मंगल मुरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे


मंगल मुरति राम दुलारे

[मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे।
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण॥]


तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखिओं का तूने काज सँवारा।
हे जगवंदन, केसरी नंदन,
कष्ट हरो हे कृपा निधान॥

[मंगल मुरति राम दुलारे….]


तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया।
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान॥

[मंगल मुरति राम दुलारे….]


तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा।
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजे ध्यान॥

[मंगल मुरति राम दुलारे….]


मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे।
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण॥


Mangal Murati Ram Dulare

Gulshan Kumar, Hariharan

Hari Om Sharan


Hanuman Bhajan



मंगल मुरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे

भक्ति और विश्वास हमारे जीवन की सबसे बड़ी शक्तियां हैं। जब हम ईश्वर पर भरोसा करते हैं और उनकी आराधना करते हैं, तो वह हमारी सभी समस्याओं को दूर करने में हमारी मदद करते है।

पवनपुत्र हनुमानजी भगवान् राम के प्रिय हैं। वे मंगलकारी हैं, दुखियों का कष्ट दूर करते हैं, कष्ट हरने वाले हैं, कृपा निधान हैं, उनके द्वार पर आने वाले किसी को खाली नहीं लौटाते हैं, दुर्गम काज भी आसान कर देते हैं, और उनके सुमिरन से रोग और पीड़ा दूर हो जाते हैं। हनुमानजी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

इसलिए हनुमान जी से यह प्रार्थना है कि हमें जीवन में मंगलमय वरदान दें। साथ ही साथ हमें हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और अपने जीवन में मंगलमय परिवर्तन लाने की कोशिश करनी चाहिए।


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