Sweekar Karo Jagadambe Maa Meri Aarti – Lyrics in Hindi


स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती

स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती।
स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती॥

भक्ति ना जानू, पल पल तुमको पुकारती,
स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती।


सांसो का धागा आशा की माला,
नैनो के दीपक में प्यार मैने डाला।
पाने को ममता, पाने को ममता,
तेरी ओर नज़रें निहारती॥

स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती।


हीरे ना लाए, मोती ना लाए,
खाली हाथों ही द्वार तेरे आए।
ज्योति अखंड तेरी, ज्योति अखंड तेरी,
सबके ही जीवन संवारती ॥

स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती।


झोली भर भर जाते हैं बादल,
कम नहीं होता है सागर का जल।
सबकी भरे झोली, सबकी भरे झोली,
पार सभी को उतारती॥

स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती।


भक्ति ना जानू, पल पल तुमको पुकारती।
स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती॥

स्वीकार करो जगदम्बे माँ, मेरी आरती।


Sweekar Karo Jagadambe Maa Meri Aarti

Alka Yagnik | Kumar Sanu


Durga Bhajan



Navdurga – Katyayani Devi – (Katha, Mantra, Mahima, Stuti)


Durga Bhajan

कात्यायनी देवी – माँ दुर्गा का छठवां रूप


For Navdurga – Nine forms of Goddess Durga, Click >> नवदुर्गा – माँ दुर्गा के नौ रुप

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥

माँ दुर्गा के छठवें स्वरूप का नाम कात्यायनी है। दुर्गापूजाके छठवें दिन इनके स्वरूपकी उपासना की जाती है।

Katyayani- Navdurga

कात्यायनी देवी की कथा

कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे।

इन्होंने भगवती की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली।

कुछ समय पश्चात जब महिषासुर दानवका अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया।

महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी देवी कहलाईं।

माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी ऐसी भी एक कथा मिलती है। देवी महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।

माँ कात्यायनी का स्वरुप

माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर (ज्योर्तिमय, प्रकाशमान) है।

Katyayani- Maa Durga

इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है।

बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है।

माँ कात्यायिनी की उपासना

नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना का दिन होता है।

उस दिन साधक का मन ‘आज्ञा’ चक्र में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है।

परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं। इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है।

माँ कात्यायनी की महिमा

इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं।

माँ कात्यायनी अमोघ (जो निष्फल, निरर्थक या व्यर्थ न हो) फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।


माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।

माँ को जो सच्चे मन से याद करता है उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। जन्म-जन्मांतर के पापों को विनष्ट करने के लिए माँ की शरणागत होकर उनकी पूजा-उपासना के लिए तत्पर होना चाहिए।

देवी का मंत्र

Katyayani Devi Mantra (माँ कात्यायिनी का मंत्र)

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है (या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ)।


चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभ दद्याद्देवी दानवघातिनी॥


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कात्यायनी देवी की स्तुति


नवरात्रि का छठा है यह
माँ कात्यायनी रूप।
कलयुग में शक्ति बनी
दुर्गा मोक्ष स्वरूप॥

कात्यायन ऋषि पे किया
माँ ऐसा उपकार।
पुत्री बनकर आ गयी,
शक्ति अनोखी धार॥

देवों की रक्षा करी,
लिया तभी अवतार।
बृज मंडल में हो रही,
आपकी जय जय कार॥

गोपी ग्वाले आराधा,
जब जब हुए उदास।
मन की बात सुनाने को
आए आपके पास॥

श्रीकृष्ण ने भी जपा,
अम्बे आपका नाम।
दया दृष्टि मुझपर करो
बारम्बार प्रणाम॥

नवरात्रों की माँ
कृपा करदो माँ।
नवरात्रों की माँ
कृपा करदो माँ॥

जय कात्यायनी माँ।
जय जय कात्यायनी माँ॥

Navdurga - Katyayani Devi
Navdurga – Katyayani Devi

Durga Bhajans

Navdurga – Katyayani Devi

Anuradha Paduwal

Navdurga – Katyayani Devi

Navaraatri ka chhatha hai yah
maan kaatyaayani roop.
Kalayug mein shakti bani
durga moksh swaroop.

Kaatyaayan rishi pe kiya
maan aisa upakaar.
Putri ban kar aa gayi,
shakti anokhi dhaar.

Devon ki raksha kari,
liya tabhi avataar.
Brj mandal mein ho rahi,
aapaki jay jay kaar.

Gopi gvaale aaraadha,
jab jab huye udaas.
Man ki baat sunaane ko
aaye aapake paas.

Shri Krishna ne bhi japa,
ambe aap ka naam.
Daya drshti mujh par karo
baarambaar pranaam.

Navaraatro ki maa
krpa karado maa.
Navaraatro ki maa
kripa karado maa.

Jay Kaatyaayani maa.
Jay jay Katyayani maa.

Navdurga - Katyayani Devi
Navdurga – Katyayani Devi

Navaraatri ka chhatha hai yah
maan kaatyaayani roop.
Kalayug mein shakti bani
durga moksh swaroop.

Durga Bhajans

Navdurga – Maa Kaalratri – (Katha, Mantra, Mahima, Stuti)


Durga Bhajan

माँ कालरात्रि – माँ दुर्गा का सातवां रूप


For Navdurga – Nine forms of Goddess Durga, Click >> नवदुर्गा – माँ दुर्गा के नौ रुप

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता,
लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त-शरीरिणी।
वामपादोल्ल-सल्लोह-लता-कण्टक-भूषणा,
वर्धन-मूर्ध-ध्वजा कृष्णा कालरात्रि-र्भयङ्करी॥

माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। नवरात्रि का सातवां दिन माँ कालरात्रि की उपासना का दिन होता है।

माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसलिए देविका एक नाम ‘शुभंकारी’ भी है।

Kaalratri- Navdurga

माँ कालरात्रि का स्वरुप

कालरात्रि देवीके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के सदृश गोल हैं। इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं (निकलती रहती हैं)

Kaalratri- Maa Durga

ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है।

माँ की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ (गदहा) है।

माँ कालरात्रि देवी का रूप देखने में अत्यंत भयानक है, किन्तु माता का यह शक्ति रूप साधक को सदैव शुभ फल देता हैं। इसिलिए माँ के इस रूप को  ‘शुभंकारी’ भी कहते है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।

माँ कालरात्रि की उपासना

इस दिन साधक का मन ‘सहस्रार’ चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है।

Chakra - 7

सहस्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः माँ कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य का वह भागी हो जाता है। उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है। उसे अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है।

माँ कालरात्रि की महिमा

माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासकों को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है।

इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है, तेज बढ़ता है। माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए। यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन, वचन, काया की पवित्रता रखनी चाहिए।

माँ कालरात्रि शुभंकारी देवी हैं। उनकी उपासना से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती। हमें निरंतर उनका स्मरण, ध्यान और पूजा करना चाहिए।

Kaalratri Devi Mantra (माँ कालरात्रि का मंत्र)

या देवी सर्वभू‍तेषु
माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नम:॥

अर्थ: हे माँ, सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है (मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ)। हे माँ, मुझे पाप से मुक्ति प्रदान कर।

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता,
लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त-शरीरिणी।
वामपादोल्ल-सल्लोह-लता-कण्टक-भूषणा,
वर्धन-मूर्ध-ध्वजा कृष्णा कालरात्रि-र्भयङ्करी॥

माँ कालरात्रि की स्तुति


सातवाँ जब नवरात्र हो,
आनंद ही छा जाता।
अन्धकार सा रूप ले,
पुजती हो माता॥

गले में विद्युत माला है,
तीन नेत्र प्रगटाती।
धरती क्रोधित रूप माँ,
चैन नहीं वो पाती॥

गर्दभ पर विराज कर,
पाप का बोझ उठाती।
धर्म की रखती मर्यादा,
विचलित सी हो जाती॥

भूत प्रेत को दूर कर,
निर्भयता है लाती।
योगिनिओं को साथ ले,
धीरज वो दिलवाती॥

शक्ति पाने के लिए,
तांत्रिक धरते ध्यान।
मेरे जीवन में भी दो,
हलकी सी मुस्कान॥

नवरात्रों की माँ,
कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ,
कृपा कर दो माँ॥

जय माँ कालरात्रि।
जय माँ कालरात्रि॥

Navdurga - Maa Kaalratri
Navdurga – Maa Kaalratri

सातवाँ जब नवरात्र हो,
आनंद ही छा जाता।
अन्धकार सा रूप ले,
पुजती हो माता॥

Durga Bhajans

Navdurga – Maa Kaalratri

Anuradha Paudwal

Navdurga – Maa Kaalratri

Saatavaa jab navaraatra ho,
aanand hee chha jaata.
Andhakaar sa roop le,
pujatee ho maata.

Gale mein vidyut maala hai,
teen netra pragataati.
Dharati krodhit roop maan,
chain nahin vo paati.

Gardabh par viraaj kar,
paap ka bojh uthaatee.
Dharm ki rakhati maryaada,
vichalit see ho jaati.

Bhoot pret ko door kar,
nirbhayata hai laati.
Yoginion ko saath le,
dheeraj vo deel vaati.

Shakti paane ke liye,
taantrik dharate dhyaan.
Mere jeevan mein bhee do,
halakee see muskaan.

Navaraatro ki maa,
kripa kar do maan.
Navaraatro ki maa,
krpa kar do maa.

Jay maa kaalaraatri.
Jay maa kaalaraatri.

Navdurga - Maa Kaalratri
Navdurga – Maa Kaalratri

Saatavaa jab navaraatra ho,
aanand hee chha jaata.
Andhakaar sa roop le,
pujatee ho maata.

Durga Bhajans

De Maa, Nij Charno Ka Pyar – Lyrics in English


De Maa, Nij Charno Ka Pyar

Jai Jai Maa, Jai Maa
Jai Jai Maa, Jai Maa

De maa, nij charno ka pyar
De maa, nij charno ka pyar

Jai Jai Maa, Jai Maa
Jai Jai Maa, Jai Maa


Poorna prem de, amar sneh de,
divya shaanti de, anand bhi de.

Pooja karoo sada main teri,
puja karoo sada main teri,
de sumiran ka aadhaar.

De maa, nij charno ka pyar
De maa, nij charno ka pyar

Jai Jai Maa, Jai Maa
Jai Jai Maa, Jai Maa


Tujh ko jaanoo, tujh ko maanoo,
tujh par hi nij jivan vaaroo.

Dhyaan rahe tera hi nis-din,
dhyaan rahe tera hi nis-din,
de bhakti ka upahaar.

De maa, nij charno ka pyar
De maa, nij charno ka pyar

Jai Jai Maa, Jai Maa
Jai Jai Maa, Jai Maa


Hriday abhipsa se jaagrat ho,
abhay hast mere sir par ho.

Divya prem se ot prot ho,
divy prem se ot prot ho,
jivan ka paaraavaar.

De maa, nij charno ka pyar
De maa, nij charno ka pyar

Jai Jai Maa, Jai Maa
Jai Jai Maa, Jai Maa


De Maa, Nij Charno Ka Pyar

Jagjit Singh


Durga Bhajan



 

De Maa, Nij Charno Ka Pyar – Lyrics in Hindi


दे माँ, निज चरणों का प्यार

जय जय माँ, जय माँ
जय जय माँ, जय माँ

दे माँ, निज चरणों का प्यार
दे माँ, निज चरणों का प्यार

जय जय माँ, जय माँ
जय जय माँ, जय माँ


पूर्ण प्रेम दे, अमर स्नेह दे,
दिव्य शान्ति दे, आनन्द भी दे।

पूजा करूँ सदा मैं तेरी,
पूजा करूँ सदा मैं तेरी,
दे सुमिरन का आधार॥

दे माँ, निज चरणों का प्यार
दे माँ, निज चरणों का प्यार

जय जय माँ, जय माँ
जय जय माँ, जय माँ


तुझ को जानूँ, तुझ को मानूँ,
तुझ पर ही निज जीवन वारूँ।

ध्यान रहे तेरा ही निस-दिन,
ध्यान रहे तेरा ही निस-दिन,
दे भक्ति का उपहार॥

दे माँ, निज चरणों का प्यार
दे माँ, निज चरणों का प्यार

जय जय माँ, जय माँ
जय जय माँ, जय माँ


हृदय अभीप्सा से जाग्रत हो,
अभय हस्त मेरे सिर पर हो।

दिव्य प्रेम से ओत प्रोत हो,
दिव्य प्रेम से ओत प्रोत हो,
जीवन का पारावार॥

दे माँ, निज चरणों का प्यार
दे माँ, निज चरणों का प्यार

जय जय माँ, जय माँ
जय जय माँ, जय माँ


De Maa, Nij Charno Ka Pyar

Jagjit Singh


Durga Bhajan



 

Aa Darsh Dikha De Meri Maa – Lyrics in English


Aa Darsh Dikha De Meri Maa

Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.

Tujhe ro ro pukaare mere nain,
tujhe tere laal bulaate hai.

Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.


Aankhon ke aansoo sookh chuke maa,
ab too darash dikha de.

Kab se khada maa dar pe tere,
man ki too pyaas bujha de.

Teri lila niraali meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.

Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.


Beech bhanvar mein naiya padi maa,
aakar too paar lagaade.

Tere siva maa koi nahin hai,
aakar too gale se laga le.

Kyoon der lagai meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.

Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.


Doob raha hai sukh ka sooraj,
gam ki badariya hai chhai.

Ujad gayi bagiya jivan ki,
man ki kali murajhai.

Kare vinati ye sevak maa,
tujhe tere laal bulaate hai.

Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.


Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.

Tujhe ro ro pukaare mere nain,
tujhe tere laal bulaate hai.

Aa darash dikha de meri maa,
tujhe tere laal bulaate hai.


Aa Darsh Dikha De Meri Maa

Aa Darsh Dikha De Meri Maa

Durga Bhajan



Aa Darsh Dikha De Meri Maa – Lyrics in Hindi


आ दरश दिखा दे मेरी माँ

आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन, तुझे तेरे लाल बुलाते है।

आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥


आँखों के आंसू सूख चुके माँ, अब तू दरश दिखा दे।
कब से खड़ा माँ दर पे तेरे, मन की तू प्यास बुझा दे।

तेरी लीला निराली मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥


बीच भंवर में नैया पड़ी माँ, आकर तू पार लगादे।
तेरे सिवा माँ कोई नहीं है, आकर तू गले से लगा ले।

क्यूँ देर लगाई मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥


डूब रहा है सुख का सूरज, गम की बदरिया है छाई।
उजड़ गयी बगिया जीवन की, मन की कली मुरझाई।

करे विनती ये सेवक माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥


आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन, तुझे तेरे लाल बुलाते है।

आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥


Aa Darsh Dikha De Meri Maa

Aa Darsh Dikha De Meri Maa


Durga Bhajan



Devi Suktam – Ya Devi Sarva Bhuteshu


सम्पूर्ण देवी सूक्तम् – या देवी सर्वभूतेषु

देवी महात्म्यम् के पाठ के बाद देवी सूक्तम् का भी पाठ किया जाता है।
नमो देव्यै महादेव्यै
शिवायै सततम् नमः।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै
नियताः प्रणताः स्मताम्॥

रौद्रायै नमो नित्यायै
गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।
ज्योत्स्नायै च इन्दुरूपिण्यै
सुखायै सततम् नमः॥


कल्याण्यै प्रणताम् वृद्ध्यै
सिद्ध्यै कुर्मो नमो नमः।
नैर्ऋत्यै भूभृताम् लक्ष्म्यै
शर्वाण्यै ते नमो नमः॥

दुर्गायै दुर्गपारायै
सारायै सर्व कारिण्यै।
ख्यात्यै तथैव कृष्णायै
धूम्रायै सततम् नमः॥

अति सौम्याति रौद्रायै
नताः तस्यै नमो नमः।
नमो जगत् प्रतिष्ठायै
देव्यै कृत्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
विष्णु मायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥
(नमस्तस्यै – नमः तस्यै, नमस् तस्यै)

या देवी सर्वभूतेषू
चेतनेत्यभि-धीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
बुद्धि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
निद्रा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
क्षुधा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

यादेवी सर्वभूतेषू
छाया रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
तृष्णा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
क्षान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
जाति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
लज्जा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
शान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
श्रद्धा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
वृत्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
स्मृति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
दया रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू
तुष्टि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
मातृ रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू
भ्रान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


इन्द्रियाणाम् अधिष्ठात्री
भूतानाम् च अखिलेषु या।
भूतेषु सततम् तस्यै
व्याप्ति देव्यै नमो नमः॥

चिति रूपेण या कृत्स्नम-एतद्
व्याप्त स्थिता जगत्।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥


स्तुता सुरैः पूर्वम् अभीष्ट संश्रयात्
तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता।
करोतु सा नः शुभहेतुः ईश्वरी
शुभानि भद्राणि अभिहन्तु चापदः॥

या साम्प्रतम् चोद्धत दैत्य तापितैः
अस्माभिः ईशा च सुरैः नमश्यते।
या च स्मृता तत्क्षणम् एव हन्ति
नः सर्वा पदः भक्ति विनम्र मूर्त्तिभिः॥

Devi Suktam – Ya Devi Sarva Bhuteshu

Durga Bhajan List

Devi Suktam – Ya Devi Sarva Bhuteshu

Namo Devyai Mahaadevyai
Shivayai satatam namah
Namah Prakrityai Bhadraayai
Niyataah Pranataah sma-taam||

Raudrayai namo nityaayai
Gauryai Dhaatrayai namo namah,
Jyotsnaayai cha Induroopinyai
Sukhaayai satatam namah||


Kalyaanai Pranataam Vriddhayai
Siddhai Kurmo namo namah
Nairityai Bhoobhritaam Lakshmyai
Sharvaanyai te namo namah||

Durgayai Durg-parayai
Sarayai Sarva kaarinyai
Khyaatyai tathaiva Krishnaayai
Dhoomraayai satatam namah||

Ati saumyaati raudraaye
Nataah tasyei namo namah
Namo Jagat pratishthaayai
Devyai Krityei namo namah||


Ya Devi sarva bhuteshu
Vishnu Maayeti Shabditaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarva bhuteshu
Chetanetya Bhi dhiyate
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Buddhi rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Nidra rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarva bhuteshu
Kshudhaa rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarva bhuteshu
Chhaayaa rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Shakti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Trishnaa rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Kshanti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Jaati rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha|


Ya Devi sarvabhuteshu
Lajjaa rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Shaanti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Shraddhaa rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Kaanti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Lakshmi rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Vritti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Smriti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Dayaa rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Ya Devi sarvabhuteshu
Tushti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Maatri rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||

Ya Devi sarvabhuteshu
Bhraanti rupen Sansthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Indriyaanaa Madhishthaatri
Bhootaanaam cha akhileshu ya
Bhooteshu satatam tasyai
Vyaaptidevyai namo namah||

Chitirupen ya Kritsnam-etad
vyaapta sthitaa Jagat
Namas-tasyai namas-tasyai,
namas-tasyai namo namaha||


Stutaa Suraih poorvam abheeshta samshrayaat
Tathaa Surendrena Dineshu Sevitaa |
Karotu Saa Nah Shubhahetu: eeshvari
Shubhaani Bhadraani abhihantu Chaapadah||

Yaa Saampratam Choddhata Daitya taapitaih
asmaabhih eeshaa cha surairnamasyate |
Yaa cha Smritaa tatakshanam eva Hanti Nah
Sarvaapado Bhakti vinamra moortibhihi||

Durge Durghat Bhari Tujvin Sansari – Lyrics in Marathi


दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी – दुर्गा देवी आरती

दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी।
अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी।

वारी वारी जन्म मरणांते वारी।
हारी पडलो आता संकट निवारी॥
॥जय देवी जय देवी॥


जय देवी, जय देवी, महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥
॥जय देवी, जय देवी॥


त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही।
चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही।

साही विवाद करिता पडले प्रवाही।
ते तू भक्तालागी पावसि लवलाही॥
॥जय देवी, जय देवी॥


जय देवी, जय देवी, महिषासुर-मथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥
॥जय देवी, जय देवी॥


प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा।
क्लेशांपासुनि सोडवि तोडी भवपाशा।

अम्बे तुजवाचून कोण पुरविल आशा।
नरहरी तल्लिन झाला पदपंकजलेशा॥
॥जय देवी जय देवी॥


जय देवी, जय देवी, महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥
॥जय देवी, जय देवी॥

दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी।
अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी।


Durge Durghat Bhari – Durga Devi Aarti

Sanjeevani Bhelande


Durga Bhajan



Durge Durghat Bhari Tujvin Sansari – Lyrics in English


Durge Durghat Bhari – Durga Devi Aarti

Durge durghat bhari tujvin sansari
Anaath-nathe Ambe karuna vistari

Vari vari janma maranate vari
Hari padalo aata sankat nivari

Jai Devi, Jai Devi Mahishasur-mathini
Survar ishwar varde taarak sanjivani
Jai Devi, Jai Devi

Tribhuvan bhuvani pahataa tuj aisi nahi
Chari shramale parantu na bolve kahi

Sahi vivad karita padale pravahi
Te tu bhaktalagi pavasi lavalahi
Jai Devi, Jai Devi

Jai Devi, Jai Devi Mahishasur-mathini
Survar ishwar varde taarak sanjivani
Jai Devi, Jai Devi

Prasanna vadane prasanna hosi nijadasa
Klesha-pasuni sodavi todi bhav-pasha
Ambe tujvachun kon purvil asha
Narhari tallin jhaala pada-pankaj-lesha

Jai Devi, Jai Devi Mahishasur-mathini
Survar ishwar varde taarak sanjivani
Jai Devi, Jai Devi

Durge durghat bhari tujvin sansari
Anaath-nathe Ambe karuna vistari


Durge Durghat Bhari – Durga Devi Aarti

Sanjeevani Bhelande


Durga Bhajan