवारें हैं, और चारों कोनों में मीनारें हैं। मंदिर के चार द्वार है, जिन्हें चार युग, सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग का प्रतीक माना जाता हैं। मंदिर पर बहुत सुंदर नक्काशी की गई है।

कहां जाता है कि गणेशजी ने मोर पर सवार होकर, इस स्थान पर सिंधु नामक असुर का वध किया था। इसलिए उन्हें यहां मयूरेश्वर कहा जाता है।

महाद्वार के सामने गणपति जी की ओर मुंह करके बैठे हुए नंदी (शिवजी का वाहन) की भी मूर्ति है। नंदी की मूर्ति आमतौर पर शिवजी के मंदिरों में दिखाई देती है, किंतु यहां मयूरेश्वर भगवान के मंदिर में भी दरवाजे पर नंदी की मूर्ति है।

मुख्य द्वार के सामने पत्थर का कछुआ है। मूर्ति के सामने मूषक और मयूर है।

मंदिर के अन्दर मयूरेश्वर जी की अत्यंत आकर्षक मूर्ति है। मूर्ति बैठी हुई है और उनकी सूंड बाई ओर है। इस मूर्ति की तीन आंखें हैं। आंखों में और नाभि में चमकीले हीरे है। सिर पर नागराज का फन है। मूर्ति के ऊपर चंदेरी रंग की छत है।

मयूरेश्वर जी की त्रिकाल पूजा होती है। प्रातः 5:00 बजे प्रक्षाल पूजा होती है। सुबह 7:00 बजे और दोपहर के 12:00 बजे षोडशोपचार पूजा होती है। और रात के 8:00 बजे पंचोपचार पूजा होती है।

श्री सिद्धिविनायक – सिद्धटेक

Siddhivinayak Temple, Siddhatek

सिद्धटेक के श्री सिद्धिविनायक अष्टविनायक में दूसरे गणपति हैं।

सिद्ध टेक अहमदनगर जिले में कर्जत तालुका में आता है और यह गाँव भीमा नदी के तट पर है। अष्टविनायक यात्रा में भक्त लोग मोरगांव में श्री मयूरेश्वर के दर्शन के बाद सिद्धटेक श्री सिद्धिविनायक आते हैं।

अष्टविनायक में सिर्फ सिद्धटेक के श्री सिद्धिविनायक जी की ही सूंड सीधे हाथ की ओर अर्थात दाई ओर है।

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु, मधु और कैटभ नामक असुरों से से कई वर्षों तक लड़ते रहे। तब शिव जी ने उन्हें गणपति जी की आराधना के लिए कहा। इसी स्थान पर भगवान विष्णु ने गणपति जी की आराधना की और मधु और कैटभ का वध किया।

श्री सिद्धिविनायक जी के मंदिर के पास के टीले पर श्री विष्णु जी का मंदिर है। श्री सिद्धिविनायक जी की स्वयंभू मूर्ति तीन फीट ऊंची और ढाई फीट चौड़ी है। श्री सिद्धिविनायक जी का मंदिर टीले पर उत्तराभिमुख मंदिर है। इसे पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर जी ने बनवाया था। मंदिर की एक प्रदक्षिणा एक किलोमीटर की है।

श्री बल्लाळेश्वर – पाली

Ballaleshwar Temple, Pali

अष्टविनायक के तीसरे गणपती पाली के बल्लाळेश्र्वर है। अष्टविनायक में बल्लालेश्वर ही एक ऐसे गणपति है, जो भक्त के नाम से जाने जाते हैं। बल्‍लाल नाम का गणपति का एक महान भक्त था। पाली के मंदिर का नाम गणेश जी के इसी भक्‍त के नाम पर रखा गया है।

श्री वरदविनायक – महड

Varadavinayak Temple, Mahad

अष्टविनायक के चौथे गणपती महड के श्री वरदविनायक है। यह मंदिर रायगढ़ जिले के महाद गाँव में स्थित है।

गणपतिजी यहाँ वरदविनायकके रूप में अर्थात समृद्धि और यश देनेवाले के रूप में रहते है। वरदविनायक जी भक्तों की सभी कामनाएं पूरी करते है।

श्री वरदविनायकजी के मंदिर में भक्त गर्भगृह मूर्ति के पास जाकर पूजा कर सकते है।

श्री चिंतामणी – थेऊर

Chintamani Temple, Theur

अष्टविनायक के पांचवे गणपती थेऊर के श्री चिंतामणी है। यह मंदिर पुणे जिले के थेऊर गाँव में स्थित है।

श्री चिंतामणी जी का मंदिर थेऊर गांव में तीन नदियों भीम, मुला और मुथा के संगम पर स्‍थित है।

श्री गिरिजात्मज – लेण्याद्री

Girijatmaj Temple, Lenyadri

अष्टविनायक के छठे गणपती लेण्याद्री के श्री गिरिजात्मज है। यह मंदिर पुणे जिले के लेण्याद्री गाँव में स्थित है।

श्री विघ्नेश्र्वर – ओझर

Vighneshwar Temple, Ozar

अष्टविनायक के सातवे गणपती ओझर के श्री विघ्नेश्र्वर है। यह मंदिर पुणे जिले के ओझर गाँव में स्थित है।

श्री महागणपती – रांजणगाव

Mahaganapati Temple, Ranjangaon

अष्टविनायक के आठवे गणपती रांजणगाव के श्री महागणपती है। यह मंदिर पुणे जिले के रांजणगाव गाँव में स्थित है।

Ashtavinayak Darshan

https://www.youtube.com/watch?v=rD0mExK1d-Y

Ganesh Bhajans

Mere Ghar Mein Padhaaro Pyaare Ganapatiji – Lyrics in Hindi


मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी

विघ्नहरण, मंगल करण,
गौरी सुत गणराज।
मैं लिया आसरा आपका प्रभु,
रखो मेरी लाज॥


मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी।
मेरे आंगन पधारो प्यारे गजाननजी।
गणपतिजी ओ प्यारे गजाननजी॥

मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी।
मेरे आंगन पधारो प्यारे गजाननजी॥


शिव शंकर के राज दुलारे,
पार्वती के प्यारे।
सबसे पहले सुमिरन करू,
हर लो विघ्न हमारे॥

विघ्न विनाशक मेरे गणपतिजी।
विघ्न विनाशक मेरे गजाननजी॥

मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी।
मेरे आंगन पधारो प्यारे गजाननजी॥


लम्बोदर, गजवदन, विनायक,
चार भुजा धारी।
माथे केसर तिलक विराजे,
मूसे की सवारी॥

दर्शन दीजिये मेरे गणपतिजी।
ऋद्धि सिद्धि संग लाना गजाननजी॥

मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी।
मेरे आंगन पधारो प्यारे गजाननजी॥


गणपति बप्पा मोरया की,
जयजयकार होती।
घर घर तेरी पूजा होती,
घर घर तुझे बुलाते॥

सिद्धिविनायक मेरे गणपतिजी।
अष्टविनायक मेरे गजाननजी॥


मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी।
मेरे आंगन पधारो प्यारे गजाननजी।
गणपतिजी ओ प्यारे गजाननजी॥

मेरे घर में पधारो प्यारे गणपतिजी।
मेरे आंगन पधारो प्यारे गजाननजी॥


Mere Ghar Mein Padhaaro Pyaare Ganapatiji

Dinesh Sharma


Ganesh Bhajan



Ganesh Sharanam Sharanam Ganesha – Lyrics in Hindi


गणेश शरणम, शरणम गणेशा

गणेश शरणम, शरणम गणेशा
गणेश शरणम, शरणम गणेशा


सिद्धि विनायक, शरणम गणेशा
बुद्धि प्रदायक, शरणम गणेशा

गणेश शरणम, शरणम गणेशा
गणेश शरणम, शरणम गणेशा


मंगल मूर्ति, शरणम गणेशा
गणेश शरणम, शरणम गणेशा
गणेश शरणम, शरणम गणेशा

वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्य कोटी समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

ॐ गं गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः।
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया॥


Ganesh Sharanam, Sharanam Ganesha


Ganesh Bhajan



Deva O Deva, Ganpati Deva – Lyrics in Hindi


देवा हो देवा, गणपति देवा

गणपति बाप्पा मोरया,
मंगल मूर्ती मोरया
मोरया रे, बाप्पा मोरया रे

देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन

और तुम्हारे भक्तजनों में,
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन

देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन


अद्भुत रूप ये काया भारी,
महिमा बड़ी है दर्शन की
प्रभु महिमा बड़ी है दर्शन की

बिन मांगे पूरी हो जाए,
जो भी इच्छा हो मन की
प्रभु जो भी इच्छा हो मन की

गणपति बाप्पा मोरया,
मंगल मूर्ती मोरया
देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन

और तुम्हारे भक्तजनों में,
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन


छोटी सी आशा लाया हूँ
छोटे से मन में दाता
इस छोटे से मन में दाता

माँगने सब आते हैं
पहले सच्चा भक्त ही है पाता
सच्चा भक्त ही है पाता

देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन

और तुम्हारे भक्तजनों में,
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन


भक्तों की इस भीड़ में
ऐसे बगुला भगत भी मिलते हैं
हाँ बगुला भगत भी मिलते हैं

भेस बदल कर के भक्तों का
जो भगवान को छलते हैं
अरे जो भगवान को छलते हैं

गणपति बाप्पा मोरया,
मंगल मूर्ती मोरया
देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन

और तुम्हारे भक्तजनों में,
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन


एक डाल के फूलों का भी
अलग अलग है भाग्य रहा
प्रभु अलग अलग है भाग्य रहा

दिल में रखना दर उसका
मत भूल विधाता जाग रहा
मत भूल विधाता जाग रहा

गणपति बाप्पा मोरया,
मंगल मूर्ती मोरया
देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन

और तुम्हारे भक्तजनों में,
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन


देवा हो देवा, गणपति देवा,
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन


Deva O Deva, Ganpati Deva


Ganesh Bhajan



Mere Ganpati Beda Paar Karo – Lyrics in Hindi


मेरे गणपति बेडा पार करो

ओम गजाननाम, ओम गजाननाम
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम

मेरे गणपति बेडा पार करो,
रस भक्ति का हर बार भरो।
मन मंदिर पावन हो जाये
मुझे मे ऐसा ही ज्ञान भरो॥

मेरे गणपति बेडा पार करो
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम


तुमने ही सृष्टि सजाई है
जन जन की कलि खिलाई है।
सुख दुःख में तुम्ही सहायक हो
विघ्नेश तुम्ही विनायक हो।

मै जय जयकार करूँ तेरी,
पथ मेरा कुछ आसान करो॥

मेरे गणपति बेडा पार करो
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम


मुझे और सहारा कोई नहीं
तुम स्वामी हो, तुम दाता हो।
मेरे बिगड़ी किस्मत के गणपति
बस तुम ही एक विधाता हो।
जग की चिंता हरने वाले
अब मेरा भी उद्धार करो॥

मेरे गणपति बेडा पार करो
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम


मेरे गणपति बेडा पार करो
रस भक्ति का हर बार भरो।
मन मंदिर पावन हो जाये
मुझे मे ऐसा ही ज्ञान भरो॥

मेरे गणपति बेडा पार करो
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम
ओम गजाननाम, ओम गजाननाम


Mere Ganpati Beda Paar Karo

Anuradha Paudwal


Ganesh Bhajan