गोकुल में बजत है बधैया, नन्द के घर जन्मे कन्हैया


गोकुल में बजत है बधैया

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया।

आये वसुधा पे तारणहार,
पार ब्रम्ह का हुआ अवतार।
बनी जाकि यशोदा मैया,
नन्द के घर जन्में कन्हैया॥

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया


कैसी हरि ने लीला रचाई,
गोप ग्वाल बने हरि राई।
बन्यो दाऊ जाको बड़ भैया,
नन्द के घर जन्में कन्हैया॥

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया


सारी नगरी में धूम मंची भारी,
नाचे गाये सब नर- नारी।
पग थिरकत है ता ता थैया,
नन्द के धर जन्में कन्हैया॥

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया


लगे तोरण पताका नगर में,
मंगलाचार होवे घर घर में
श्याम जी की लेवे सब बलैया,
नन्द के धर जन्में कन्हैया॥

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया


बाबा नन्द जी बांटे मिठाई,
आई आई रे शुभ घड़ी आई।
बहे मंद सुगंध पुरवैंया,
नन्द के घर जन्में कन्हैया॥

गोकुल में बजत है बधैया,
नन्द के घर जन्मे कन्हैया

Nand Ke Ghar Janme Kanhaiya


Krishna Bhajan