Mera Aapki Kripa Se Sab Kaam Ho Raha Hai – Lyrics in Hindi


मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है

मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥


पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है।
हैरान है ज़माना, मंजिल भी मिल रही है।
करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है॥

मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥


तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है।
किसी और चीज की, अब दरकार ही नहीं है।
तेरे साथ से गुलाम, अब गुलफाम हो रहा है॥

मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥


मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं।
टूटी हुयी वाणी से, गुणगान कैसे गाऊं।
तेरी प्रेरणा से ही, सब ये कमाल हो रहा हैं॥

मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥


मुझे हर कदम कदम पर, तूने दिया सहारा।
मेरी ज़िन्दगी बदल दी, तूने करके एक इशारा।
एहसान पे तेरा ये, एहसान हो रहा है॥

मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥


तूफ़ान आंधियों में, तूने है मुझको थामा।
तुम कृष्ण बन के आए, मैं जब बना सुदामा।
तेरे करम से अब ये, सरे आम हो रहा है॥

मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥

मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है॥


Mera Aapki Kripa Se Sab Kaam Ho Raha Hai

Shri Vinod Agarwal


Krishna Bhajan



मेरा आपकी कृपा से भजन का आध्यात्मिक महत्व

मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है” एक लोकप्रिय हिंदी भजन है, जो परमात्मा के प्रति आभार व्यक्त करता है और हमें कई आध्यात्मिक संदेश देता है।

कुछ आध्यात्मिक बातें जो हमें इस भजन की पंक्तियों से मिलती हैं, वो है –

ईश्वर की कृपा

मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है।

हमें अपने जीवन में भगवान पर भरोसा करना चाहिए, सभी कार्यों में ईश्वर के प्रति आभास रखना चाहिए और उसकी कृपा के लिए हमें हमेशा आभारी रहना चाहिए।

यदि हम अपने प्रयासों में कड़ी मेहनत करते हैं और भगवान पर भरोसा करते हैं, तो अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

जब हम भगवान की कृपा पर भरोसा करते हैं, तो हम अपने जीवन में उनकी उपस्थिति को महसूस करना शुरू कर देते हैं। यह उपस्थिति हमें शक्ति, आशा और प्रेरणा प्रदान करती है।


भगवान की भक्ति

भगवानकी भक्ति से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। भगवान की पूजा और उनके नाम का जाप करके हम आनंदमय और प्रसन्न जीवन जी सकते हैं।

भगवान का नाम जप करने से हमारा मन शांत होता है और हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है। यह एक आध्यात्मिक तंत्र है जिससे हम अपने मन को शुद्ध और प्रेरित रख सकते हैं।


भगवान के सामने नम्र बने

मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं, टूटी हुयी वाणी से, गुणगान कैसे गाऊं।

अपने आप को भगवान के सामने नम्र करें। भगवान सर्वशक्तिमान हैं, और हमें उनके सामने नम्र होना चाहिए।

हमें भगवान के प्रति आभारी होना चाहिए, लेकिन साथ ही साथ यह भी याद रखना चाहिए कि हम उसके योग्य नहीं है। ईश्वर के सामने अपने स्वयं की अयोग्यता और असमर्थता को स्वीकार करना एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि उसके बाद ही हम अपने जीवन में भगवान की भूमिका को समझ पाते है।


भगवान के प्रति आभार

मुझे हर कदम कदम पर, तूने दिया सहारा, मेरी ज़िन्दगी बदल दी, तूने करके एक इशारा।

यदि हम अहंकार छोड़कर अपने कार्य करें, तो भगवान हर कदम पर हमें सहारा देते है और ज़िंदगी बदल जाती है। यदि हम ईश्वर में सच्चा विश्वास करे तो भगवान हमारे जीवन में बहुत कुछ करते हैं, और हमें उनके प्रति आभारी होना चाहिए।


Summary

मेरा आपकी कृपा से भजन आध्यात्मिकता, ईश्वर में विश्वास, और ईश्वर के प्रति प्रेम के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रकट करता है। यह सिखाता है कि भगवान की कृपा, उनके नाम का जाप, और भक्ति के माध्यम से हम मन की शांति, आत्मा की शुद्धि, और सुख की प्राप्ति कर सकते हैं।

भगवान हमारी सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं और हमें अपने जीवन में खुशी और शांति प्रदान करते हैं।


Krishna Bhajan



Madhurashtakam – Adharam Madhuram – Lyrics in Hindi with Meanings


मधुराष्टकम – अर्थ साहित – अधरं मधुरं वदनं मधुरं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।

अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।


हृदयं मधुरं गमनं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
(मधुराधिपते अखिलं मधुरम्)

वचनं मधुरं चरितं मधुरं,
वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।

चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
(मधुराधिपते अखिलं मधुरम्)


वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः,
पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ।

नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥


गीतं मधुरं पीतं मधुरं,
भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।

रूपं मधुरं तिलकं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥


करणं मधुरं तरणं मधुरं,
हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।

वमितं मधुरं शमितं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥


गुंजा मधुरा माला मधुरा,
यमुना मधुरा वीची मधुरा।

सलिलं मधुरं कमलं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥


गोपी मधुरा लीला मधुरा,
युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।

दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥


गोपा मधुरा गावो मधुरा,
यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।

दलितं मधुरं फलितं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
(मधुराधिपते अखिलं मधुरम्)


इति श्रीमद्वल्लभाचार्यविरचितं
मधुराष्टकं सम्पूर्णं।

अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।


Madhurashtakam – Adharam Madhuram


Krishna Bhajan



Madhurashtakam – Adharam Madhuram – Meaning

  • मधुर – pleasant, pleasing
  • मधुर – मनभावन, आकर्षक, सुंदर, सौम्य, मनोहर, सुहावना, प्रीतिकर, सुखकर

अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
(मधुराधिपते अखिलं मधुरम्)

अर्थ (Meaning in Hindi):

  • अधरं मधुरं – श्री कृष्ण के होंठ मधुर हैं
  • वदनं मधुरंमुख मधुर है
  • नयनं मधुरंनेत्र (ऑंखें) मधुर हैं
  • हसितं मधुरम्मुस्कान मधुर है
  • हृदयं मधुरंहृदय मधुर है
  • गमनं मधुरंचाल भी मधुर है
  • मधुराधिपतेमधुराधिपति (मधुरता के ईश्वर श्रीकृष्ण)
  • अखिलं मधुरम्सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

श्री मधुराधिपति (श्री कृष्ण) का सभी कुछ मधुर है। उनके अधर (होंठ) मधुर है, मुख मधुर है, नेत्र मधुर है, हास्य (मुस्कान) मधुर है, हृदय मधुर है और चाल (गति) भी मधुर है॥

वचनं मधुरं चरितं मधुरं,
वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
(मधुराधिपते अखिलं मधुरम्)

अर्थ (Meaning in Hindi)

  • वचनं मधुरं – भगवान श्रीकृष्ण के वचन (बोलना) मधुर है
  • चरितं मधुरंचरित्र मधुर है
  • वसनं मधुरंवस्त्र मधुर हैं
  • वलितं मधुरम् – वलय, कंगन मधुर हैं
  • चलितं मधुरंचलना मधुर है
  • भ्रमितं मधुरंभ्रमण (घूमना) मधुर है
  • मधुराधिपते – मधुरता के ईश्वर श्रीकृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

श्री मधुराधिपति (भगवन श्री कृष्ण) का सभी कुछ मधुर है। उनका बोलना (वचन) मधुर है, चरित्र मधुर है, वस्त्र मधुर है, वलय मधुर है, चाल मधुर है और घूमना (भ्रमण) भी अति मधुर है।

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः,
पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • वेणुर्मधुरो – श्री कृष्ण की वेणु मधुर है, बांसुरी मधुर है
  • रेणुर्मधुरःचरणरज मधुर है, उनको चढ़ाये हुए फूल मधुर हैं
  • पाणिर्मधुरःहाथ (करकमल) मधुर हैं
  • पादौ मधुरौचरण मधुर हैं
  • नृत्यं मधुरंनृत्य मधुर है
  • सख्यं मधुरंमित्रता मधुर है
  • मधुराधिपते – हे श्रीकृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

भगवान् कृष्ण की वेणु मधुर है, बांसुरी मधुर है चरणरज मधुर है, करकमल (हाथ) मधुर है, चरण मधुर है, नृत्य मधुर है, और सख्या (मित्रता) भी अति मधुर है। श्री मधुराधिपति कृष्ण का सभी कुछ मधुर है॥

गीतं मधुरं पीतं मधुरं,
भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥

अर्थ (Meaning in Hindi):

  • गीतं मधुरं – श्री कृष्ण के गीत मधुर हैं
  • पीतं मधुरंपीताम्बर मधुर है
  • भुक्तं मधुरंभोजन (खाना) मधुर है
  • सुप्तं मधुरम्शयन (सोना) मधुर है
  • रूपं मधुरंरूप मधुर है
  • तिलकं मधुरंतिलक (टीका) मधुर है
  • मधुराधिपते – हे भगवान् कृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

श्री मधुराधिपति कृष्ण का सभी कुछ मधुर है। उनके गीत (गान) मधुर है, पान (पीताम्बर) मधुर है, भोजन मधुर है, शयन मधुर है। उनका रूप मधुर है, और तिलक (टिका) भी अति मधुर है।

करणं मधुरं तरणं मधुरं,
हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • करणं मधुरंकार्य मधुर हैं
  • तरणं मधुरं – तारना मधुर है (दुखो से तारना, उद्धार करना)
  • हरणं मधुरं – हरण मधुर है (दुःख हरणा)
  • रमणं मधुरम्रमण मधुर है
  • वमितं मधुरंउद्धार मधुर हैं
  • शमितं मधुरंशांत रहना मधुर है
  • मधुराधिपते – हे भगवान् कृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

श्री कृष्ण, श्री मधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है। उनक कार्य मधुर है, उनका तारना, दुखो से उबरना मधुर है। दुखो का हरण मधुर है। उनका रमण मधुर है, उद्धार मधुर है और शांति भी अति मधुर है।

गुंजा मधुरा माला मधुरा,
यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥

अर्थ (Meaning in Hindi):

  • गुंजा मधुरागर्दन मधुर है
  • माला मधुरामाला भी मधुर है
  • यमुना मधुरायमुना मधुर है
  • वीची मधुरायमुना की लहरें मधुर हैं
  • सलिलं मधुरंयमुना का पानी मधुर है
  • कमलं मधुरंयमुना के कमल मधुर हैं
  • मधुराधिपते – हे भगवान् कृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

श्री कृष्ण की गुंजा मधुर है, माला भी मधुर है। यमुना मधुर है, उसकी तरंगे भी मधुर है, उसका जल मधुर है और कमल भी अति मधुर है। श्री मधुराधिपति कृष्ण का सभी कुछ मधुर है॥

गोपी मधुरा लीला मधुरा,
युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥

अर्थ (Meaning in Hindi):

  • गोपी मधुरागोपियाँ मधुर हैं
  • लीला मधुराकृष्ण की लीला मधुर है
  • युक्तं मधुरं – उनक संयोग मधुर है
  • मुक्तं मधुरम्वियोग मधुर है
  • दृष्टं मधुरंनिरिक्षण (देखना) मधुर है
  • शिष्टं मधुरंशिष्टाचार (शिष्टता) भी मधुर है
  • मधुराधिपते – हे भगवान् कृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

भावार्थ:

श्री मधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है। उनकी गोपिया मधुर है, उनकी लीला मधुर है, उनक सयोग मधुर है, वियोग मधुर है, निरिक्षण मधुर (देखना) है और शिष्टाचार भी मधुर है।

गोपा मधुरा गावो मधुरा,
यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥

अर्थ (Stotra Meaning in Hindi):

  • गोपा मधुरागोप मधुर हैं
  • गावो मधुरागायें मधुर हैं
  • यष्टिर्मधुरालकुटी (छड़ी) मधुर है
  • सृष्टिर्मधुरासृष्टि (रचना) मधुर है
  • दलितं मधुरंदलन (विनाश करना) मधुर है
  • फलितं मधुरंफल देना (वर देना) मधुर है
  • मधुराधिपते – हे भगवान् कृष्ण (मधुराधिपति)
  • अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है

Krishna Bhajan



कृष्ण भक्ति

जिनका मुख मधुर मुस्कानसे विकसित है, रत्नभूषित हाथ में सुन्दर मुरली है, गलेमें परम मनोहर मणियोंका हार हैँ, कमलके समान मुख है, जो दाता है, नवघन सदृश नीलवर्ण हैं और सुन्दर गोपकुमारोंसे घिरे हुए है, उन परमपुरुष आदिनारायण श्रीकृष्णको नमस्कार करता हूँ।

जो सुवर्णमय कमलकी माला धारण करते है, केशी और कंस आदि के काल है रणभूमिमें अति विकराल है और समस्त लोकोंके प्रतिपालक है, वे बालगोपाल मेरे ह्रदय में बसे।

सज्जनोके हितकारी, परमानंदसमूहकी वर्षा करनेवाले मेघ, लक्ष्मीनिवास नन्दनन्दन श्रीगोविन्दकी मैं वन्दना करता हूँ।

जिनकी कृपा गूँगेको को वक्ता बना देती है और अपाहिज को भी पर्वत-लाँघनेमे समर्थ कर देती है, उन परमानन्द स्वरुप माधवकी मै वन्दना करता हूँ।

कंस और चाणूरका वध करनेवाले, देवकीके आनंदवर्धन, वसुदेवनन्दन, जगद्गुरु श्रीकृष्णचन्द्रकी में वन्दना करता हूँ।

Madhurashtakam – Adharam Madhuram – Lyrics in English


Madhurashtakam – Adharam Madhuram

Adharam madhuram, vadanam madhuram,
nayanam madhuram, hasitam madhuram.

Hridayam madhuram, gamanam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.
(Madhuradhipaterakhilam madhuram.)

Vachanam madhuram, charitam madhuram,
vasanam madhuram, valitam madhuram.

Chalitam madhuram, bhramitam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Venur-madhuro, renur-madhurah,
paanir-madhurah, paadau madhurau.

Nrityam madhuram, sakhyam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Geetam madhuram, peetam madhuram,
bhuktam madhuram, suptam madhuram.

Roopam madhuram, tilakam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Karanam madhuram, taranam madhuram,
haranam madhuram, ramanam madhuram.

Vamitam madhuram, shamitam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Gunja madhura, maala madhura,
yamuna madhura, veechee madhura.

Salilam madhuram, kamalam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Gopi madhura, leela madhura,
yuktam madhuram muktam madhuram.

Drishtam madhuram, shishtam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Gopa madhura, gaavo madhura,
yashtir-madhura srishtir-madhura.

Dalitam madhuram, phalitam madhuram,
madhuradhipate akhilam madhuram.

Iti Shrimad-Vallabhacharya virachitam
Madhurashtakan sampoornam.


Madhurashtakam – Adharam Madhuram


Krishna Bhajan



Main Aarti Teri Gaun, O Keshav Kunj Bihari – Lyrics in Hindi with Meanings


मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी

मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी भजन के इस पेज में मैं आरती तेरी गाउँ के हिंदी लिरिक्स दिए गए है।

बाद में भजन का आध्यात्मिक महत्व दिया गया है, और भजन से हमें कौन कौन सी आध्यात्मिक बातें सिखने को मिलती है यह बताया गया है।


मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी।
मैं नित नित शीश नवाऊँ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी॥


है तेरी छबि अनोखी, ऐसी ना दूजी देखी।
तुझ सा ना सुन्दर कोई, ओ मोर मुकुटधारी॥
मैं आरती तेरी गाउँ….


जो आए शरण तिहारी, विपदा मिट जाए सारी।
हम सब पर कृपा रखना, ओ जगत के पालनहारी॥
मैं आरती तेरी गाउँ….


राधा संग प्रीत लगाई, और प्रीत की रीत चलायी।
तुम राधा रानी के प्रेमी, जय राधे रास बिहारी॥
मैं आरती तेरी गाउँ….


माखन की मटकी फोड़ी, गोपीन संग अखियाँ जोड़ी।
ओ नटखट रसिया तुझपे, जाऊं मैं तो बलिहारी॥
मैं आरती तेरी गाउँ….


जब जब तू बंसी बजाये, सब अपनी सुध खो जाएँ।
तू सबका सब तेरे प्रेमी, ओ कृष्ण प्रेम अवतारी॥
मैं आरती तेरी गाउँ….


मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी।
मैं नित नित शीश नवाऊँ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी॥


Main Aarti Teri Gaun, O Keshav Kunj Bihari


Krishna Bhajan



मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी भजन का आध्यात्मिक महत्व

मैं आरती तेरी गाउँ भजन भगवान श्रीकृष्ण की आरती है, जिसमें उनकी सुंदरता, लीलाएं, प्रेम, कृपा और महिमा का गुणगान किया गया हैं।

इस भजन के माध्यम से हमें भक्ति, समर्पण, ईश्वर की शरण, और उनकी कृपा जैसी आध्यात्मिक बातों का संदेश मिलता है, जो हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता हैं।

इस भजन में भगवान कृष्ण को अलग-अलग नामों से भी संबोधित किया गया है, जो उनके स्वरूप और स्वभाव का वर्णन करते हैं।

इस भजन की पंक्तियों से हमें कई आध्यात्मिक सन्देश मिलते हैं। तो आइए, इस भजन का आध्यात्मिक अर्थ समझकर ईश्वर की आराधना और भक्ति में लीन हो जाये।


हम भगवान की आरती क्यों करते है?

मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी।

जब हम कृष्ण की आरती करते है और उनके सामने सिर झुकाते है, तो हम अपने आराध्य भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और अपना समर्पण व्यक्त करते है।

यह हमारे मन में भगवान के प्रति गहरी श्रद्धा और विश्वास को जगाता है।

  • केशव कुंज बिहारी – यह नाम भगवान कृष्ण को संदर्भित करता है, जो उनके विशेष भव्य रूप और वृंदावन में विहार करने की लीलाएं बयां करता हैं।

मैं नित नित शीश नवाऊँ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी॥

हे ईश्वर, मैं हर पल आपके सामने अपना सिर झुकाता हूं।

जब हम नियमित रूप से भगवान कृष्ण के सामने झुकाकर उनसे प्रार्थना करते है तो हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा और समर्पण की भावना प्रबल होती है। इससे क्या लाभ होता है, आगे की पंक्तियों में दिया गया है।

  • मोहन कृष्ण मुरारी – भगवान कृष्ण का प्यारा नाम है, जो उनके मनोरम और मनमोहक स्वभाव को दर्शाता है।

हम अपनी विपदाओं को कैसे दूर करें?

जो आए शरण तिहारी, विपदा मिट जाए सारी।

कृष्ण वह हैं जो कठिनाइयों को दूर करते हैं और सुरक्षा प्रदान करते हैं। जो जो भगवान् की शरण जाता है, भगवान उन सब पर कृपा करते हैं।

इसलिए जब हम भगवान् की शरण में जाते हैं,
उनके सामने अपने आप को समर्पित करते है,
तो हमारी सारी परेशानियां और प्रतिकूलताएं दूर हो जाती हैं,
सारी विपदाएँ मिट जाती हैं।

ईश्वर की कृपा से हमें सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है, और हम जीवन में सुख और आनंद का अनुभव करते हैं।

यह पंक्ति हमारे मन में भगवान के प्रति पूर्ण विश्वास और भरोसे को दर्शाती है।

हम सब पर कृपा रखना, ओ जगत के पालनहारी॥

इसलिए हमें ईश्वर से अपने और सभी पर कृपा करने की प्रार्थना करनी चाहिए।

हे ईश्वर, हम सभी पर अपना आशीर्वाद और कृपा बनाए रखना।

  • जगत के पालन-हारी – कृष्ण को संपूर्ण विश्व के पालनकर्ता और रक्षक के रूप में संदर्भित करता है।

इस प्रकार भजन की पंक्तियों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आराध्य भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण रखना चाहिए। हमें ईश्वर पर पूर्ण विश्वास और भरोसा करना चाहिए। ईश्वर की कृपा से हम अपनी सभी विपदाओं से मुक्त हो सकते हैं।

यह भजन हमें यह भी बताता है कि हमें अपने जीवन में ईश्वर के सामने आत्म-समर्पण करना चाहिए, अपने आप को ईश्वर के हाथों में सौंप देना चाहिए। ईश्वर की कृपा से हम अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।


Krishna Bhajan



मैं आरती तेरी गाउँ भजन की पंक्तियों का आध्यात्मिक अर्थ

है तेरी छबि अनोखी, ऐसी ना दूजी देखी।

“है तेरी छवि अनोखी” अर्थात “तुम्हारा रूप निराला है।” भक्त ने भगवान कृष्ण के दिव्य रूप को किसी अन्य के विपरीत, अतुलनीय रूप से विशेष बताया है। उनके जैसा खूबसूरत कोई नहीं है। भक्त, भगवान कृष्ण की विशिष्ट और अद्वितीय सुंदरता की प्रशंसा करते हुए कहता है कि उनके जैसा कोई और नहीं है।

तुझ सा ना सुन्दर कोई, ओ मोर मुकुटधारी॥

“तुझ सा ना सुंदर कोई” बताता है “तुम्हारे जैसा सुंदर कोई नहीं है।” “ओ मोर मुकुट-धारी” भगवान कृष्ण को संदर्भित करता है, जो अपने सिर पर मोर पंख (मोर मुकुट) पहनते हैं। यह श्लोक भगवान कृष्ण की अद्वितीय सुंदरता का गुणगान करता है।

राधा संग प्रीत लगाई, और प्रीत की रीत चलायी।

यह श्लोक राधा के साथ गहरा और प्रेमपूर्ण रिश्ता (प्रीत) स्थापित करने के लिए भगवान कृष्ण की प्रशंसा करता है, जो उनके बीच दिव्य बंधन का प्रतीक है।

तुम राधा रानी के प्रेमी, जय राधे रास बिहारी॥

“तुम राधा रानी के प्रेमी” का अर्थ है “तुम राधा रानी के प्रेमी हो।” यह श्लोक राधा के साथ कृष्ण के विशेष और अंतरंग बंधन को स्वीकार करता है। “जय राधे रास बिहारी” एक उत्सवपूर्ण उद्घोष है, जिसमें कृष्ण को राधा और गोपियों के साथ रास के दिव्य नृत्य में संलग्न बताया जाता है।

माखन की मटकी फोड़ी, गोपीन संग अखियाँ जोड़ी।

इस श्लोक में भगवान कृष्ण द्वारा मक्खन की मटकी (माखन की मटकी) को तोड़ने और गोपियों के साथ रास का वर्णन किया गया है, जो उनके साथ उनके प्रेमपूर्ण और आनंदमय संबंधों को दर्शाता है।

ओ नटखट रसिया तुझपे, जाऊं मैं तो बलिहारी॥

“ओ नटखट रसिया तुझपे” कृष्ण को शरारती और आकर्षक के रूप में संदर्भित करता है। भक्त अपनी गहरी भक्ति व्यक्त करते हुए कहते हैं कि वे ऐसे चंचल और मनोरम कृष्ण के लिए खुद को बलिहारी कर देंगे।

जब जब तू बंसी बजाये, सब अपनी सुध खो जाएँ।

“जब जब तू बंसी बजाएं” का अर्थ है “जब भी आप बांसुरी बजाएं।” यह कविता कृष्ण की बांसुरी वादन के मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रभाव पर प्रकाश डालती है, जिससे सभी प्राणी उनके दिव्य संगीत में खो जाते हैं।

तू सबका सब तेरे प्रेमी, ओ कृष्ण प्रेम अवतारी॥

“तू सबका सब तेरे प्रेमी” बताता है “तुम सबके प्रेमी हो; हर कोई तुम्हारा है।” “हे कृष्ण प्रेम अवतारी” कृष्ण को दिव्य प्रेम के अवतार के रूप में संदर्भित करता है। यह श्लोक कृष्ण के असीम और सार्वभौमिक प्रेम, सभी प्राणियों को गले लगाने पर जोर देता है।

संक्षेप में, भजन के बोल भगवान कृष्ण की अद्वितीय सुंदरता और प्रेमपूर्ण प्रकृति व्यक्त करते हैं। भक्त कृष्ण की सुरक्षा चाहता है, राधा के साथ अपने दिव्य प्रेम का जश्न मनाता है, और उनके प्रति पूर्ण समर्पण करने की इच्छा व्यक्त करता है। इस भावपूर्ण भजन में कृष्ण की बांसुरी की मनमोहक धुन और उनके सार्वभौमिक प्रेम का जश्न मनाया जाता है।

यह भजन भगवान कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रशंसा व्यक्त करता है। गायक कृष्ण के दिव्य रूप की विशिष्टता और सुंदरता की प्रशंसा करता है, उन्हें सभी परेशानियों से सुरक्षा और राहत के स्रोत के रूप में स्वीकार करता है। वे उनके सामने झुककर अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और अपने और सभी जीवित प्राणियों के लिए उनकी उदार कृपा और आशीर्वाद मांगते हैं।


Main Aarti Teri Gaun, O Keshav Kunj Bihari – Lyrics in English with Meanings


Main Aarti Teri Gaun, O Keshav Kunj Bihari

Main aarti teri gaaun, O Keshav Kunj Bihari
Main nit nit shish navaoon, O Mohan Krishna Murari


Hai teri chhabi anokhi, Aisi na dooji dekhi
Tujh sa na sundar koi, O Mor Mukut-dhaari
Main aarti teri gaun….


Jo aaye sharan tihaari, Vipadaa mit jaye saari
Hum sab par kirpa rakhana, O jagat ke paalan-haari
Main aarti teri gaun….


Radha sang preet lagaai, aur prit ki rit chalaai
Tum Radha rani ke premi, Jai Radhe raas bihari
Main aarti teri gaun….


Maakhan ki matki phodi, gopin sang akhiyaan jodi
O natkhat rasiya tujhpe, jaau main to balihaari
Main aarti teri gaun….


Jab jab tu bansi bajaaye, sab apni sudh kho jaye
Tu sabka sab tere premi, O Krishna prem avataari
Main aarti teri gaun….


Main aarti teri gaoo, O Keshav Kunj Bihari
Main nit nit shish navaoon, O Mohan Krishna Murari


Main Aarti Teri Gaun, O Keshav Kunj Bihari


Krishna Bhajan



Main Aarti Teri Gaun, O Keshav Kunj Bihari – Spiritual Meanings

Main aarti teri gaaun, O Keshav Kunj Bihari

In this sentence, devotees praise Lord Krishna and take a vow to sing his aarti. “Keshav Kunj Bihari” refers to Lord Krishna, using “O Keshav Kunj Bihari” to describe Krishna’s special grand appearance and his times in Vrindavan. Devotees worship Lord Krishna at his favorite place Keshav Kunj and worship him with devotion at his feet.

Main nit nit shish navaoon, O Mohan Krishna Murari

“Main nit nit shish navaoon” means “I bow my head every moment.” The devotee expresses their constant reverence and surrender to Lord Krishna by bowing down before him regularly. “O Mohan Krishna Murari” further addresses Lord Krishna with endearing names, emphasizing his captivating and enchanting nature.

Hai teri chhabi anokhi, Aisi na dooji dekhi

“Hai teri chhabi anokhi” means “Your appearance is unique.” The devotee describes Lord Krishna’s divine form as incomparably special, unlike any other. There is none as beautiful as him. The devotee praises the distinctive and unparalleled beauty of Lord Krishna, stating that there is no one else like him.

Tujh sa na sundar koi, O Mor Mukut-dhaari

“Tujh sa na sundar koi” conveys “There is no one as beautiful as you.” “O Mor Mukut-dhaari” refers to Lord Krishna, who wears a peacock feather (Mor Mukut) on his head. The verse glorifies the unparalleled beauty of Lord Krishna.

Jo aaye sharan tihaari, Vipadaa mit jaye saari

“Jo aaye sharan tihaari” means “Those who seek refuge in you.” The devotee acknowledges that those who take shelter in Lord Krishna find their troubles vanishing. “Vipadaa mit jaye saari” indicates that all adversities are dispelled by the grace of the Lord. Krishna is the one who dispels difficulties and provides protection.

Hum sab par kirpa rakhana, O jagat ke paalan-haari

“Hum sab par kirpa rakhana” is a plea to Lord Krishna to bestow his blessings and grace upon everyone. “O jagat ke paalan-haari” refers to Krishna as the sustainer and protector of the entire world. The devotee seeks divine protection and care from Lord Krishna for all beings.

Radha sang preet lagaai, aur prit ki rit chalaai

This verse praises Lord Krishna for establishing a deep and loving relationship (preet) with Radha, symbolizing the divine bond between them.

Tum Radha Rani ke premi, Jai Radhe Raas Bihari

“Tum Radha Rani ke premi” means “You are the lover of Radha Rani.” The verse acknowledges Krishna’s special and intimate bond with Radha. “Jai Radhe Raas Bihari” is a celebratory exclamation, hailing Krishna as the one who engages in the divine dance of Raas with Radha and the gopis.

Maakhan ki matki phodi, gopin sang akhiyaan jodi

This verse describes Lord Krishna playfully breaking the pot of butter (maakhan ki matki) and raas with the gopis, indicating his loving and joyful interactions with them.

O natkhat rasiya tujhpe, jaau main to balihaari

“O natkhat rasiya tujhpe” refers to Krishna as the mischievous and charming one. The devotee expresses their deep devotion, stating that they would sacrifice themselves (balihaari) for such a playful and captivating Krishna.

Jab jab tu bansi bajaaye, sab apni sudh kho jaye

“Jab jab tu bansi bajaaye” means “Whenever you play the flute.” The verse highlights the enchanting effect of Krishna’s flute playing, causing all beings to lose themselves in his divine music.

Tu sabka sab tere premi, O Krishna prem avataari

“Tu sabka sab tere premi” conveys “You are the lover of everyone; everyone is yours.” “O Krishna prem avataari” refers to Krishna as the incarnation of divine love. This verse emphasizes Krishna’s boundless and universal love, embracing all beings.

In summary, the bhajan lyrics express deep devotion and praise for Lord Krishna’s unparalleled beauty, loving nature, and playful interactions with his devotees. The devotee seeks Krishna’s protection, celebrates his divine love with Radha, and expresses their willingness to surrender completely to him. The enchanting melody of Krishna’s flute and his universal love are celebrated in this soul-stirring bhajan.

This bhajan expresses deep devotion and admiration for Lord Krishna. The devotee praises the uniqueness and beauty of Krishna’s divine form, acknowledging him as the source of protection and relief from all troubles. They offer their reverence by bowing before him and seek his benevolent grace and blessings for themselves and all living beings.


Krishna Bhajan



Mahamrityunjaya Mantra – with Meaning


Shiv Bhajan

महामृत्युंजय मंत्र – अर्थसहित


ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

Mahamrityunjaya mantra jap 108
महामृत्युंजय मंत्र जाप – १०८

Maha Mrityunjaya Mantra


महामृत्युंजय मंत्र के द्वारा हम भगवान् शिव की आराधना करते है। महामृत्युंजय मंत्र महामंत्र है। यह अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है तथा इसे संजीवनी मंत्र भी कहते है।

महामृत्युंजय मंत्र का नियमित श्रवण तथा उच्चारण जीवन में शांति, सुख व समृद्धि लाता है। इस मंत्र के जाप से दुर्भाग्य, अमंगल तथा विपत्तियाँ मनुष्य से दूर रहती है।

Blessings of Lord Shiv
महामृत्युंजय मंत्र – १०८ बार

Mahamrityunjaya Mantra – Meaning in Hindi

ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

त्रयंबकम त्रि-नेत्रों वाले (तीन नेत्रों वाले)
यजामहे – हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं

सुगंधिम – मीठी महक वाले, सुगंधित
पुष्टि – एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन
वर्धनम – वह जो पोषण करते है, शक्ति देते है, (स्वास्थ्य, धन, सुख में वृद्धिकारक); जो हर्षित करते है, आनन्दित करते है

हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं।


उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

उर्वारुकम – ककड़ी
इव – जैसे, इस तरह
बंधना – तना

मृत्युर मृत्यु से
मुक्षिया – हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें
मा – न
अमृतात – अमरता, मोक्ष

उनसे (भगवान शिव से) हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेलरूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बन्धनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं।

महामृत्युंजय मंत्र भावार्थ

भावार्थ – 1

हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं।

उनसे (भगवान् शिवजी से) हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेलरूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बन्धनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं।


भावार्थ – 2

हम त्रि-नेत्रीय शिवजी का चिंतन करते हैं, जो जीवन की मधुर परिपूर्णता को पोषित करते है और वृद्धि करते है। ककड़ी की तरह हम इसके तने से अलग (“मुक्त”) हों, अमरत्व से नहीं बल्कि मृत्यु से हों।

ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

ओम त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

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Shiv Bhajans

Mahamrityunjaya Mantra – with Meaning

Shankar Sahney

Mahamrityunjaya Mantra – with Meaning


Om Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pusti-vardhanam
Urvarukam-iva Bandhanan
Mrtyor Muksiya Mamritat


Om Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pusti-vardhanam

Tryambakam – the three-eyed one, shiv
Yajamahe – we worship, we sacrifice
Sugandhim – the fragrant, the virtuous, the supreme being
Pusti-vardhanam – who nourishes all beings, the bestower of nourishment, wealth, perfection (him who possesses the growth of nourishment)


Urvarukam-iva Bandhanan
Mrtyor Muksiya Mamritat

Urvarukamiva – as cucumber
Bandhanan – from bondage, from the stalk/stem
Mrtyor – from death
Muksiya – may I be freed/released
Mamritat – not from immortality

Mahamrityunjaya Mantra Meaning

We Meditate on the Three-eyed reality (Lord Siva) which permeates and nourishes all like a fragrance.
Or
We worship the three-eyed one (Lord Siva, the spreme being) who nourishes all beings like a fragrance (bestower of nourishment, wealth, perfection);

May He liberate me from the death, for the sake of Immortality, as the cucumber is severed from its bondage (of the creeper).

Maha Mrityunjaya Mantra – with Meaning
Mahamrityunjaya Mantra – with Meaning

Shiv Bhajans

Maiya Main Nihaal Ho Gaya – Lyrics in English


Maiya Main Nihaal Ho Gaya

Main nahi maangu Maiya,
meri lottery lagwaana
Na maangu mai bangla gaadi
aur na hi maal khajana

O bin maange tere dar se
har poori hui muraad
Bas bhakt ko har saal ai Maiya
apne dar pe tu bulwaana


Sab kardi, sab kardi muraade poori
Maiya main nihaal ho gaya

Ab uljhan na koi majboori
O maiya ye kamaal ho gaya

Maa kardi muraade poori
Koi aas rahi na adhoori
Aas rahi na adhoori
Mai baantoo halava churi


Jab se jagai Maa jyot tere naam ki
ajab ujaala ek chhaaya hai

Maiya dayavan toone diya dono haatho se
itna ki jholi na samaaya hai

Hai shukar (shukriya) karana bhi to jaroori
Tera karana shukar hai jaroori
Ye bhakt maala maal ho gaya hai

Sab kardi muraade poori
O Maiya main nihaal ho gaya

Maa karadi muraade poori
Koi aas rahi na adhoori
Aas rahi na adhoori
Mai baantoo halava churi


Koi kalyaani, koi kasht nivaarani,
koi varadaani kah pukaarta

Atal bharosa jise sachchi lagan hai
Vahi tere jalave nihaarta, Maa

Maa bete mein mit gayi doori
Maa aur bete mein mit gayi doori
ye naata bemisaal ho gaya

Sab kardi muraade poori
O Maiya main nihaal ho gaya

Maa kardi muraade poori
Koi aas rahi na adhoori
Aas rahi na adhoori
Mai baantoo halava churi


Man beiimaan rahe hardam doltaa
duniya ka moh bharmaaye hai

Bhakti raah me phisalate hai paanv rakhe
bhakt ko daya teri bachaaye hai

Dedi dar ki bhakt ko majoori
Maa poora har savaal ho gaya

Sab kardi muraade poori
O Maiya main nihaal ho gaya


Sab kardi muraade poori
O Maiya main nihaal ho gaya

Ab ulajhan na koi majaboori
O maiya ye kamaal ho gaya

Sab kardi muraade poori
O Maiya main nihaal ho gaya

Maiya main nihaal ho gaya
Maiya ye kamaal ho gaya
O Maiya main nihaal ho gaya


Maiya Main Nihaal Ho Gaya


Durga Bhajan



 

Maiya Main Nihaal Ho Gaya – Lyrics in Hindi


मैया मै निहाल हो गया

मैं नहीं मांगू मैया,
मेरी लॉटरी लगवाना
ना मांगू मै बंगला गाड़ी
और ना ही माल खजाना

ओ बिन मांगे तेरे दर से
हर पूरी हुई मुराद
बस भक्त को हर साल ऐ मैया
अपने दर पे तू बुलवाना


सब करदी, सब करदी मुरादे पूरी
मैया मै निहाल हो गया

अब उलझन न कोई मजबूरी
ओ मैया ये कमाल हो गया

माँ करदी मुरादे पूरी
कोई आस रही ना अधूरी
आस रही ना अधूरी
मै बांटू हलवा चुरी


जब से जगाई माँ ज्योत तेरे नाम की
अजब उजाला एक छाया है

मैया दयावान तूने दिया दोनों हाथो से
इतना की झोली ना समाया है

है शुकर (शुक्रिया) करना भी तो जरूरी
तेरा करना शुकर है जरूरी
ये भक्त माला माल हो गया है

सब करदी मुरादे पूरी
ओ मैया मै निहाल हो गया

माँ करदी मुरादे पूरी
कोई आस रही ना अधूरी
आस रही ना अधूरी
मै बांटू हलवा चुरी


कोई कल्याणी, कोई कष्ट निवारणी
कोई वरदानी कह पुकारता

अटल भरोसा जिसे सच्ची लगन है
वही तेरे जलवे निहारता, माँ

माँ बेटे में मिट गयी दूरी
माँ और बेटे में मिट गयी दूरी
ये नाता बेमिसाल हो गया

सब करदी मुरादे पूरी
ओ मैया मै निहाल हो गया

माँ करदी मुरादे पूरी
कोई आस रही ना अधूरी
आस रही ना अधूरी
मै बांटू हलवा चुरी


मन बेईमान रहे हरदम डोलता
दुनिया का मोह भरमाये है

भक्ति राह में फिसलते है पाँव रखे
भक्त को दया तेरी बचाये है

देदी दर की भक्त को मजूरी
माँ पूरा हर सवाल हो गया

सब करदी मुरादे पूरी
ओ मैया मै निहाल हो गया


सब करदी मुरादे पूरी
ओ मैया मै निहाल हो गया

अब उलझन न कोई मजबूरी
ओ मैया ये कमाल हो गया

सब करदी मुरादे पूरी
ओ मैया मै निहाल हो गया

मैया मै निहाल हो गया
मैया ये कमाल हो गया
ओ मैया मै निहाल हो गया


Maiya Main Nihaal Ho Gaya


Durga Bhajan



Mata Vaishno ke Aaye Navratre – Lyrics in English


Mata Vaishno ke Aaye Navrate

Malne bana de ek sehra ni
Mata Vaishno ke aaye navrate

Malne bana de ek sehra ni,
sehara ni
Mata Vaishno ke aaye navrate.

Mata Vaishno ke aaye navrate ni
Sherawali Maa ke aaye navratre.


Dil naachta khushi se mera ni,
mera ni
Mata Vaishno ke aaye navrate.

Maline bana de ek sehra ni,
sehara ni
Mata Vaishno ke aaye navratre.


Phool shraddha ke honge jab arpan,
shuddh hoyega re manva ka darpan.

Jab charano mein jhukegi yah bhaavana,
ho jaegi re poori manokamna.

Hoga jindagi mein naya savera ni,
savera ni
Mata Vaishno ke aaye navrate.

Malne bana de ek sehra ni,
sehara ni
Mata Vaishno ke aaye navaratre.


Shuddh bhaav ki jagegi jab jyoti,
Maa mamata ke degi hame moti.

Ganga bhavano mein bhakti ki bahegi,
aas koi na adhoori yahaan rahegi.

Mit jaayega dukho ka andhera nee,
andhera nee
Mata Vaishno ke aaye navrate.

Malne bana de ek sehra nee,
sehara nee
Mata Vaishno ke aaye navrate.


Maa sanmukh degi hame darshan
phal bhakton ko dega yah archan.

Sheesh nishtha se jo bhi jhukayenge
kaaj sabke hi siddh ho jayenge.

Toot jayega musibato ka ghera ni,
ghera ni
Mata Vaishno ke aaye navrate.

Malne bana de ek sehra ni,
sehara ni
maata vaishno ke aae navaraate.


Mata Vaishno ke aaye navrate ni
Sheravaali Maa ke aaye navaratre.

Dil naachata khushi se mera ni,
mera ni
Mata Vaishno ke aaye navrate.

Malne bana de ek sehra ni,
sehara ni
Mata Vaishno ke aaye navrate.


Mata Vaishno ke Aaye Navrate


Durga Bhajan



 

Mata Vaishno ke Aaye Navratre – Lyrics in Hindi


माता वैष्णो के आए नवरात्रे

मालिने बनादे एक सेहरा नी,
सेहरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे।

माता वैष्णो के आए नवराते नी
शेरावाली माँ के आए नवरात्रे।


दिल नाचता ख़ुशी से मेरा नी,
मेरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे॥

मालिने बनादे एक सेहरा नी,
सेहरा नी
माता वैष्णो के आए नवराते।


फूल श्रद्धा के होएंगे जब अर्पण,
शुद्ध होएगा रे मनवा का दर्पण।

जब चरणों में झुकेगी यह भावना,
हो जाएगी रे पूरी मनोकामना।

होगा जिंदगी में नया सवेरा नी,
सवेरा नी
माता वैष्णो के आए नवराते॥

मालिने बनादे एक सेहरा नी,
सेहरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे।


शुद्ध भाव की जगेगी जब ज्योति,
माँ ममता के देगी हमें मोती।

गंगा भवनों में भक्ति की बहेगी,
आस कोई ना अधूरी यहाँ रहेगी।

मिट जायेगा दुखो का अन्धेरा नी,
अन्धेरा नी
माता वैष्णो के आए नवराते॥

मालिने बनादे एक सेहरा नी,
सेहरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे।


माँ सन्मुख देगी हमें दर्शन
फल भक्तों को देगा यह अर्चन।

शीश निष्ठा से जो भी झुकाएंगे
काज सबके ही सिद्ध हो जाएंगे।

टूट जाएगा मुसीबतों का घेरा नी,
घेरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे॥

मालिने बनादे एक सेहरा नी,
सेहरा नी
माता वैष्णो के आए नवराते।


माता वैष्णो के आए नवरात्रे नी
शेरावाली माँ के आए नवरात्रे।

दिल नाचता ख़ुशी से मेरा नी,
मेरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे॥

मालिने बनादे एक सेहरा नी,
सेहरा नी
माता वैष्णो के आए नवरात्रे।


Mata Vaishno ke Aaye Navrate


Durga Bhajan