वो काला एक बांसुरी वाला


वो काला एक बांसुरी वाला

वो काला एक बांसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे।
सुध बिसरा गया मोरी

वो काला एक बांसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे।
सुध बिसरा गया मोरी

माखन चोर जो, नंदकिशोर वो,
कर गयो मन की चोरी रे॥
सुध बिसरा गया मोरी
वो काला एक बांसुरी वाला

पनघट पे मोरी बईया मरोड़ी,
मैं बोली तो मेरी मटकी फोड़ी।
पईया पडू करूँ बीनती मैं पर,
माने ना एक वो मोरी रे॥
सुध बिसरा गया मोरी

वो काला एक बांसुरी वाला
सुध बिसरा गया मोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी

छुप गयो फिर एक तान सुना के,
कहाँ गयो एक बाण चला के।
गोकुल ढूंढा मैंने मथुरा ढूंढी,
कोई नगरिया ना छोड़ी रे॥
सुध बिसरा गया मोरी

वो काला एक बांसुरी वाला
सुध बिसरा गया मोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी

माखन चोर जो, नंदकिशोर वो,
कर गयो मन की चोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी
वो काला एक बांसुरी वाला

वो काला एक बांसुरी वाला


Wo Kala Ek Bansuri Wala

Anup Jalota


Krishna Bhajan